जानिए कैसे प्रेगनेंट होती हैं महिलाएं
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
लड़की या महिला प्रेगनेंट कैसे होती है, जब एक महिला और पुरुष यौन संबंध (sexual intercourse) बनाते हैं तो उनके मन में गर्भधारण को लेकर कई तरह के सवाल और चिंताएं रहती है जिसमे प्रेगनेंट कैसे होते है के बारे में जानना सबसे मुख्य होता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है, महिला प्रेग्नेंट कैसे होती है, गर्भधारण की प्रक्रिया क्या है, गर्भधारण कब होता है, प्रेगनेंट होने की प्रक्रिया, और प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण के साथ प्रेगनेंसी से कैसे बचें और गर्भ न ठहरने के उपाय के बारे में।
प्रेग्नेंट कैसे होते है इन हिंदी –
जब एक महिला और पुरुष यौन संबंध (sexual intercourse) बनाते हैं तब महिला के अंडाशय में पुरुष के शुक्राणु और महिला के अंडे मिलकर निषेचित होकर गर्भ में भ्रूण का निर्माण करते हैं, इस स्थिति को प्रेगनेंसी या गर्भावस्था कहा जाता है। प्रेगनेंसी को जेस्टेशन (gestation) भी कहते हैं। आमतौर पर लड़िकयों का मासिक धर्म 11 से 14 वर्ष की आयु में शुरू होता है और उनके शरीर में कई तरह के हार्मोन्स स्रावित (release) होना शुरू हो जाते हैं, उसके बाद ही लड़कियों का गर्भाशय बच्चे को जन्म देने के लिए परिपक्व होता है। एक बार मासिक धर्म शुरू हो जाने के बाद अपने पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाकर कोई भी लड़की या महिला आसानी से प्रेगनेंट हो सकती है।
प्रेगनेंट होने की प्रक्रिया –
किसी भी महिला का प्रेगनेंट होना वास्तव में एक जटिल प्रक्रिया है और यह कई चरणों में पूरी होती है। ज्यादातर बार महिला को पता ही नहीं चल पाता है कि वह वास्तव में किस दिन प्रेगनेंट हुई। लेकिन डॉक्टर आमतौर पर अंतिम मासिक धर्म के पहले दिन से गर्भावस्था के शुरूआत की गणना करते हैं।
आइये जानते हैं कि कोई लड़की या महिला प्रेगनेंट कैसे होती है और प्रेगनेंसी की पूरी प्रक्रिया क्या है।
गर्भधारण की प्रक्रिया में पुरुष की भूमिका –
आमतौर पर यह हम सभी को मालूम है कि किसी पुरुष के साथ यौन संबंध बनाने के बाद ही कोई महिला गर्भवती होती है। यौन संबंध बनाने के बाद स्खलित (ejaculation) होने पर पुरुष के लिंग से महिला की योनि में एक तरल पदार्थ (fluids) गिरता है जिसे सीमेन (semen) कहते हैं। सीमेन में पुरुष के शुक्राणु भी होते हैं जो योनि में गिरने के बाद महिला के अंडे से निषेचन करके भ्रूण (embryo) का निर्माण करते हैं।
आपको बता दें कि पुरुष के शुक्राणु सूक्ष्म कोशिकाएं होती है जो पुरुषों के वृषण (testicles) में बनती हैं। ये शुक्राणु सीमेन नामक एक तरल पदार्थ से चिपके होते हैं जो स्खलन के दौरान पुरुष के लिंग (penis) से बाहर निकलते हैं। हर बार यौन संबंध बनाने के बाद लाखों शुक्राणु महिला की योनि में स्खलित होकर गिरते हैं लेकिन सिर्फ पुरुष का सिर्फ एक शुक्राणु (sperm) ही महिला के अंडे से मिलता है जिसके कारण महिला गर्भवती हो जाती है।
गर्भधारण की प्रक्रिया में महिला की भूमिका –
महिलाओं के अंडाशय में अंडे बनते हैं और मासिक धर्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स के कारण इनमें से कुछ अंडे हर महीने परिपक्व हो जाते हैं। जब ये अंडे परिपक्व (mature) हो जाते हैं तो इसका मतलब यह है कि वे स्पर्म कोशिकाओं के साथ निषेचित होने के लिए तैयार हैं। महिलाओं के शरीर में ये हार्मोन गर्भाशय की परत को मोटा और स्पंजी बनाते हैं और गर्भावस्था के दौरान बच्चे को संभालने के लिए तैयार करते हैं।
मासिक धर्म के बाद एक परिपक्व अंडा महिला के अंडाशय में रह जाता है जिसे अंडोत्सर्ग (ovulation) कहते हैं,यह परिपक्व अंडा फैलोपियन ट्यूब से गर्भाशय की ओर टहलता रहता है। यह अंडा 12 से 24 घंटों तक धीरे-धीरे फैलोपियन ट्यूब से टहलते हुए आसपास स्पर्म की तलाश करता है।
इसी समय जब स्खलन के दौरान पुरुष का सीमेन महिला की योनि में गिरता है तब स्पर्म कोशिकाएं सर्विक्स (cervix) और गर्भाशय के माध्यम से फैलोपियन ट्यूब में तैरती हैं और वहां अंडे की तलाश करती है। गर्भाशय में स्पर्म कोशिकाएं (sperm cells) 6 दिनों तक अंडे खोजती हैं और उसके बाद नष्ट हो जाती हैं।
निषेचन और प्रत्यारोपण की प्रक्रिया –
