गैंगस्टर अमित सिंह की हत्या का खुल गया राज, एएसआई और सिपाही गिरफ्तार
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
झारखण्ड में देवघर कोर्ट के वकालत खाना परिसर में बीते 18 जून को गैंगस्टर अमित सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोप में उसे वहां लेकर पहुंचे एएसआई रामवतार राम और सिपाही ताबिश खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी सहित इस मामले की पूरी रिपोर्ट दवघर पुलिस ने पटना के एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों को भेज दी है। अमित सिंह की कोर्ट में पेशी के बाद वकील से मुलाकात के क्रम में हत्या कर दी गयी थी।
देवघर पुलिस के अनुसार अमित को अपनी सुरक्षा में लाने वाली स्कॉर्ट टीम के व पटना पुलिस के अवर निरीक्षक रामवतार राम और सिपाही ताबिश भी इस साजिश में शामिल थे। जांच के क्रम में दोनों के खिलाफ देवघर पुलिस को कई साक्ष्य मिले हैं। साक्ष्यों के आधार पर गुरुवार को दोनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेशी के बाद पुलिस ने जेल भेज दिया है।
पटना एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया है कि देवघर पुलिस की रिपोर्ट मिली है। कई साक्ष्य भी देवघर पुलिस ने सौंपे हैं। इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों पर यहां भी कार्रवाई की जायेगी। आरोपित पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जायेगा।
पटना एसएसपी ने सभी को किया सस्पेंड
इस मामले के सामने आने और देवघर पुलिस की रिपोर्ट मिलने के बाद पटना के एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों ने एएसआई समेत पांचो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया है। इन सभी पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी। एसएसपी के मुताबिक एएसआई के शराब का सेवन करने की बात भी सामने आयी है।
ट्रेन कैंसिल हुई तो एएसआई ने कहा- ‘कार मंगवाओ
बीते 17 तारीख को पटना पुलिस की टीम अमित को ट्रेन से ले जाने के लिये स्टेशन पहुंची थी। जब ट्रेन कैंसिल होने का पता पुलिसकर्मियों को चला तो एएसआई ने ही अमित से कहा- ‘तुम अपनी कार मंगवाओ’। अमित खुद से ही लग्जरी कार चलाकर अपने साथियों के साथ देवघर पहुंचा।
अमित के विरोधियों के संपर्क में था सिपाही
तकनीकी जांच व पूछताछ में देवघर पुलिस को पता चला कि पटना जिला बल का सिपाही 4050 ताबिश खान व अमित सिंह के बीच जेल में भी बात होती थी। देवघर पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि सिपाही की बात अमित के विरोधी माणिक गैंग के सदस्यों से भी हुई थी। यह स्पष्ट हो गया कि अमित की हत्या में साजिशकर्ता की भूमिका सिपाही ताबिश ने निभायी थी।
राउटर से मिले सुराग
घटनास्थल पर मिले राउटर ने सिपाही ताबिश की पोल खोल दी। दरअसल जब राउटर की तकनीकी जांच की गयी तो पता चला कि यह माणिक गैंग के सदस्यों का है। उक्त राउटर की जांच में पुख्ता जानकारी मिली कि सिपाही ताबिश खान की 18 जून की सुबह 7:45 बजे मोबाइल से पटना बेउर जेल में बंद कैदी माणिक के भाई सोनू कुमार से व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से बात हुई थी।
नियम की उड़ायी धज्जियां
कुख्यात अमित की अभिरक्षा जो पटना की पुलिस टीम देवघर आयी थी, उसने पटना पुलिस केंद्र द्वारा निर्गत कमान पत्र संख्या- 79135/17 जून के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए देवघर पहुंची थी। उक्त निर्गत कमान में आदेश दिया गया था कि देवघर नगर थाना कांड संख्या- 476/12 के सजायाफ्ता बंदी अमित सिंह को न्यायालय में ले जाने से पहले नजदीकी थानाध्यक्ष को सूचना देने के बाद न्यायालय ले जाएंगें। बंदी संबधित सूचना पुलिस उपाधीक्षक प्रारक्ष पटना के मोबाइल पर हर घंटे देंगे, जबकि उक्त टीम द्वारा ऐसा नहीं किया गया।
8 साथियों को बांड पर छोड़ने और 3 पुलिसकर्मी को पटना पुलिस के हवाले करने की तैयारी
देवघर पुलिस के हिरासत में पूछताछ के लिए रखे गए अमित के आठ साथियों को बांड पर परिजनों के हवाले करने की तैयारी की जा रही थी। वहीं तीन पुलिसकर्मियों को पटना पुलिस के पहुंचने के बाद उन्हें सौंपा जाएगा। नगर थाना प्रभारी नागेन्द्र कुमार मंडल ने बताया कि मृतक अमित सिंह के 8 साथी व 5 पुलिसकर्मियों के मोबाइल को जब्त कर जांच के लिए रखा गया है, जबकि तीन वाहनों को जब्त किए गए है।
हथकड़ी भी नहीं लगाई गई थी
अमित को पेशी के लिए ले जाने वाले पुलिस टीम का नेतृत्व अवर निरीक्षक राम अवतार राम कर रहे थे। जब अमित को पेशी के लिए लाया गया था उसके हाथ में न ही हथकड़ी लगायी गयी थी और ना ही हाजत में रखा गया था। बंदी अमित सिंह खुद से कार चलाकर पटना से देवघर आया था। यहां एक निजी मकान में रुका था। उसे कोर्ट हाजत में भी नहीं रखा गया था।
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