Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
जनप्रतिनिधियों के साथ कुपोषण पर की गयी चर्चा, कुपोषण दूर करने पर बल - श्रीनारद मीडिया

जनप्रतिनिधियों के साथ कुपोषण पर की गयी चर्चा, कुपोषण दूर करने पर बल

जनप्रतिनिधियों के साथ कुपोषण पर की गयी चर्चा, कुपोषण दूर करने पर बल

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

14 अतिकुपोषित बच्चों की पहचान की गयी, भेजा जायेगा पोषण पुर्नवास केंद्र

आइसीडीएस डीपीओ ने दी गर्भवती के लिए पौष्टिक खानपान संबंधी जानकारी

श्रीनारद मीडिया‚ गया‚ (बिहार)

गया  जिला को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा आइसीडीएस समन्वय के साथ काम कर रहा है. वहीं इस काम में पंचायत जनप्रतिनि​धियों को भी एकजुट होने की अपील की जा रही है. गांवों में कुपोषित मां और बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए पंचायत जनप्रतिनिधियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कुपोषण के विभिन्न कारणों और उससे निबटने के संबंध में आवश्यक जानकारी दी जा रही है. इस क्रम में वाजिरगंज प्रखंड अंतर्गत पतेड़ मंगरावां पंचायत के सुखाबीघा ग्राम में मुखिया राजीव रंजन कुमार के अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में आईसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सूचीस्मिता पदम, महिला सुपरवाइजर, सोनी कुमारी, पोषण पुनर्वास केंद्र से जीएनएम रतनलाल यादव, पिरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि नीरज कुमार मौजूद रहे. बैठक में कुपोषण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. बताया गया कि गर्भवती महिलाओं का कुपोषित होना उनके शिशु के पूरे जीवनचक्र को प्रभावित करता है और बच्चा हमेशा के लिए कुपोषित रहता है.

गर्भवती में कुपोषण से बढ़ती है इलाज व परेशानियां:
कुपोषण के कारणों की चर्चा करते हुए डीपीओ ने बताया कि गर्भावस्था में पर्याप्त पौष्टिक आहार नहीं लेना, फॉलिक एसिड व विटामिन 12 की कमी आदि के कारण कुपो​षण होता है. कुपोषण के लक्षणों में थकावट, सीने में दर्द, हंफनी, शरीर का फूलना तथा त्वचा पीला होना आदि शामिल है. गर्भवती महिलाओं में कुपो​षण होने से शिशु भी कुपोषित होते हैं और इससे खून की कमी होती है. प्रसव के समय खून की कमी होने से प्रसव प्रक्रिया भी गंभीर रूप से प्रभावित होती है. शिशु कमजोर रूप से जन्म होते हैं और ऐसे में उनके इलाज में परेशानियां व खर्च बढ़ जाता है.

पंचायत के 14 अतिकुपोषित बच्चों की हुई पहचान:
कुपोषण मुक्त पंचायत बनाने पर बल देते हुए डीपीओ ने गर्भकाल से बच्चे को दो वर्ष पूर्ण होने तक देखभाल और व्यवहार परिवर्तन की बात कही. कहा कि यदि परिवार में गर्भवती के खानपान का बेहतर ध्यान रखा जाता है तो इससे संतान स्वस्थ्य जन्म लेती है. बैठक के दौरान आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा 14 अति कुपोषित बच्चों की जानकारी दी गयी जिन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जाना है. पिरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि नीरज कुमार द्वारा पोषण पुनर्वास केंद्र में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी. इस दौरान पंचायत मुखिया द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को और अधिक सुविधाओं से लैस करने के लिए विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन जल्द पूरा करा लेने की बात कही गयी. तथा उपस्थित लोगों को संकल्प दिलवाया गया कि आपसी सहयोग और तालमेल बैठाकर पंचायत को बहुत जल्द कुपोषण मुक्त पंचायत का रूप देंगे. इस बैठक में जीविका से जितेन्द्र कुमार, बेबी कुमारी, धर्मेंद्र कुमार सरपंच महेश कुमार सुमन, वार्ड सदस्य शशि भूषण, कंचन दास सहित जीविका के अन्य सदस्य तथा स्वास्थ्य विभाग की आशा मौजूद रहीं.

यह भी पढ़े

सार्वजनिक पोखरा को असामजिक लोंगो के द्वारा मिट्टी से भरने पर  ग्रामीण ने रोक लगाने हेतु अंचल पदाधिकारी को दिया आवेदन

सिधवलिया की खबरें ः बखरौर‚ अमरपुरा और करसघाट पंचायतों में योजनाओं की हुई जांच

तकनीकी दृष्टिकोण से ही द्रुत गति से बदल रहे समय के साथ बना पाएंगे सामंजस्य: गणेश दत्त पाठक

Leave a Reply

error: Content is protected !!