इस जवान से क्यों थरथर कांपते हैं आतंकवादी, अब तक 58 को कर चुके हैं ढेर.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हरियाणा में जींद के जुलाना क्षेत्र के गांव लजवाना खुर्द के सैनिक सोनू अहलावत को दिल्ली के वसंत कुंज में शनिवार को शौर्य दिवस के मौके पर गृह सचिव अजय कुमार के हाथों गेलैंट्री अवार्ड मिला है। 26 जनवरी 2021 को सोनू का नाम अवार्ड के लिए चयनित हुआ था, लेकिन कोरोना काल के चलते उन्हें यह अवार्ड नहीं मिल पाया था। सोनू को अवार्ड मिलने से पूरे परिवार और गांव में खुशी का माहौल बना हुआ है।
किसान परिवार में जन्मे सोनू
एक किसान परिवार में जन्मे सोनू अहलावत का बचपन से ही सपना था कि वो सेना में भर्ती होकर देश का नाम रोशन करें। सोनू के पिता एक किसान हैं और माता एक गृहिणी है। सोनू का चयन सीआरपीएफ में 21 मार्च 2012 को हुआ था। सोनू की पहली पोस्टिंग छतीसगढ़ के नक्सल एरिया में हुआ था। सोनू ने बताया कि 5 अगस्त 2017 को उसकी पोस्टिंग श्रीनगर में हो गई।
26 जनवरी 2019 को श्रीनगर के खुनमू में आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल होने के बाद भी उसने हिम्मत नही हारी और पाकिस्तानी आतंकवादियों ने लगातार लड़ता रहा। इस आपरेशन में उसने दो आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था। आपरेशन पूरा होने के बाद सोनू ने अपनी चोटों के बारे में साथियों को बताया। सैनिकों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जहां पर सोनू के पैर से गोली निकली और जबड़े का जटिल आपरेशन हुआ।
अब तक 58 आतंकवादियों को मारा
सोनू बताया कि उसने अब तक 22 आपरेशनों में भाग लिया है और 58 आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा है। उनकी वैली क्वाट आपरेशन टीम पूरी दुनिया में मशहूर है जो आपरेशन पर जाने के बाद कामयाब होकर ही लौटती है। सोनू दो आपरेशन में गंभीर रूप से घायल हो चुका है। सोनू की सेना में 10 साल की सर्विस हो चुकी है। सोनू के पिता किसान रणबीर सिंह ने बताया कि उनके बेटे को अवार्ड मिलने पर पूरे गांव में खुशी की लहर है। उनके परिवार की इच्छा थी कि उनके परिवार का कोई बच्चा सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करे। उनके छोटे बेटे सोनू ने उनके परिवार की इच्छा पूरी करते हुए सेना में भर्ती होकर देश और गांव का नाम रोशन किया है।
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