अग्निपथ को लेकर कई जगहों पर फूंकी गई ट्रेन, यात्री की हुई मौत.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में विरोध के दौरान कुल 4 ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया. इन ट्रेनों में विक्रमिशला एक्सप्रेस, लोहित एक्सप्रेस, मुजफ्फरपुर भागलपुर इंटरसिटी व बिहार संपर्क क्रांति शामिल है.

लखीसराय में रेल यात्री की मौत

अग्निपथ योजना के विरोध में लखीसराय में दो ट्रेनों में आग लगा दी गयी. इस दौरान मुजफ्फरपुर-भागलपुर इंटरसिटी के एक यात्री की मौत हो गयी. सूत्रों के अनुसार, यात्री की मौत दहशत के कारण हो गयी. जिस ट्रेन में आग लगायी गयी उसमें वो सवार थे.

बिहार के बेतिया में 17 जून से लेकर 20 जून तक अग्निपथ योजना के विरोध में संभावित अनहोनी के मद्देनजर निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया है. अनुमंडल पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार ने बताया कि विरोध के दौरान संभावित अनहोनी को देखते हुए ऐसी आशंका है कि उक्त अवधि में असामाजिक एवं उपद्रवी तत्वों द्वारा असंवैधानिक ढंग से शांति भंग करने का प्रयास किया जा सकता है. जिससे सरकारी परिसंपतियों की हानि तथा आमजनों के अमन चैन में बाधा उत्पन्न हो सकती है.

इन जगहों पर भीड़ लगाने पर मिलेगी सजा

ऐसे में संवेदनशील स्थलों, धार्मिक स्थलों, सरकारी कार्यालयों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, मुख्य मैदानों सहित संपूर्ण क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया है. निषेधाज्ञा के दौरान पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एक जगह एकत्र नहीं हो सकते है. सोशल मीडिया पर किसी भी व्यक्ति द्वारा भ्रामक सूचना प्रसारित नहीं किया जायेगा. सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बिना कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जायेगा.

छह घटे तक उपद्रवियों के कब्जे में रहा शहर

अग्निपथ योजना के विरोध में शहर करीब छह घटे तक उपद्रवियों के कब्जे में पूरी तरह से रहा. इस दौरान रेल परिसर समेत शहर के कई इलाको में तोड़फोड़ एवं आगजनी की गयी. सुबह करीब सात बजे से हीं आंदोलनकारियों का जत्था बेतिया रेल परिसर में एकत्र होने लगा. इसी बीच बेतिया में तैनात रेल डीएसपी पंकज कुमार ने स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना देते हुए पर्याप्त पुलिस बल भेजने की मांग की. सूचना पाकर एसडीएम डॉ विनोद कुमार, एसडीपीओ मुकुल परिमल पांडेय समेत अन्य प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी सशस्त्र जवानों के साथ रेल परिसर पहुंचे.

रेलवे स्टेशन पर आगजनी तोड़फोड़

उपद्रवियोंने अपना उत्पात मचाना आरंभ कर दिया था. रेल परिसर में मौजूद बेंच, पंखे, ट्यूब लाइट सभी तोड़ डाले गये. रेल टिकट काउंटर के अलावे रेलवे द्वारा लगाये गये तीन ऑटोमैटिक टिकट मशीन को भी तोड़ दिया गया. स्टेशन के सौंदर्यीकरण के लिए लगाये जा रहे दीवाल पट्टी को भी तोड़ दिया गया. स्टेशन प्लेटफार्म पर लगाये गये बेंच उपस्कर के साथ हीं साथ कोविड टीकाकरण के लिए उपस्थित कर्मियों के साथ बदसलूकी करते हुए वहां पड़े भायल एवं जांच कीट को भी नष्ट कर दिया गया. इस दौरान रेल परिसर के प्रतिक्षालय, स्टेशन अधीक्षक के कार्यालय में मौजूद सोफा कुसी बेंच आदि को ट्रैक पर फेंककर आग के हवाले कर दिया. स्टेशन के पूर्वी केबिन पर पहुंच वहां लगे दो लोको इंजन में आग लगा दी. वहीं ट्रैक पर टायर जला कर विरोध जताया.

