सीवान के दरौली प्रखंड के पंचायतों में  बनेे आरटीपीएस काउंटर हमेशा रहता है बन्द

सीवान के दरौली प्रखंड के पंचायतों में  बनेे आरटीपीएस काउंटर हमेशा रहता है बन्द

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मुखिया संघ ने बीडीओ से कई बार लगा चुका है गुहार

दरौली के बेलाव में बंद पड़ा आरटीपीएस काउंटर

श्रीनारद मीडिया, अमित कुमार, दरौली, सीवान (बिहार):

सीवान जिले के दरौली प्रखंड के सभी पंचायतों में पूरी तैयारी के साथ खुले आरटीपीएस काउंटर का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। इस तरह यह आरटीपीएस काउंटर केवल शोभा की वस्तु बन कर रह गई है।

जबकि सरकार ने लाखों रुपये की लागत से सभी पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर उसमे बिजली का कनेक्शन दिया प्रखंड कार्यालयों पर आरटीपीएस का बोझ कम करने के उद्देश्य से लोड को विकेंद्रित कर लोगों को सुविधा देने के उद्देश्य से सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर खोलवाया।

सरकारी निर्देश पर आनन फानन में सभी पंचायत में काउंटर खोल दिए गए, लेकिन आज यहां काम नहीं हो रहा। जब पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर खुला था तब ग्रामीण क्षेत्र के खासकर वृद्ध, महिला व दिव्यांग लोगों को काफी खुशी हुई थी कि अब प्रखंड मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

लेकिन खुलने के महज कुछ महीने बाद से हीं काउंटर पर ताला लटक गया। कर्मियों व पदाधिकारियों के लापरवाही से आज तक लोग इस लाभ वंचित हैं।

हालांकि मुखिया संघ ने कई बार बीडीओ से कहा। फिर भी जब कर्मी पंचायतों में  बैठना शुरू नहीं किया तब पुनः मुखिया संघ ने बैठक कर बीडीओ को एक मांग पत्र भी सौंपा था।  इसके बावजूद भी आज तक न तो आरटीपीएस काउंटर खुला और नहीं पंचायत भवन।

इधर पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर के नहीं खुलने से ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ों लोग अपने विभिन्न कार्यो के लिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाते नजर आते हैं। स्कूली बच्चों, उम्रदराज लोगों एवं महिलाओं को प्रखंड कार्यालय में जाकर काम कराने में काफी परेशानी होती है। पंचायत के लोगों को आरटीपीएस काउंटर के चालू होने का इंतजार है।
आरटीपीएस काउंटर मिलता है यह लाभ
पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर खुलने से लोगों को आय, आवासीय, जाति, एलपीसी, दाखिल खारिज, वृद्धा पेंशन, विवाह रजिस्ट्रेशन आदि की सुविधा मिलने लगेगा। वर्तमान में इन सभी कार्यों के लिए छात्रों, महिलाओं, बुजुर्गों को प्रखंड कार्यालय स्थित आरटीपीएस का चक्कर लगाना पड़ता है।

पंचायतों में काउंटर चालू हो जाने के बाद प्रखंड कार्यालय में भीड़ कम होगी और लोगों को सहूलियत से प्रमाणपत्र भी मिल जाएंगे। प्रखंड पदाधिकारियों की सुस्ती की वजह से पंचायत के आमजनता को इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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