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उद्योग क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे बिहार में कंप्रेस्ड बायो गैस उत्पादन के भी कई उद्योग लगेंगे

उद्योग क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे बिहार में कंप्रेस्ड बायो गैस उत्पादन के भी कई उद्योग लगेंगे

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श्रीनारद मीडिया, राकेश सिंह, स्‍टेट डेस्‍क:

उद्योग क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे बिहार में कंप्रेस्ड बायो गैस उत्पादन के भी कई उद्योग लगेंगे। बिहार में बहुत ही छोटी बड़ी कंपनियां कंप्रेस्ड बायो गैस उत्पादन की इकाई लगाने के लिए उद्योग विभाग और तेल कंपनियों के संपर्क में है। गोबर, कृषि क्षेत्र से निकलने वाले कचरे या अवशेष व अन्य अपशिष्ट पदार्थों से तैयार होने वाले कंप्रेस्ड बायो गैस से गाड़ियां भी चलेंगी। ये बातें बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने सोमवार को पटना में इंडियन आयल कारपोरेशन द्वारा आयोजित परिचर्चा कार्यक्रम में कही जिसका आयोजन बिहार में कंप्रेस्ड बायो गैस यानी सीबीजी की उत्पादन इकाई लगाने के लिए उद्यमियों, कारोबारियों और उद्योगपतियों को प्रोत्साहित करने के मकसद से किया गया।

बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में उद्योग लगाने की हर संभावना पर मेरी पैनी नजर है और इसका एक भी मौका हम बेकार नहीं जाने दे रहे हैं। सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश का संकल्प है आत्मनिर्भर भारत। इस संकल्प को पूरा करने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। उन्हीं में से एक सतत योजना भी है जिसके तहत ग्रीन फील्ड यानी कंप्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कंप्रेस्ड बायो गैस का इस्तेमाल मामूली तब्दीली के साथ सीएनजी की तरह वाहनों में इंधन के रूप में किया जा सकता है।

उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार अवसरों की भूमि है । उन्होंने कहा कि यहां कृषि अवशेषों, पशु अपशिष्ट जैसे गोबर और अन्य अपशिष्ट पदार्थों से कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूरे विश्व में इस्तेमाल हो रहा जीवाश्म इंधन अति दोहन का शिकार है और जलवायु परिवर्तन के लिहाज से भी जीवाश्म ईंधन पर नियंत्रण जरूरी है , ऐसे में किसानों के खेतों से निकलने वाले कचरे या अन्य अपशिष्ट पदार्थों से बनने वाले हरित ईंधन कंप्रेस बायो गैस न सिर्फ आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में अहम भागीदार है बल्कि भविष्य के लिए ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत योगी है।

पटना में मौर्या होटल में इंडियन आयल कारपोरेशन द्वारा केंद्र सरकार की सतत योजना के तहत सीबीजी प्लांट लगाने को लेकर उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के मकसद से आयोजित परिचर्चा कार्यक्रम में पूरे राज्य से करीब 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और इन्होंने सीबीजी प्लांट लगाने में आने वाली लागत के साथ-साथ भविष्य के लिए इसकी संभावनाओं पर विस्तार से जानकारी हासिल की।

आपको बता दें कि जैविक अपशिष्ट पदार्थों से उपयोगी आटोमोटिव ग्रेड ईंधन तैयार करने के लिए 2018 में केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सतत ( SATAT) योजना शुरू की। इसके तहत कृषि अवशेष, चीनी मिल अपशिष्ट, मवेशी गोबर व 5000 किस्म के पौधों से 15 मिलियन टन सीबीजी के उत्पादन की परिकल्पना की गई है। सीबीजी में सीएनजी के समान ही विशेषताएं और कैलोरी मान हैं और इसे हरित नवीकरणीय मोटर वाहन और औद्योगिक इंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि केंद्र की सतत योजना के तहत बिहार में कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्र लगाने के लिए बिहार सरकार का उद्योग विभाग पूरी मदद करेगा । उन्होंने कहा कि चाहे केंद्र की योजना के तहत या राज्य की योजनाओं के जरिए, किसी भी तरीके से हमारा मकसद बिहार के औद्योगिकीकरण का लक्ष्य हासिल करना है।

पटना में कंप्रेस्ड बायोगैस यानी सीबीजी उत्पादन संयंत्र लगाने को प्रोत्साहित करने के मकसद से आयोजित सेमिनार कार्यक्रम में इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक विभास कुमार, उद्योग विभाग के तकनीकी निदेशक संजीव कुमार और पूरे प्रदेश से आए उद्यमी मौजूद रहे।

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