ब्रम्हाण्ड मे किसी का अहंकार भगवान ने नहीं रहने दिया : शिवबचनजी महाराज
श्रीनारद मीडिया, मनोज तिवारी, छपरा (बिहार):
गडखा प्रखंड के कोठिया-नरांव के धनौरा मे चल रहे नव दिवसीय रूद्र महायज्ञ के प्रांगन मे बक्सर के रामलीला संकिर्तन मंडल ने अपने पहले दिन के प्रसंग मे भगवान भोलेनाथ द्वारा माता पार्वती जी के संवाद का चित्रण किया।
नारद जी के अहंकार और मोह ग्रस्त होने की कथा का वर्णन कर दर्शको को आत्म विभोर कर दिया ।माता पार्वती के पूछे जाने पर नारद जी के अहंकार के विषय मे बताते हुए भोलेनाथ ने कहा की जब नारद जी हिमालय के अद्भुत वादियो मे तपश्या करते हुए कामदेव के उपर भी जीत हासिल कर लिया तो उन्हे यह अहंकार हो गया कि हमारे तपश्या को कामदेव भी भंग नही कर पाये तो मै भगवान भोलेनाथ से भी ज्यादा बडा तपश्वी बन गया।
इस तरह का अहंकार जब उनपर हावी हो गया तो उनके अहंकार को भी तोडने के लिए भगवान लक्ष्मी नारायण को एक अलग लोक बनाना परा और विश्व मोहनी का श्रृजन कर उनसे मोहित कराके अहंकार को तोडना परा।हलाकि इस अहंकार को तोडने के लिए उन्हे नारद जी को बन्दर का रूप देना परा जिसके कारण देव ऋषि नारद द्वारा भगवान को मानव बनकर तरपने का श्राप से ग्रसित होना परा।
हालांकि भगवान सब जानते है उन्हे श्राप का पता था फिरभी अपने भक्त का कल्याण करने के लिए उन्हे नारद जी का अहंकार तोडना परा और नारद जी के श्राप के परिणाम स्वरूप उन्हे राम अवतार धारण करना परा।
यज्ञ परिसर मे उपस्थित भक्तो ने रामलीला प्रसंग के माध्यम से रामचरित मानस प्रसंग के चित्रण से अहंकार का त्याग कर सफल इंशान बनने के लिए शिक्षा प्रदान किए।सभी भक्त भक्ति रस मे डूब गये थे।मध्यान के बाद आयोजित रामलीला प्रसंग मे नर नारी बच्चे सभी आत्म विभोर हो गये।
यह भी पढ़े
पूनम राय पुनः बनी महिला राजद की प्रदेश महासचिव
मशरक की खबरें : लाखों रूपये ज्वेलरी की ठगी, ठगी कर फरार हुई महिला
पानापुर की खबरें : कंप्यूटर में शराब भरकर ला रहे थे गुरुजी , पुलिस ने किया गिरफ्तार
लोहार समाज के लोगों ने लोहार जाति को जनजाति श्रेणी में जोड़ने को लेकर सांसद को दिया ज्ञापन