हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर विशेष रूप से मनाई गई चौथी वर्षगांठ
– ई-टेलीमेडिसीन सेवा से लोगों का किया गया इलाज
– लोगों को किया गया है टेलीमेडिसिन के प्रति जागरूक
– लाभदायक साबित हो रही है टेलीमेडिसीन
श्रीनारद मीडिया, कटिहार (बिहार):
राज्य सरकार, चिकित्सा के क्षेत्र में नई-नई तकनीकी व्यवस्था को लेकर कार्य करने में जुटी हुई है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को जिले के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं मिल रही हैं। ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अब ससमय बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा ई-टेलीमेडिसीन के माध्यम से इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसी क्रम में जिले में आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर आज ई-संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा प्रदान की गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। जिलेवासियों को सीधे तौर पर इसका लाभ देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेलीमेडिसीन कंसल्टेशन की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य सेवा को सशक्त एवं मजबूत बनाया जा रहा है। जिससे लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सुविधा प्रदान की जा सके।
लोगों को किया गया है टेलीमेडिसिन के प्रति जागरूक :
सिविल सर्जन डॉ डी. एन. पांडेय ने बताया कि जिले में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ई-टेलीमेडिसीन द्वारा अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने के लिए जागरूकता फैलाया गया है। इस कार्यक्रम के दौरान मरीज द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित एएनएम के पास कॉल किया जाएगा। उसके बाद बीमार मरीज से बातचीत के आधार पर मिली समस्या को एएनएम के द्वारा चिकित्सकों के पास भेजा गया। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ई-टेलीमेडिसीन के माध्यम से मरीजों को सलाह दी गयी।
क्या होता है टेलीमेडिसिन :
डीपीएम डॉ. किशलय कुमार ने बताया कि टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की एक उभरती हुई टेक्नोलॉजी है जो कि डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए कुछ दूरी पर बैठे रोगी की जांच करने और उसका उपचार करने में मदद करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, टेलीमेडिसिन सेवा वह सेवा है जिसमें अनुभवी स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा तकनीक का उपयोग करके ऐसे स्थानों पर रोगों की जांच, उपचार , बीमारियों के रोकथाम, मूल्यांकन आदि की सेवा प्रदान करना जहां रोगी और डॉक्टर के बीच काफी दूरी होती है। इसके लिए जिले में हब्स व स्पोक्स बनाए गए हैं जिसमें मरीजों को वीडियो कॉल के माध्यम से चिकित्सकीय पराशर्म दी जा रही हैं। इसके साथ हीं ऑनलाइन प्रीस्क्रिप्शन भी लिखा जा रहा है।
लाभदायक साबित हो रही है टेलीमेडिसीन:
जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने अपने निकटतम हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर पर कार्यरत सीएचओ से फोन के माध्यम से चिकित्सीय सलाह लेने के बाद इस तरह की सुविधाओं को लोगों के पक्ष में एक सार्थक पहल बताया है। क्योंकि घर बैठे इस तरह की सुविधाएं मिलना किसी सपनें को साकार करने जैसा लग रहा है। सुदूरवर्ती गांव के लोगों को इस सेवा से काफी लाभ मिलने लगा है। यह सेवा उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है जो साधन, समय एवं पैसे के अभाव में बड़े-बड़े स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श या उपचार लेने में असमर्थ रहते हैं।
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