शहीद संत हरेन्द्र भगत की शहादत दिवस पर जीरादेई विधायक ने अर्पित की श्रद्धांजलि

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श्रीनारद मीडिया, चमन श्रीवास्‍तव, सीवान (बिहार):

सीवान  जिले के सीवान सदर प्रखंड के भंटापोखर गांव में रविवार को शहीद संत हरेन्द्र भगत का 18 वां शहादत दिवस मनाया गया । प्रति वर्ष की भांति आयोजित संकल्प सभा का संचालन इस बार मनोरंजन कुशवाहा ने किया। मौके पर शिक्षक पारसनाथ सिंह ने बताया कि संत हरेन्द्र जी सदैव जोर- जुल्म व अन्याय के खिलाफ किसानों, मजदूरों व गरीबों, छात्रों तथा शोषित, पीड़ित व असहाय जनता के हित में संघर्ष किया।

वे पंचायत के मुखिया होने के साथ-साथ एक निहायत ईमानदार, न्यायप्रिय, मुखर आवाज व वीर योद्धा थे। वे अपने न्याय संगत कार्यों, स्पष्टवादी नीति व सिद्धांतों के कारण विरोधियों के आँखों के किरकिरी बन गए थे। जिसके कारण उनकी हत्या करवा दी गई।  इस मौके पर शहीद भगत जी को एक मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि शहीद संत हरेन्द्र भगत ने सौहार्द्र व सामाजिक समरूपता वह एकता की जो अलख जगाई थी। उसे गति प्रदान कर उनके सपनों व अरमानों को मंजिल तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गरीबों के मसीहा संत जी सिर्फ भंटापोखर पंचायत के लिए ही नहीं वरन् सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि समाज में सामाजिक एकता गरीबों के साथ न्याय का नारा देने वाले ऐसे महापुरुष सदियों बाद जन्म लेते हैं। मुखिया पति मंजेश कुमार रजक ने बताया कि संत जी का पंचायत के नव निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका रही है।

वे सच्चे मायनों में गरीबों, दलितों, शोषित व पीड़ितों के मसीहा थे। जीवन पर्यंत उन्होंने समाज में कमजोर वर्गों की उत्थान के लिए काम किया। वे व्यक्ति नहीं विचार थे। उनकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण ही उनकी हत्या कर दी गयी। आज वक्त कि पुकार है कि हमसब राष्ट्रवाद के एक ही बैनर तले जातिवाद व धर्मवाद से ऊपर उठकर समाज के तमाम पिछड़े, शोषित व वंचित वर्ग के न्याय के लिए आवज बुलंद करें।

यही शहीद संत हरेंद्र बाबू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वहीं शिक्षक मिथिलेश प्रसाद ने बताया कि संत जी के शहादत को कदापि भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक न्याय के लिए कुर्बान कर दिया। वे वर्तमान व आनेवाले कई पीढ़ियों के लिए आदर्श बने रहेंगे। बारी-बारी से विभिन्न वक्ताओं ने उनकी जीवनी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।

वहीं उनकी परिकल्पना साकार कर नया समाज निर्माण करने के लिए उनके प्रशंसकों व चहेतों ने प्रतिबद्धता दोहराई। मौके पर माननीय जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा, माले जिला सचिव हंसनाथ राम, मुखिया पति मंजेश कुमार रजक, सुरेन्द्र सिंह, जयनाथ ठाकुर, मुन्ना कुशवाहा, गौरीशंकर प्रसाद, हेमंत सिंह, अर्जुन सिंह, अवध किशोर प्रसाद, शिक्षक पारसनाथ सिंह व मिथिलेश प्रसाद सहित सैकड़ों लोगों ने मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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