लक्ष्य कार्यक्रम: रेफ़रल अस्पताल रुपौली का राज्यस्तरीय टीम करेगी निरीक्षण
-लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर सभी तरह की तैयारियां की गई हैं पूरी, जल्द मिलेगी मान्यता:
-ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता में शामिल: डॉ सरिता
-प्रसव कक्ष एवं अन्य सुविधाओं का लेकर एसपीओ के नेतृत्व में किया गया निरीक्षण: आरपीएम
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
पूर्णिया जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर दूर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र स्थित रेफ़रल अस्पताल रुपौली को जल्द ही लक्ष्य प्रमाणीकरण के तहत मान्यता मिल सकती है। इसके लिए बहुत ही जल्द राज्यस्तरीय टीम के द्वारा निरीक्षण किया जाना है। लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है कि पटना की टीम कब आने वाली है। हालांकि इसकी तैयारी स्थानीय, जिला एवं प्रमंडलीय स्तर पर कर ली गई है। पिछले दिनों राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (मातृ स्वास्थ्य एवं गुणवत्ता यक़ीन पदाधिकारी) डॉ सरिता सिम्बा, स्थानीय क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई पूर्णिया के क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमूल होदा, जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से जिला गुणवत्ता एवं यकीन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार शर्मा, यूनिसेफ़ के क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद, केयर इंडिया के डीटीएल आलोक पटनायक द्वारा संयुक्त रूप से रेफ़रल अस्पताल का निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर रेफ़रल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मिथिलेश कुमार एवं अस्पताल प्रबंधक सेलिमा खातून के अलावा स्थानीय अस्पताल के बीएचएम, बीसीएम सहित कई अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
-ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता में शामिल: डॉ सरिता
राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (मातृ स्वास्थ्य एवं गुणवत्ता यक़ीन पदाधिकारी) डॉ सरिता सिम्बा ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना स्वास्थ्य विभाग की पहली प्राथमिकताओं में शामिल हैं। अस्पताल में प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की सुविधाओं को सुदृढ़ बनाना और इससे जुड़ी हुई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए लगातार व्यापक स्तर पर विभिन्न तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे है। जिला स्तर पर निरीक्षण के बाद क्षेत्रीय स्तर पर भी इसका निरीक्षण किया जा चुका है। अब राज्यस्तरीय टीम के द्वारा निरीक्षण किया जाना है। उसके बाद ही लक्ष्य प्रमाणीकरण से संबंधित मान्यता मिल सकती है। इसके लिए पूरा स्वास्थ्य महकमा राज्यस्तरीय लक्ष्य प्रमाणीकरण में जुटा हुआ है। मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्च बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने को लेकर लक्ष्य कार्यक्रम का होना अनिवार्य होता है। क्योंकि इसके बाद विभिन्न तरह की सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।
-प्रसव कक्ष एवं अन्य सुविधाओं का लेकर एसपीओ के नेतृत्व में किया गया निरीक्षण: आरपीएम
निरीक्षण टीम के वरीय सदस्य सह क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई की ओर से क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रबंधक नजमूल होदा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान रेफ़रल अस्पताल रुपौली में संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के लिए उपलब्ध संसाधनों का बहुत ही बारीकी के साथ निरीक्षण किया गया है। प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की आवश्यक फाइलों का गहन जांच करते हुए अस्पताल के अधिकारियों एवं कर्मियों से लक्ष्य प्रमाणीकरण से संबंधित सभी तरह के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई है। निरीक्षण के दौरान प्रसव कक्ष से संबंधित फाइलों की अद्यतन जानकारी ली गई है। इसके लिए लेबर रूम की प्रभारी सहित अन्य जीएनएम को बेहतर कार्य करने की जिम्मेदारी भी दी गई है। प्रसव कक्ष तथा ऑपरेशन थिएटर को प्रत्येक तीन महीने पर स्वाब टेस्ट करने का निर्देश दिया गया। प्रसव कक्ष तथा ओटी में जितने भी जितने भी उपकरण, बेड आदि की जांच की गई है। टीम के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के अलोक में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मी संस्थागत व सुरक्षित प्रसव को लेकर पूरी तरह से सजग हैं। जिसको लेकर अस्पताल प्रशासन, यूनिसेफ़ एवं केयर इंडिया की टीम के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है।
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