मलेरिया से लड़ने के लिए समाज को दक्ष करने की आवश्यकता है.
विश्व मलेरिया दिवस पर विशेष
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से दुनियाभर के लोगों के बीच स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूकता बढ़ी है. मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो सालों से लोगों को अपना शिकार बनाती आई है. हर साल 25 अप्रैल को मलेरिया के खिलाफ लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के ‘विश्व मलेरिया दिवस’ यानी वर्ल्ड मलेरिया डे (World Malaria Day) मनाया जाता है. गौरतलब है कि हर साल लाखों लोग भारत समेत पूरी दुनिया में मलेरिया से ग्रसित होते हैं.बता दें कि यह एक जानलेवा बीमारी है जिससे भारत में हर साल हजारों लोग संक्रमित होते हैं.
मलेरिया इंसानों में कैसे फैसला है?
मलेरिया की बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है. यह मादा एनाफिलीज मच्छर के जरिए इंसानों के बीच फैसला है. आपको बता दें कि मलेरिया प्लाज्मोडियम विवेक्स नाम के वायरस के कारण होता है. जब मादा एनाफिलीज मच्छर की किसी संक्रमित व्यक्ति को काटती है तो इस वायरस का अंश मच्छर के शरीर में ट्रांसफर हो जाता है. इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो यह वायरस उन व्यक्ति के शरीर में ट्रांसफर हो जाता है. इसके बाद वह भी मलेरिया से संक्रमित हो जाता है. मलेरिया का सबसे बड़ा कारण है गंदगी. आसपास गंदगी होने के कारण वहां मच्छर पनपते हैं इसके बाद वह इंसानों को काटकर उन्हें मलेरिया से संक्रमित कर देते हैं.
मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को मच्छर के काटने के 6 से 8 दिन के बाद लक्षण दिखाई देंगे. इसमें तेज बुखार, थकान, सिर दर्द, पेट में दर्द, चक्कर आना, बेहोशी आना, एनीमिया, मांसपेशियों के दर्द, उल्टियां होना और स्किन का रंग पीला पड़ जाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इस बीमारी से बचने के लिए आप अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें. खुद को मच्छरों से सुरक्षित रखने के लिए मच्छरदानी और mosquito repellent का इस्तेमाल करें.
विश्व मलेरिया दिवस मनाने का इतिहास-
अफ्रीका में मलेरिया के वजह से हर साल बड़ी संख्या में लोगों की जान जाती थी. ऐसे में मलेरिया से बचाव के लिए वहां हर साल अफ्रीका मलेरिया दिवस मनाया जाता था. इसे देखते हुए साल 2007 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में इसे विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा. इसके बाद से साल 2008 से यह हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाने लगा.
विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम-
बता दें कि हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर एक विशेष थीम रखता है. साल 2022 की थीम है ‘मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें’.इ थीम के जरिए लोगों को मलेरिया से सुरक्षित रहने के नए उपायों को बारे सोचने को प्रेरित करना है.
यह है लक्षण : मलेरिया हो जाने पर रोगी को ठंड देकर नियमित अंतराल पर बुखार आता है और बुखार छोड़ते वक्त पसीना होता है। समय पर दवा न मिलने पर रोगी अत्यधिक कमजोर हो जाता है।
ऐसे करें बचाव: मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तुरंत अच्छे डाक्टर को दिखाना चाहिए। सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।
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