पूर्णिया जिलाधिकारी के प्रयासों से 3 वर्षों से बंद सिजेरियन ऑपरेशन हुआ शुरू
-धमदाहा अस्पताल में सिजेरियन व्यवस्था शुरू होने से गर्भवती महिलाओं को मिलने लगी सुविधाएं:
-जिलाधिकारी के दिशा-निर्देश में शुरू किया गया सिजेरियन ऑपरेशन: आरपीएम
-स्थानीय अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन शुरू होने से 15 लाख की आबादी होगी लाभान्वित: एमओआईसी
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया,(बिहार):
जिलाधिकारी राहुल कुमार जब भी ज़िले के किसी भी क्षेत्र का दौरा करने के लिए निकलते तो सरकारी अस्पतालों का भी औचक निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं। क्योंकि स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त एवं दुरुस्त होना चाहिए। इसके लिए समय-समय पर समीक्षा बैठक, विभिन्न अस्पतालों का निरीक्षण, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सभी तरह के कार्यक्रमों के संचालन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विगत दिनों समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग एवं यूनिसेफ़ के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा था कि अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा में संस्थागत प्रसव तो होता है लेकिन सिजेरियन ऑपरेशन के लिए जिला मुख्यालय स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। जिसको लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर शुरू करने का आदेश दिया गया था। जिसके आलोक में धमदाहा अस्पताल के एमओआईसी ने सभी तरह की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अधिकारियों को संज्ञान देते हुए गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
-जिलाधिकारी के दिशा-निर्देश में शुरू किया गया सिजेरियन ऑपरेशन: आरपीएम
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमूल होदा ने बताया कि विगत दिनों स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी के द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा में सिजेरियन ऑपरेशन की व्यवस्था शुरू करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया था। जिसके आलोक में एक सप्ताह के अंदर धमदाहा के एमओआईसी, यूनिसेफ़ एवं केयर इंडिया के सहयोग से आपसी समन्वयक स्थापित कर सिजेरियन ऑपरेशन की व्यवस्था बहाल कर दी गई है। क्योंकि विगत कई वर्षो से सिजेरियन ऑपरेशन की व्यवस्था नही थी। हालांकि संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव कराया जा रहा था। सबसे अहम बात यह है कि स्थानीय अस्पताल को अभी तक लक्ष्य प्रमाणीकरण या कायाकल्प योजना के तहत मान्यता प्राप्त नही है। लेकिन इसके बावजूद संस्थागत प्रसव के हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध थी। इसके साथ ही अब सिजेरियन ऑपरेशन की भी व्यवस्था शुरू हो गई हैं। इसके लिए सिजेरियन ऑपरेशन में जो भी अत्याधुनिक तकनीक होनी चाहिए थी वह सब उपलब्ध करा दी गई है। लक्ष्य या कायाकल्प योजना के तहत प्रमाणीकरण के बाद इसकी पहचान आसपास के इलाकों में बेहतर हो जाएगी। क्योंकिं प्रसव कक्ष व ऑपरेशन थियेटर को बेहतर करने के उद्देश्य से इस तरह की योजनाओं की प्रमाणीकरण के लिए अलग से व्यवस्था की जाती है।
-स्थानीय अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन शुरू होने से 15 लाख की आबादी होगी लाभान्वित: एमओआईसी
अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राज आर्यन ने बताया कि विगत तीन वर्षों के बाद पहली बार गर्भवती महिला का सिजेरियन ऑपरेशन किया गया है। जिसमें जच्चा व बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य है। हालांकि संस्थागत व सुरक्षित प्रसव अनवरत जारी था। स्थानीय प्रखंड के रंगपुरा गांव से आई गर्भवती महिला को प्रसव से पहले जांच करने के बाद पता चला कि संस्थागत प्रसव नहीं हो सकता है। जिस कारण सिजेरियन के लिए पहले से महिला रोग विशेषज्ञ के द्वारा गठित टीम ने अतिसंवेदनशील गर्भवती महिला का प्रसव ऑपरेशन के बाद कराया गया है। जिसमें जच्चा व बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हैं। विगत तीन वर्षों से कोविड-19 संक्रमण काल एवं कुछ तकनीकी कारणों से सिजेरियन ऑपरेशन नहीं किया जा रहा था। स्थानीय अस्पताल के प्रसव कक्ष में दो महिला रोग विशेषज्ञ, एक पुरुष चिकित्सक, एसबीए एवं अमानत सहित कई अन्य तरह से प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षित स्टाफ़ नर्स की प्रतिनियुक्ति की गई है। ताकि किसी भी तरह की क्रिटिकल सिजेरियन ऑपरेशन कर सुरक्षित प्रसव कराया जा सके। स्थानीय धमदाहा प्रखंड के सभी 26 पंचायतों सहित बड़हरा कोठी, रुपौली एवं भवानीपुर सहित आसपास के इलाकों की गर्भवती महिलाओं को अब जिला मुख्यालय या अन्य अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सिजेरियन ऑपरेशन शुरू होने से लगभग 15 लाख की आबादी को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हो गई है।
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