राजन जी महाराज एक प्रमुख राम कथा वाचक हैं।

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जिसमें राम नहीं वो मानव कहलाने का अधिकारी नहीं–राजन जी महाराज

सीवान जिले के ही मूल निवासी हैं  राजन जी महाराज

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में सीवान जिले के हसुआ पंचायत का हीर मकरियार गांव इनदिनों भक्तिमय व राममय बना हुआ है जहाँ राजन जी महाराज के मुखार विंदु से आराध्य मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का गुणगान चल रहा है । आप मानस मर्मज्ञ होने के साथ वे अति सरल व विनम्र हैं। पावन श्रीराम कथा के ख्यातिलब्ध प्रवचकों में एक हैं। खड़ी बोली के साथ भोजपुरी व अवधी में उनके कंठ से निकलने वाले भजन की खनक लोगों को अपनी ओर खींचती है।उनके श्रीमुख से निकलने वाले एक-एक शब्द श्रोताओं को अध्यात्म रूपी गंगा का पवित्र स्नान कराते हैं। कथा की भाषा इतनी सरल कि अनपढ़ श्रोता भी एक-एक शब्द को समझ और ग्रहण कर सके।

अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक राजन जी महाराज जब रामचरित्र मानस गाते है तो उस वक्त एक अपार खुशी की अनुभूति होती है ,मन में असीम उमंग आ उमड़ा है,जो राजन जी महाराज जैसे मानस मर्मज्ञ से ही सम्भव है। अपनी मिट्टी से सच्चा प्रेम रखने का ही परिणाम है कि हीर मकरियार जैसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में गंवई मिट्टी की सुगंध लेने के लिए आप कथा का वाचन कर रहे है ।  राजन जी महाराज की बोली में हिंदी ,व संस्कृत का अद्भुत व परिमार्जित शब्द संयोजन दिखता है , वहीं जब अपनों में होते हैं तो बिल्कुल राजेन्द्र बाबू की तरह राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रचलित भाषा के ज्ञाता होते हुए भी अपनी मिठास भरी भोजपुरी भाषा में अपने स्वजनों से बात करते है ।

जन मानस में ,व्यवहारिक सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान भरने में सफल राजन जी महाराज सीवान के अनमोल रत्न है । सीवान की धरती इनको पाकर धन्य -धन्य हो रही है क्योंकि इनका व्यक्तित्व व कृतित्व सिवान की पहचान को राष्ट्रीय व अंतर्राष्टीय क्षितिज पर ला रहा है ।
राजन जी महाराज ने बताया कि अपने पैतृक जिले में कथा कहने पर मुझे काफी खुशी व सकून मिल रहा है क्योंकि अपने ज्ञान ऊर्जा से अगर अपने लोगों को ज्ञान की धारा की ओर आकर्षित करने में सफलता पा लूं तो मेरा जीवन सार्थक हो जायेगा ।इनके रोम -रोम में ज्ञान व धर्म का रस भरा हुआ है ।महाराज जी ने बताया कि इस रस का जन -जन को रसास्वादन कराना ही मेरे जीवन का मूल उद्देश्य है ।

आप का मानना है की राम राजनीति के लिए नहीं होनेे चाहिए। राम आस्था के लिए होने चाहिए। राम जीवन के लिए होने चाहिए। राम जीवन मेें आदर्श के लिए होने चाहिए। राम नैतिक मूल्य के लिए होने चाहिए। राम हमारे जीवन के उत्थान के लिए होने चाहिए। राम समाज के विकास के लिए होने चाहिए। राम विश्व के कल्याण के लिए होने चाहिए, न कि राजनीति के लिए। गोस्वामी ने लिखा है कि मानस गाने का विषय है। प्रसंग को पुष्ट करने के लिए भी भजनों की आवश्यकता पड़ती है। हम जो भजन गाते हैं वे ऐसे होते हैं जिससे समाज को संदेश मिल सके। कथा के दौरान मेरे भजन प्रसंग से जुड़े होते हैं। भजन का असर जीवन के साथ मन पर भी पड़ता है। श्रोता के अंतर्मन में उतरने का यह सशक्त साधन है।

सीवान जिले के ही मूल निवासी हैं  राजन जी महाराज

पंडित राजन तिवारी जी सीवान के ही रहने वाले हैं। आप  गुठनी प्रखंड के तड़का पंचायत के ताली गांव के निवासी है। देश विदेश में अपने भजनों और रामकथा वाचन से अध्यात्म की सरिता बहाने वाले इन दिनों अपने गृहनगर सीवान के हीर मकरियार गांव में राम कथा का वाचन कर रहे हैं.परम् पूज्य राजन जी का संदेश बस इतना ही था बंदगी राघव की, जिंदगी सुख की।

 

 

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