इस दौरान जब अंडा स्पर्म कोशिकाओं के संपर्क में आता है तो स्पर्म कोशिकाएं उसके साथ मिलकर निषेचन की क्रिया करती हैं। लेकिन निषेचन तुरंत नहीं होता है। चूंकि सेक्स के बाद करीब 6 दिनों तक स्पर्म गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में रहता है इसलिए वह इन छह दिनों के बीच में ही निषेचन करता है।
यदि स्पर्म कोशिकाएं अंडे से जुड़ नहीं पाती हैं तो निषेचित अंडा गर्भाशय की ओर फैलोपियन ट्यूब में चला जाता है। वहां यह अधिक से अधिक कोशिकाओं में विभाजित हो जाता है और विकसित होकर एक बॉल (ball) बनाता है। बॉल कोशिकाएं जिसे ब्लास्टोसिस्ट (blastocyst) कहते हैं निषेचन के तीन से चार दिनों बाद गर्भाशय में जाता है।
बॉल की कोशिकाएं भी गर्भाशय में दो से तीन दिन तक टहलती रहती हैं और जब बॉल की कोशिकाएं गर्भाशय की दीवार की परत से जुड़ जाती हैं तो इस क्रिया को प्रत्यारोपण (implantation) कहा जाता है। इसके बाद सही मायनों में प्रेगनेंसी शुरू होती है।
जब निषेचित अंडे गर्भाशय में प्रत्यारोपित हो जाते हैं तो ये प्रेगनेंसी हार्मोन्स स्रावित करते हैं जिससे महिला गर्भवती हो जाती है और उसका मासिक धर्म रूक जाता है।
प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण –
ज्यादातर महिलाएं लक्षणों के आधार पर ही प्रेगनेंट होने की पुष्टि (confirm) करती हैं। आइये जानते हैं गर्भवती होने के क्या लक्षण हैं।
- मासिक धर्म रूक जाना (और पढ़े – रजोनिवृत्ति के कारण, लक्षण और दूर करने के उपाय…)
- स्तन में सूजन हो जाना
- उल्टी होना या जी मिचलाना
- स्तन मुलायम (tender)हो जाना
- शरीर में थकान का अनुभव होना
- बार-बार पेशाब महसूस होना (Frequent urination)
- स्तन के आकार में परिवर्तन होना
- चक्कर आना
- शरीर में सूजन
- कब्ज होना
ये सभी प्रेगनेंसी के लक्षण माने जाते हैं लेकिन जरूरी नहीं है कि हर महिला में ये सभी लक्षण एक साथ दिखायी दें। इसलिए यदि आपको अपने प्रेगनेंट होने की आशंका हो तो टेस्ट के जरिए पता कर लें कि आप वास्तव में प्रेगनेंट हैं या नहीं।
प्रेगनेंसी जांच कैसे करें –
गर्भावस्था के शुरूआती लक्षण पीएमएस (PMS) की तरह होते हैं जो कि बहुत सामान्य होते हैं। इसलिए यदि आप यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि आप प्रेगनेंट हैं या नहीं तो आपको प्रेगनेंसी टेस्ट करा लेना चाहिए। आजकल घर पर भी प्रेगनेंसी टेस्ट करके बहुत आसानी से प्रेगनेंसी की पुष्टि की जा सकती है। मार्केट में प्रेगनेंसी किट उपलब्ध है। इसके ऊपर लिखे निर्देशों को पढ़कर आप आसानी से प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं। आप चाहें तो डॉक्टर के पास भी जाकर टेस्ट के माध्यम से अपनी प्रेगनेंसी के बारे में पता कर सकती हैं। डॉक्टर आमतौर पर महिला के ब्लड और पेशाब में एचसीजी की जांच करते हैं। क्योंकि प्रेगनेंट होने के तुरंत बाद महिलाओं के शरीर में एचसीजी मौजूद हो जाता है। अगर एचसीजी ज्यादा है तो एक से अधिक भ्रूण की संभावना हो सकती है।
प्रेगनेंसी से कैसे बचें
प्रेगनेंट होने से बचने का सबसे आसान तरीका यह है कि पुरुषों को यौन संबंध बनाने से पहले कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि महिला अनचाही प्रेगनेंसी से बच सके।
गर्भनिरोधक गोलियों (Contraceptive pills) का सेवन करने से यौन संबंध बनाने के बाद भी आप प्रेगनेंट होने से बच जाएंगी। लेकिन आपको रोजाना एक गर्भनिरोधक गोली खानी पड़ेगी तभी यह अधिक प्रभावी होगा।
महिलाओं के लिए बाजार में अलग से कंडोम उपलब्ध है। यदि आप प्रेगनेंसी से बचना चाहती हैं तो आपको इस विशेष महिला कंडोम का खुद इस्तेमाल करना चाहिए। महिलाओं का कंडोम एक अंगूठी के आकार का होता है और इसमें एक पाउच लगा होता है। अंगूठी की सहायता से पाउच को योनि (vagina) में डालकर अंगूठी को योनि से बार निकाल लिया जाता है। इससे स्खलन होने पर सीमेन (semen) योनि की बजाय इसी पाउच में इकट्ठा हो जाता है औऱ महिला प्रेगनेंट होने से बच जाती है।
अगर आप शादीशुदा हैं और प्रेगनेंसी से सिर्फ इसलिए बचना चाहती हैं कि आपको बच्चा नहीं चाहिए तो आप नसबंदी भी करा सकती हैं।
यदि असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद आपको प्रेगनेंट होने की आशंका है तो यौन संबंध बनाने के 24 घंटे के अंदर प्रेगनेंसी से बचने के लिए आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली खा लें।
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