इप्टा सीवान ने डॉ अविनाश चन्द्र को अंग वस्त्र से सम्मानित किया।
‘ढाई आखर प्रेम का’ राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा का आगाज हुआ.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
इप्टा सीवान इकाई द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिला मुख्यालय के टाउन हॉल में इप्टा सिवान इकाई के द्वारा ढाई आखर प्रेम एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। आजादी के 75 साल के मौके पर भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की पहल पर भाईचारे को बढ़ाने के लिए संत कबीर के महान संदेश ‘ढाई आखर प्रेम का’ के साथ राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा का आगाज हुआ है।
बता दें कि ‘ढाई आखर प्रेम का सांस्कृतिक यात्रा असल में स्वाधीनता संग्राम के गर्भ से निकले स्वतंत्रता, समता, न्याय और बंधुत्व के उन मूल्यों के तलाश की कोशिश है, जो आजकल नफरत, वर्चस्व और दंभ के तुमुलघोष में डूब-सा गया है। यह यात्रा उन तमाम शहीदों, समाज सुधारकों एवं भक्ति आंदोलन औ सूफीवाद के पुरोधाओं का सादर स्मरण हैं, जिन्होंने भाषा, जाति, लिंग और धार्मिक पहचान से इतर मुनष्यता की मुक्ति एवं लोगों से प्रेम को अपना एकमात्र आदर्श घोषित किया। साथ ही यह यात्रा नयी पीढ़ी को जागरूक कर रही है।
इस 45 दिवसीय यात्रा के दौरान प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ, जन संस्कृति मंच, दलित लेखक संघ, जन नाट्य मंच समेत अन्य संगठनों, समूहों के सहयोग से 250 से अधिक स्थानों पर गीत, संगीत, नाटक, फिल्म, किस्सागोई के तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. यात्रा में करीब 25 ख्यातिलब्ध कलाकार साथ-साथ चल रहे हैं. साथ ही स्थानीय कलाकारों के सहयोग से प्रस्तुतियां की जा रही हैं.
आजादी के 75 वर्ष पर हम भारत के लोग समाजवादी पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक स्वतंत्रता न्याय समता एकता और अखंडता बंधुता आर्थिक समानता सामाजिक न्याय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जल जंगल जमीन के संरक्षण के लिए आयोजित कार्यक्रम में इप्टा के पदाधिकारी गण ने होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ अविनाश चंद्र को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में सीवान बिहार राष्ट्रीय स्तर के इप्टा की कलाकारों ने कार्यक्रम में शिरकत किया और अपनी अपनी कला का प्रदर्शन किया।
इस कार्यक्रम में इप्टा के पदाधिकारी गण एवं पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी तपती वर्मा, डॉ रामेश्वर सिंह, डॉ एहतेशाम, डॉ संगीता चौधरी अरविंद पाठक, अनुग्रह नारायण भारद्वाज, रुपेश कुमार रंजन दास इत्यादि सम्मानित गण उपस्थित रहे।
भारतीय जन नाट्य संघ या ‘इंडियन पीपुल्स थियेटर एसोसिएशन’ अथवा ‘इप्टा’ कोलकाता में स्थित रंगमंच कर्मियों का एक संघ है। असम व पश्चिम बंगाल में इसे ‘भारतीय गण नाट्य संघ’ व आन्ध्र प्रदेश में ‘प्रजा नाट्य मंडली’ के नाम से जाना जाता है। इसका सूत्र वाक्य है ‘पीपुल्स थियेटर स्टार्स द पीपुल’ अर्थात, ‘जनता के रंगमंच की असली नायक जनता है।’ प्रतीक चिन्ह सुप्रसिद्ध चित्रकार चित्त प्रसाद की कृति नगाड़ावादक है, जो संचार के सबसे प्राचीन माध्यम की याद दिलाता है।
स्थापना औपनिवेशीकरण, साम्राज्यवाद व फासीवाद के विरोध में ‘इप्टा’ की स्थापना 25 मई 1943 को की गयी थी। ‘इप्टा’ का यह नामकरण सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक होमी जहाँगीर भाभा ने किया था। ऐसे कलाकार जो सामाजिक सरोकारों जुड़े हुए थे और कला के विविध रूपों यथा संगीत, नृत्य, फ़िल्म व रंगकर्म आदि को वृहद मानव कल्याण के परिप्रेक्ष्य में देखते थे,
एक-एक कर इप्टा से जुड़ते गये। प्रसिद्ध व्यक्ति इप्टा के सफर में बहुत से नामचीन लोगों ने अपना योगदान दिया है, जिनमें से कुछ नाम पं. रविशंकर, हबीब तनवीर, कैफ़ी आज़मी, शबाना आज़मी, सलिल चौधरी, शैलेन्द्र, साहिर लुधियानवी, राजेन्द्र रघुवंशी, बलराज साहनी, भीष्म साहनी, एम. एस. सथ्यू, फ़ारुख़ शेख़, अंजन श्रीवास्तव आदि हैं। अखिल भारतीय स्तर पर 25 मई 1943 को बंबई (अब मुंबई) में स्थापित इप्टा की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर भारत सरकार ने विशेष डाक टिकट जारी किया। इस समय देशभर में इप्टा की 600 से भी अधिक इकाइयां सक्रिय हैं।
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