रोपवे हादसे को जिसने देखा फट गया उसका कलेजा

रोपवे हादसे को जिसने देखा फट गया उसका कलेजा.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

झारखंड के देवघर के त्रिकुट पर्वत के रोपवे हादसे में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने हादसे के लिए झारखंड सरकार को जिम्‍मेवार ठहराते हुए सीबीआइ जांच की मांग की है। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि रोप वे का संचालन केंद्र सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक नहीं हो रहा था। बिना एग्रीमेंट के तीन साल से रोपवे संचालित था। केंद्र की एसओपी की अनदेखी की गई है। झारखंड सरकार ने रोपवे संचालन की अनुमति तक नहीं ली है। सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि रोपवे का एग्रीमेंट 2019 में ही समाप्त हो गया था। जिसको बाद में स्वत: रिनुअल कर दिया गया।

देवघर त्रिकुट रोप-वे रेस्क्यू आपरेशन पूरा कर लिया गया है। इसमें 290 से अधिक जवान लगाए गए। भारतीय सेना के एक बिग्रेडियर, दो कर्नल के साथ 50 जवान व मेडिकल टीम यहां दिन-रात लोगों को बचाने में जुटी रही। वहीं आइटीबीपी के 50 जवान व अधिकारी भी रेस्‍क्यू में मुस्‍तैद रहे। एनडीआरएफ के 70 जवान व अधिकारी के साथ ही वायुसेना के पांच हेलीकाप्टर के साथ 20 लोगों की टीम रोपवे में फंसे लोगों को निकालने में जुटी रही। देवघर जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों के साथ 100 से अधिक पुलिस बल को रेस्‍क्‍यू में उतारा गया।

इधर सीएम हेमंत सोरेन की सरकार में पर्यटन मंत्री हफिजुल हसन ने तीन दिन के राहत-बचाव कार्य के लिए वायुसेना, थलसेना, आइटीबीपी, एडीआरएफ व जिला प्रशासन की सराहना की। कहा कि दुर्गम स्थान पर फंसे 48 में से 46 को सकुशल बचा लिया गया, जबकि दो लोगों की मौत हो गई। इधर, मुख्यमंत्री ने मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की बात कही है। झारखंड सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। जबकि सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर रोपवे हादसा के लिए सीधे तौर पर देवघर के उपायुक्त को जिम्मेवार ठहराते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है। सांसद ने कहा कि डीसी पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। इधर देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि हादसे की जांच के बाद ही सही कारण का पता चल पाएगा।

टूट गई उम्मीद, मां की जान नहीं बची

देवघर में त्रिकुट पर्वत पर चल रहे रेस्क्यू आपरेशन के दौरान हादसे में जान गंवाने वाली देवघर के राममंदिर रोड शोभा देवी को जब एंबुलेंस से सदर अस्पताल लाया गया। तो सभी को उनके जिंदा बचने की उम्मीदें थीं। एंबुलेंस से उतार कर उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाया गया तो बेटे कुमार गौरव ने मां का शरीर छूकर पता लगाने का प्रयास कर रहे थे कि उनकी हालत कैसी है। स्ट्रेचर को इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया। इसके बाद वार्ड को बंद कर दिया। किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। स्वजनों व अन्य लोगों में उनका हाल जानने की बैचेनी थी। कुछ देर बाद जब चिकित्सक ने मौत की पुष्टि की तो वार्ड के बाहर बैठे पुत्र कुमार गौरव फफक उठे।

मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा

हेमंत सरकार ने देवघर के त्रिकुट पर्वत रोपवे हादसा में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है। हादसे में घायल लोगों का इलाज सरकारी खर्च पर कराया जाएगा।

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