कृमि मुक्ति अभियान: 1 से 19 साल तक के बच्चों को खिलाई जाएगी दवा
• बच्चों के पोषण की स्थिति में सुधार व गुणवत्तापूर्ण जीवन उपलब्ध कराना अभियान का मुख्य उद्देश्य
• कोरोना प्रोटोकोल को ध्यान में रखते हुए होगा अभियान का संचालन
• उम्र के अनुपात में कराया जायेगा दवा का सेवन
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा , (बिहार):
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देश पर जिले में आगामी 22 अप्रैल को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। जिसके तहत आंगनबाड़ी केंद्र अंतर्गत व स्कूलों में अध्ययनरत एक से 19 साल तक के बच्चों को कृमिनाशक अल्बेंडाजोल दवा का सेवन कराया जाना है। इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति तैयारी में जुटी हुई है। साथ ही, विभागीय स्तर से प्राप्त लक्ष्य के अनुरूप ही, बच्चों को दवाओं का सेवन कराया जायेगा। 22 अप्रैल को दवा सेवन से वंचित बच्चों को दवा खिलाने के लिये 26 अप्रैल को मॉपअप राउंड संचालित कर दवा खिलायी जायेगी। कार्यक्रम में जिले के सभी निजी व सरकारी विद्यालय बढ़-चढ़ कर अपनी सहभागिता निभायेंगे। इसके लिये माइक्रोप्लान तैयार करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया।
कोरोना प्रोटोकोल को ध्यान में रखते हुए होगा अभियान का संचालन :
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि कोरोना प्रोटोकोल को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान का संचालन किया जाएगा। बच्चों के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, पोषण की स्थिति में सुधार व उन्हें गुणवत्तापूर्ण जीवन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कार्यक्रम का सफल संचालन महत्वपूर्ण है। उन्होंने सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित व अनामांकित 01 से 19 साल तक के बच्चों को चिह्नित करते हुए कृमि नाशक दवा का सेवन सुनिश्चित कराना है। उन्होंने बताया, स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, जीविका सहित अन्य विभागों के परस्पर से सहयोग अभियान की सफलता के लिये जरूरी है। इसके लिए प्रखंड स्तर पर सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ,निजी विद्यालय के संचालकों के साथ इसे लेकर बैठक आयोजित कराई जाएगी।
आंगनबाड़ी केंद्रों को उपलब्ध कराई जाएगी दवाएं :
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए त्रिस्तरीय माइक्रो प्लान बनाया जायेगा। जिसमें आशा, आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूलों को शामिल किया जायेगा। दवा खाने के बाद यदि किसी बच्चे का जी मिचलाने की शिकायत हो तो घबराने की जरूरत नहीं है। उसे तुरंत स्वच्छ पानी पिलाएं एवं बेड पर लिटा दें। लिहाजा मिचली बंद हो जाएगी। अगर विशेष दिक्कत हो तो निकट के सरकारी अस्पताल में ले जाकर डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
उम्र के अनुपात में कराया जायेगा दवा का सेवन:
• 1 से 2 वर्ष के बच्चे- आधी गोली को चूरकर स्वच्छ पानी में मिलकर चम्मच से पिलाना
• 2 से 6 वर्ष तक के बच्चे- एक पूरी गोली चूरकर पानी के साथ
• 6 से 19 वर्ष तक के बच्चे- पूरी एक गोली चबाकर पानी के साथ
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