हनीट्रैप मॉड्यूल : जासूसी का खतरनाक एजेंडा

हनीट्रैप मॉड्यूल : जासूसी का खतरनाक एजेंडा

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पाकिस्तानी महिला एजेंट के हनीट्रैप (Honeytrap) में फंसकर भारतीय सेना का गनर प्रदीप पोकरण में हुए मिसाइल परीक्षण के वीडियो समेत कई सीक्रेट जानकारियां, वीडियो और फोटो पाकिस्तानी खुफिया एजेंट को दे चुका है. पूछताछ में सामने आया कि जवान प्रदीप इस पाकिस्तानी महिला एजेंट (Pakistani female agent) के प्यार में इस कदर पागल था कि उसने बगैर पैसे लिए ही ये सूचनाएं उसे दे दी. इतना ही नहीं इस शातिर महिला जासूस से करीब 7 जवानों से परिचय भी कराया था. जांच एजेंसियां उन जवानों के मोबाइल की भी जांच कर रही हैं. लेकिन अभी तक उन जवानों के सूचनाएं देने की जानकारी सामने नहीं आई है.

दरअसल गनर प्रदीप को अपने प्रेम जाल में फंसाने वाली शातिर महिला एजेंट रिया नाम से बात करती थी. वह खुद को बेंगलुरु में मिलट्री नर्सिंग सर्विस से बताती थी. उसने अपने कमरे में हिंदू देवी देवताओं की तस्वीरें लगा रखी थीं ताकि किसी को कोई शक न हो. रिया प्रदीप से राजस्थानी में भी बात करती थी ताकि उसे यह अहसास कराया जा सके कि वो लोकल है और भारतीय है. रिया अब तक 10 जवानों को हनीट्रैप में फंसाकर गोपनीय सूचनाएं लेकर आईएसआई को दे चुकी है. प्रदीप के पास 7 महीने पहले पहली बार रिया का फोन आया था. उसने उसे मिलने के लिए बुलाया और फिर सोशल मीडिया पर दोस्ती गांठ ली.

कितना खतरनाक है पाकिस्तान का हनीट्रैप मॉड्यूल
आईएसआई का यह हनीट्रैप मॉड्यूल पाकिस्तान के सिंध में स्थित आर्मी कैंट से संचालित होता है. दरअसल आईएसआई स्थानीय गरीब और कॉलेज की लड़कियों को हनीट्रैप के लिए हायर करती है. फिर उन्हें पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव की ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें उन्हें भारत-पाकिस्तान की सीमा के पास राजस्थान और गुजरात के सैन्य ठिकानों से सूचनाएं हासिल करने के लिए हनीट्रैप की खास ट्रेनिंग दी जाती है.

कैप्टन स्तर के ऑफिसर के अंडर में काम करती है
एजेंट बनाई गई युवतियां पाकिस्तानी सेना के कैप्टन स्तर के ऑफिसर के अंडर में काम करती हैं. इन्हें सोशल मीडिया पर ओपन सोर्स इंटेलिजेंस के जरिये भारतीय सेना, पुलिस और बीएसएफ से जुड़कर सोशल मीडिया पर पहचान कर आईडी दी जाती है. इसके बाद एजेंट इन आईडी के आधार पर हनीट्रैप में फंसाने के लिए अपना काम शुरू करती हैं.

हिंदू देवी देवताओं की तस्वीरों का पूजा का स्थल बनाया जाता है
इन एजेंट्स को एक मेकअप किट दिया जाता है. कमरे में हिंदू देवी देवताओं की तस्वीरों का पूजा का स्थल बनाया जाता है. भारतीय जवानों को जाल में फंसाने के लिए राजस्थानी और गुजराती भाषा भी सिखाई जाती है. ये साड़ी से लेकर राजस्थानी ड्रेस समेत अन्य भारतीय परिधान पहनती हैं. सीमा पार पहले किसी स्थानीय को फंसाकर उसके फोन के ओटीपी के जरिये वॉट्सऐप के लिए भारतीय नंबर हासिल करती है. फिर भारतीय नंबरों से वॉट्सऐप कर जवानों को जाल में फंसाती है.

गंदे वीडियो के जरिये ब्लैकमेल करती है
जैसे ही जवानों को यकीन हो जाता है ये दोस्ती से आगे बढ़कर गलत तस्वीरों और वीडियो के जरिये जवानों को फंसाती है. उन्हें गंदे वीडियो भेजती है. साथ में वक्त बिताने और शादी का झांसा देती है. अगर जवान सूचनाएं देने से आनाकानी करे तो फिर उनको तकनीक से बनाये गये गंदे वीडियो के जरिये ब्लैकमेल करती है.

क्रिप्टो करेंसी में किया जाता है भुगतान
हनीट्रैप में फंसाने के बाद सूचनाओं के बदले अकाउंट में पैसे की बात करती है. लेकिन अब भुगतान नकद के बजाय क्रिप्टो करेंसी में किया जाने लगा है. पहले पैसे सीधे अकाउंट में जमा करा दिए जाते थे. अब दोनों ऑप्शन देते हैं. लेकिन क्रिप्टो में भुगतान लेने के लिए जोर डालते हैं. महिला एजेंट वही सूचनाएं मांगती है जो कैप्टन स्तर का मॉनिटर करने वाला अधिकारी कहता है. भुगतान का इंतजाम भी दूसरे एजेंट से वही कराता है.

Leave a Reply

error: Content is protected !!