शहर में अघोषित कर्फ्यू का नजारा

उपद्रव के बाद बेतिया शहर में अघोषित कर्फ्यू का नजारा रहा. सुबह से हीं गुलजार रहनेवाला सुप्रिया सिनेमा रोड एनएच 727 पर स्थित किसी भी बड़े शोरुम या रेस्त्रां के शटर नहीं खुले. यहीं हाल शहर के लालबाजार, मीना बाजार, जंगी मस्जिद रोड, कविवर नेपाली पथ, प्रजापति पथ, अस्पताल रोड की रही. जहां किसी अनहोनी की आशंका के कारण दुकानदारों ने अपने दुकान बंद कर लिया. हैरत की बात तो यह कि उपद्रवियों के किसी हमले तोड़फोड़ की आशंका से शहर के उन इलाकों में भी दुकानों के दिनभर शटर बंद रहे जिन इलाकों में कभी कोई मारपीट या हंगामा की भी आशंका नहीं रहती है.

सांसद के आवास को फूंकने की हुई कोशिश

उपद्रवियों के निशाने पर भाजपा के बड़े नेता रहे. सबसे पहले सभी ने डिप्टी सीएम रेणु देवी के आवास पर हमला किया और फिर भाजपा जिलाध्यक्ष दीपेंद्र सर्राफ के आवास परिसर में वाहनों को तोड़ दिया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद के आवास पर पहुंच सभी ने यहां जमकर उत्पात मचाया. गेट तोड़ दिये. मकान पर रोड़ेबाजी पर शीशे तोड़ डाले. सांसद के आवास में होने की आशंका पर उनके आवास में केरोसिन व मोबिल डाल फूंकने की कोशिश की गई. यहां फायरिंग होने की भी बात कही जा रही है.

मूकदर्शक बनी रही पुलिस, रोड़ेबाजी में कई चोटिल

शहर के उत्पात के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही. हालांकि सुप्रिया रोड में उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने जब बल प्रयोग करना आरंभ किया तो उपद्रवियों की ओर से रोड़ेबाजी आरंभ कर दी गयी. रोड़ेबाजी में एसडीपीओ समेत कई पुलिस पदाधिकारी चोटिल हो गये. इधर उपद्रवियों ने अलग अलग जत्था बना लिया और जिसे जहा जो भी जगह मिला वहां तोड़फोड़ आरंभ कर दिया. उपद्रवियों के आगे किसी की एक न चल रही थी. आंदोलनकारियों के उपद्रव के कारण पूरा शहर सुन पड़ा था. अपराह्न दो बजे तक एक भी दुकान नहीं खुले.

कोविड वैक्सीन और टेस्टिंग सेंटर को किया क्षतिग्रस्त

आंदोलन के नाम रेलवे स्टेशन पर उमड़ी उपद्रवियों की भीड़ ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कोविड 19 वैक्सिनेशन और कोविड टेस्ट सेंटर को निशाना बनाते हुए रेलवे स्टेशन पर बनाए वैक्सिनेशन और टेस्टिंग सेंटर को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. लाठी और डंडे से लैस बेकाबू उपद्रवियों ने काउंटर समेत कुर्सियों को तोड़ने के साथ साथ लाखों रुपए के वैक्सीन वायल, सिरिंज और मेडिकल उपकरण को नष्ट करते हुए रेलवे लाइन पर फेंक दिया गया. मौके पर मौजूद महिला एवं पुरुष स्वास्थ्यकर्मी किसी तरह जान बचाकर भागने में सफल रहे.

सार्वजनिक स्थलों की बढ़ा दी गई सुरक्षा: डीएम

डीएम ने कहा कि शहर में हुई आगजनी, तोड़फोड़ मामले में शामिल उपद्रवियों की पहचान करायी जा रही है. वीडियोग्राफी एवं सीसीटीवी कैमरों से फुटेज के माध्यम से उनकी पहचान करवायी जा रही है. शहर में फ्लैग मार्च कराया गया है. पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है. उपद्रवियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा. जिला मुख्यालय समेत जिले के सभी इलाको में भी बीडीओ, सीओ एवं थानाध्यक्ष को सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं.

सीसीटीवी के आधार पर उपद्रवियों की पहचान: एसपी

एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने कहा कि उपद्रवियों से प्रशासन सख्ती से निपटेगी. जगह जगह लगाये गये सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. किसी को बख्शा नहीं जायेगा. उपद्रव करने के मामले में एक दर्जन से अधिक आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया गया है, जिनका सत्यापन कराया जा रहा है. उप्रदव में शामिल हर एक शख्स को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया है.

18 जून को बिहार बंद का आह्वान

सशस्त्र बलों में भर्ती की नयी योजना ‘अग्निपथ’ को लेकर बिहार के कई जिलों में बवाल कटा हुआ है. कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया. इस बीच आइसा-इनौस, रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा और सेना भर्ती जवान मोर्चा ने 18 जून को बिहार बंद का आह्वान किया है.

 

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