जन सुराज की सोच को लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचे प्रशांत किशोर

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युवाओं, महिलाओं और जनप्रतिनिधियों से किया संवाद

श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):

जन सुराज अभियान के तहत गुरुवार को प्रशांत किशोर मुजफ्फरपुर पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले सरैया प्रखंड में सहायता समूह से जुड़ीं महिलाओं और किसानों से मुलाकात की। इसके बाद अलग अलग कई कार्यक्रमों में उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था के जनप्रतिनिधियों, प्रसिद्ध चिकित्सकों, प्रबुद्ध नागरिकों, महिलाओं और युवाओं से जन सुराज की सोच को लेकर संवाद किया और लोगों के सभी सवालों के जवाब दिए।

70 हजार से अधिक लोग जन सुराज के संपर्क में
प्रशांत किशोर ने जन सुराज के विचार को रेखांकित करते हुए बताया कि जन सुराज के माध्यम से वह लोगों के साथ संवाद स्थापित करना चाहते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा, “बिहार के सभी, सही लोगों को एक साथ एक मंच पर आकर काम करना होगा तभी बिहार बेहतर हो सकता है। 70 हजार से ज्यादा ऐसे लोग हैं जिनसे या तो हमने संपर्क किया है या उन्होंने हमसे संपर्क किया। ऐसे सभी लोगों से सितम्बर तक मिलना है। उसी क्रम में मुजफ्फरपुर आए हैं।”
बिहार की बदहाली पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 30 साल की सरकारों ने जो अच्छे काम किए उन्हें स्वीकार करना चाहिए चाहे लालू जी के सामाजिक न्याय की बात हो या नीतीश जी के आर्थिक विकास की बात हो, लेकिन सच्चाई यह है की 60 के दशक के बाद से ही बिहार विकास के तमाम मापदंडों पर पिछड़ता चला गया और आज बिहार विकास लगभग मामले में देश में सबसे निचले पायदान पर है।

जिस गांव में शाम होगा वहीं रुकेंगे और सुबह वहीं से चलेंगे
बिहार के विकास के लिए सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास पर बल देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा की वह 2 अक्तूबर से पाश्चिम चंपारण के गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरू करेंगे। इस पदयात्रा के माध्यम से वो बिहार के हर गली-गांव, शहर-कस्बों के लोगों से मुलाकात करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे। उनसे समझेंगे कि कैसे बिहार को बेहतर बनाया जा सकता है।
पदयात्रा के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया, “इस दौरान जहां शाम होगी उसी गांव में रात्रि विश्राम करेंगे और सुबह फिर वहीं से चलना शुरू करेंगे। इस दौरान लोगों से सीखने-समझने के बाद ही आगे का रास्ता तय करेंगे। पदयात्रा के बाद लोगों के सुझाव और विशेषज्ञों की राय की मदद से विकास के 15 मापदंडों जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ पर अलग अलग 15 ब्लूप्रिंट जारी करेंगे। ब्लूप्रिंट में बताएंगे कि कैसे बिहार को बेहतर बनाया जा सकता है। पदयात्रा के 100 दिनों के भीतर जारी होने वाले इस ब्लूप्रिंट में सभी लोगों का सुझाव समायोजित किया जाएगा।”

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