विभिन्न विभागों के कर्मियों को एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत दिया गया प्रशिक्षण
-एनीमिया से मुक्त बनाने के लिए सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने की अपील
श्रीनारद मीडिया, गया (बिहार):
गया जिला को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, आईसीडीएस, जीविका, ग्रामीण विकास विभाग सहित अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है। इसे लेकर जिला स्वास्थ्य समिति तथा यूनिसेफ द्वारा बोधगया के निजी होटल में एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत सभी विभागों के प्रतिनिधियों के लिए आवश्यक दो दिवसीय प्रशिक्षण तथा संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ कमल किशोर राय, डीपीएम नीलेश कुमार डीआईओ डॉ राजीव अंबष्ट, डीवीबीडीसीओ डॉ एमई हक, एनसीडीओ डॉ फिरोज अहमद, आइसीडीएस डीपीओ सुचिस्मिता पद्म व शिक्षा तथा अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। वहीं यूनिसेफ से डॉ संदीप घोष, आशुतोष कुमार, राज्य स्वास्थ्य समिति से डॉ श्वेता, पीएमसीएच के कम्युनिटी मेडिसीन विभाग से डॉ राजेश रंजन मौजूद रहे। इस दौरान जिला के 13 विभिन्न प्रखंडों के प्रभारी शिक्षा पदाधिकारी, बीसीएम, प्रखंड स्तरीय शिक्षा पदाधिकारी व सीडीपीओ मौजूद रहे।
स्वास्थ्य विभाग को सभी अन्य विभाग दें जरूरी मदद: सिविल सर्जन:
सिविल सर्जन ने कहा कि एनीमिया को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे समन्वय के साथ एनीमिया को लेकर काम करें। इसमें सीडीपीओ, आंगनबाड़ी सेविका व सुपरवाइजर, जीविका की दीदी व प्रखंड स्तर के अधिकारी सहित शिक्षा विभाग के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सहित ब्लॉक रिसोर्स पर्सन तथा पंचायती राज संस्था के जनप्रतिनिधि की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। ये लोग सीधे तौर पर समुदाय से जुड़े होते हैं और उन्हें अपने गांव पंचायत के स्वास्थ्य की बेहतर जानकारी होती है। इस जानकारी के साथ वे स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर जरूरी स्वास्थ्य सुविधा व सेवा मुहैया कराने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसी तरह एनीमिया मुक्त जिला बनाने को लेकर उनका प्रयास सराहनीय होगा।
जिला एनीमिया मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम में 12वें नंबर पर-
युनिसेफ के डॉ संदीप घोष ने बताया गया जिला एनीमिया मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम में 12वें नंबर पर है। एनीमिया को दूर करने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर आयरन एंड फॉलिक एसिड की गोलियां दी जाती हैं। वहां से विभिन्न विभाग दवाइयों का उठाव कर वे संंबंधित क्षेत्र में आवश्यकतानुसार वितरण कर सकते हैं। इसके लिए एक बेहतर सप्लाई चेन स्थापित करना होगा। एनीमिया मुक्ति अभियान के तहत बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा किशोर व किशोरियों में एनीमिया सालाना 3 प्रतिशत की कमी लक्ष्य रखा गया है। हर स्तर पर एनीमिया से होने वाली मौतों को घटाना है। साथ ही समुदाय को एनीमिया के बारे में जागरूक करना तथा इसकी गंभीरता के बारे में जानकारी देना है।
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