जेएनयू में पूजा के विरोध से बिगड़ा माहौल–विवि प्रशासन.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रामनवमी को छात्रों के दो गुटों के बीच हुई मारपीट के मामले को नया रंग देने की हो रही कोशिश के बीच शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जानना चाहा है कि विवाद का केंद्र सिर्फ एक छात्रावास ही क्यों बना है। इस मामले में एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठनों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई हैं। पत्रकार वार्ता कर घटना से जुड़े वीडियो भी जारी किए। पुलिस को आठ शिकायतें मिली थीं।
दोनों ओर से क्रास एफआइआर दर्ज
वसंत कुंज नार्थ थाना पुलिस ने दोनों ओर से क्रास एफआइआर दर्ज की है। इसमें वामपंथी संगठनों से जुड़े 14 छात्रों को नामजद किया गया है। जिला पुलिस उपायुक्त ने मामले की जांच के लिए एसीपी के नेतृत्व में दो टीमें बना दी हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन बोला- नानवेज को बेवजह मुद्दा बनाया जा रहा
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से मंत्रालय को जो प्रारंभिक जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक नानवेज को बेवजह मुद्दा बनाया जा रहा है, उसका विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। न ही विश्वविद्यालय में इसके खाने पर कोई रोक है। रामनवमी पर पूजा का विरोध किए जाने की वजह से ही विवाद बढ़ा। कुलसचिव प्रो. रविकेश ने बताया कि खुद कुलपति प्रो. शांतिश्री पंडित ने कावेरी छात्रावास पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और छात्रों से शांति बनाए रखने के लिए कहा है।
पुलिस ने जेएनयू प्रशासन से की बात
मामले की जांच कर रही पुलिस ने सोमवार को जेएनयू प्रशासन और शिकायतकर्ताओं से बातचीत की। इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो के जरिये पुलिस ने करीब 30 छात्रों की पहचान की है। इनमें 12 से 14 छात्रों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। पुलिस फिलहाल साक्ष्य के लिए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को सुरक्षित कर रही है। पुलिस पता कर रही है कि रामनवमी की पूजा नहीं करने देने संबंधी पोस्टर कब और किसने लगवाए थे।
परिसर में सुरक्षा बढ़ी
एहतियातन विवि परिसर के अंदर व बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। मुख्य गेट सहित सभी गेट पर पुलिस बल तैनात है। परिसर में सिर्फ जेएनयू के छात्रों और स्टाफ को ही आइकार्ड देखकर अंदर जाने दिया जा रहा है।
लाठी-डंडे लेकर पूजा रोकने पहुंचे थे वामपंथी : एबीवीपी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की जेएनयू इकाई अध्यक्ष रोहित ने पत्रकार वार्ता में कहा कि छात्रों ने रामनवमी पर पूजा करने का निर्णय लिया था। इसके बाद से ही वामपंथी छात्र धमकी दे रहे थे। उनका कहना था कि किसी भी कीमत पर जेएनयू में पूजा नहीं करने दी जाएगी। इसके बाद कावेरी हास्टल के वार्डन के नाम से लिखा फर्जी पत्र जारी करके पूजा रोकने की कोशिश की गई। इस पत्र में संबंधित अथारिटी के हस्ताक्षर व मुहर तक नहीं थी।
लाठी-डंडे, पत्थर और राड लेकर पहुंचे थे वामपंथी
रोहित ने कहा कि रविवार को भी पूजा रोकने के लिए करीब 150 वामपंथी फर्जी लेटर, लाठी-डंडे, पत्थर और राड लेकर पहले ही पहुंच गए और पूजा के लिए लगाए गए झंडे फाड़ दिए। इससे साढ़े तीन बजे से शुरू होने वाली पूजा साढ़े पांच बजे शुरू हो सकी। रोहित ने कहा कि रविवार को परिसर के सभी हास्टल में मांसाहार बना था, जबकि रामनवमी पूजा के कारण सबकी सहमति से तय हुआ था कि कावेरी हास्टल के मेस में मांसाहार नहीं बनेगा। इसके बावजूद वामपंथी जानबूझकर चिकन के एजेंडे को बीच में ला रहे हैं।
वामपंथियों का मांसाहार नहीं बनने देने का आरोप
वामपंथी छात्र संगठन एसएफआइ के अध्यक्ष हरेंद्र ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी पदाधिकारियों ने कावेरी हास्टल में मांसाहार (चिकन) नहीं बनने दिया। मीट सप्लाई करने वाले वेंडर को भगा दिया, जिससे बहुत से छात्रों को भूखे रहना पड़ा। डीएसएफ की अध्यक्ष स्वाति सिंह ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के लोगों के हमले में कई छात्र चोटिल हुए हैं।
आइसा ने किया पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन, 70 हिरासत में
एबीवीपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग करते हुए पुलिस मुख्यालय के नजदीक आइसा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में 70 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है, जिनमें 22 युवतियां हैं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर अभद्रता और बदसुलूकी का आरोप लगाया है।
एक धड़ा कर रहा था पूजा का विरोध
रामनवमी पर कावेरी छात्रावास के छात्र पूजा और हवन करना चाहते थे। छात्रों का एक धड़ा पूजा का विरोध कर रहा था। विरोध बढ़ा तो वार्डन और स्टूडेंट वेलफेयर डीन प्रो. सुधीर प्रताप सिंह ने बीच बचाव किया था। इसके बाद हवन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। इससे नाराज छात्रों के एक धड़े ने रात्रि के भोजन के समय विवाद खड़ा कर दिया। इससे धक्कामुक्की शुरू हो गई। जहां तक मांसाहार बनाने या नहीं बनाने की बात है तो मेस का संचालन छात्रों की कमेटी करती है। इसमें जेएनयू प्रशासन का कोई लेना देना नहीं है।
– प्रो. रविकेश, कुलसचिव, जेएनयू
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