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शरीर में बदलाव देती है लिवर में समस्‍या का संकेत-डॉ अविनाश चन्द्र - श्रीनारद मीडिया

शरीर में बदलाव देती है लिवर में समस्‍या का संकेत–डॉ अविनाश चन्द्र

शरीर में बदलाव देती है लिवर में समस्‍या का संकेत–डॉ अविनाश चन्द्र

लिवर को कैसे स्वस्थ रखें

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विश्‍व लिवर दिवस पर विशेष

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

विश्व यकृत (लीवर) दिवस हैं। यकृत (लीवर) से संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष विश्व यकृत (लीवर) दिवस मनाया जाता है।
विश्व यकृत (लीवर) दिवस यकृत (लीवर) से संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 19 अप्रैल को मनाया जाता है। यकृत मस्तिष्क को छोड़कर शरीर का सबसे जटिल और दूसरा सबसे बड़ा अंग हैं। यह आपके शरीर के पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप जो भी खाते और पीते अथवा दवाइयाँ लेते हैं, वे सभी यकृत से होकर गुजरती हैं। आप यकृत के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं। यह एक ऐसा अंग है कि यदि आप अपने लीवर की उचित तरीके से देखभाल नहीं करते है, तो उसे आसानी से नुकसान पहुँच सकता हैं।

यकृत के कार्य

संक्रमणों और बीमारियों से लड़ना।
रक्त शर्करा को नियमित करना।
शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालना।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करना।
रक्त के थक्के (अधिक मोटा/गाढ़ा करना) के निर्माण में सहायता करना।
पित्त निकालना (तरल, पाचन तंत्र और वसा को तोड़ने में सहायता करता हैं)।
आमतौर पर, जब तक कि लीवर की बीमारी पूरी तरह से बढ़े और क्षतिग्रस्त न हो जाएँ, तब तक यह किसी भी साफ़ संकेत अथवा लक्षण को प्रकट नहीं करती हैं। इस स्थिति में, संभावित लक्षण भूख और वज़न में कमी तथा पीलिया हो सकते हैं।

यकृत की शुद्धता के लिए सुझाव

लहसुन, अंगूर, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, सेब और अखरोट खाएं।
जैतून का तेल और सन के बीजों का उपयोग करें।
नींबू और नींबू का रस तथा हरी चाय का उपयोग करें।
वैकल्पिक अनाज (मोटा अनाज़, बाजरा और कूटू) के सेवन को प्राथमिकता दें।
हरी पत्तेदार सब्जियों (बंद गोभी, ब्रोकोली और गोभी) को शामिल करें।
आहार में हल्दी का उपयोग करें।
अपने लीवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं।
स्वस्थ और संतुलित आहार का उपयोग करें तथा अपने लीवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
सभी खाद्य समूहों के आहार जैसे अनाज, प्रोटीन, दुग्ध उत्पाद, फल और सब्जियों तथा वसा का सेवन करें।
रेशायुक्त ताजे फलों, सब्जियों, मिश्रित अनाज युक्त रोटियों, चावल और सभी तरह के अनाजों का उपयोग करें।
अल्कोहल, धूम्रपान और ड्रग्स को “न” बोलें। लीवर की कोशिकाओं को अल्कोहल, धूम्रपान और ड्रग्स नष्ट कर सकता है या नुकसान पहुंचता है।
किसी भी दवा को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें। जब दवाओं का सेवन ग़लत तरीके अथवा ग़लत संयोजन से किया जाता है, तो लीवर आसानी से ख़राब हो सकता है।
जहरीले रसायनों से सावधान रहें। लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने वाले रसायनों जैसे एयरोसोल, सफाई के उत्पादों, कीटनाशकों और विषाक्त पदार्थों से बचें।
अपने आदर्श वज़न को बनाए रखें। मोटापे के कारण गैर-अल्कोहल वसायुक्त रोग हो सकते हैं।
अपने लीवर की सुरक्षा के लिए हैपेटाइटिस से बचें। हेपेटाइटिस शब्द का उपयोग लीवर की सूजन (सूजन) के लिए किया जाता है। यह वायरल संक्रमण अथवा अल्कोहल जैसे हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आने के कारण होता है। हेपेटाइटिस लक्षण रहित और सीमित लक्षणों के साथ हो सकता है, लेकिन इसमें प्राय: पीलिया, अत्यधिक थकान (भूख में कमी) और अस्वस्थता हो सकती है। हेपेटाइटिस दो प्रकार का होता है- तीव्र (एक्यूट) और जीर्ण (क्रोनिक)।
टीकाकरण कराएं- हेपेटाइटिस के ख़िलाफ़ टीकाकरण अवश्य कराएं। “हेपेटाइटिस ए” और “हेपेटाइटिस बी” के लिए टीकाकरण उपलब्ध हैं

लीवर से संबंधित होमियोपैथ में विभिन्न प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है। रोगी और रोग कि लक्ष्य के अनुसार होमियोपैथिक मेडिकल साइंस में दवा का चयन किया जाता है।
इसलिए अपने मन से कोई भी दवा का सेवन ना करें चिकित्सक की देखरेख में ही दवा का सेवन करें।

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