सत्संग से मानव के जीवन मे बहुत बड़ा परिवर्तन होता हैं :सुधीर शरण जी महाराज
श्रीनारद मीडिया, सिधवलिया, गोपालगंज (बिहार):
सत्संग से मानव के जीवन मे बहुत बड़ा परिवर्तन होता हैं l जीवन मे उत्तम संगत से दुर्बरीति वाले मानव के जीवन मे परिवर्तन हो जाता हैं और वह मानव ईश्वर मे लीन होकर सज्जन हो जाता हैं उक्त बाते सिधवलिया प्रखंड के सल्लेहपुर स्थित नवनिर्मित हनुमान मंदिर के प्रांगण मे आयोजित श्री मारुती नंदन महायज्ञ मे प्रवचन देते हुए अयोध्या के सुधीर शरण जी महाराज ने कही l
उन्होंने आपने प्रवचन के दौरान कहा कि महर्षि बाल्मीकि पूर्व मे डाकू थे l परन्तु जंगल मे सप्तऋषियों के उत्तम संगत के कारण वाल्मीकि रामायण महाकाव्य के रचयिता हो गए l उनकी काव्यगाथा कि शराहना हुई l
उन्होंने उत्तम संगत पर प्रवचन देते हुए कहा कि नारद मुनि भी एक दासी पुत्र थे और अज्ञानी मानव थे परन्तु उत्तम संगत के कारण ही वे भगवान ब्रम्हा जी के मानस पुत्र होकर कई युगों एवं लोकों मे विचरण कर देवताओं के संवाददाता हो गए l वही उत्तम संगत अगस्त्य ऋषि को भी मिला कि वे अगस्त्य ऋषि के रूप मे भगवान श्री ram के सर्व तत्वों के महान ज्ञाता होकर महान भक्त भी हो गए l
इसलिए उन्होंने सतसंग पर चर्चा करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम की कथा सतसंग मे ही होती है, बैकुंठ मे नहीं होती l इसलिए सतसंग यदि कहीं भी हो जाकर भगवान श्रीराम की कथा तनमन से सुनना चाहिए यानि जिस मानव का सतसंग मे मन नहीं लगे उसे सतसंग मे नहीं जाना चाहिए l प्रवचन के दौरान धनु बाबा, मनोज तिवारी, कृष्णा साह, रामायण साह, उमेश प्रसाद, जगनाथ साह, रामचरण साह, चंदन कुमार सहित हजारों श्रोता उपस्थित थे l
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