आरटीपीसीआर लैब का उपमुख्यमंत्री व विभागीय मंत्री ने किया उद्घाटन 

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स्वास्थ्य के क्षेत्र में कटिहार ज़िलें का बढ़ता कदम: उपमुख्यमंत्री

आने वाले दो महीनों के अंदर डायलिसिस की व्यवस्था होगी सुनिश्चित: मंगल पाण्डेय

ज़िलें के विभिन्न अस्पतालों में सुख सुविधाओं को लेकर लगातार हो रही है बढ़ोतरी: जिलाधिकारी

संक्रमण के मामलें में आरटीपीसीआर जांच कोविड-19 की अंतिम जांच: सिविल सर्जन

श्रीनारद मीडिया, कटिहार,  (बिहार):


स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक बड़ा अवसर कटिहार के लिए आया है। जहां जीएनएम स्कूल परिसर में 64 लाख की लागत से बनकर तैयार रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) लैब का शुभारंभ विभागीय मंत्री मंगल पाण्डेय के द्वारा किया गया हैं। उक्त बात राज्य के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने शहर स्थित जीएनएम सह पारा मेडिकल कॉलेज परिसर में निर्मित आरटीपीसीआर लैब का विधिवत उद्घाटन के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने यह भी बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण की जांच रिपोर्ट स्थानीय निवासियों को बहुत ही कम समय में मिलने लगेगी। हालांकि पहले इसी जांच रिपोर्ट के लिए भागलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा जाता था। जिसमें काफी समय लग जाता था। लेकिन अब यह मात्र 6 से 7 घंटे के अंदर स्वास्थ्य विभाग मुहैया कराने में सफ़ल साबित होने लगेगा। जीएनएम सह पारा मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर लैब के लिए बीएमएसआईसीएल द्वारा लैब की आधारभूत संरचना 64 लाख की लागत से तैयार की गई हैं।

उद्घाटन से पहले उपमुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, जिलाधिकारी एवं आगत अतिथियों का स्थानीय जीएनएम कॉलेज की छात्राओं द्वारा प्राचार्य डॉ रोहित तोगड़िया के नेतृत्व में स्वागत किया गया। इन अवसर पर उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, जिलाधिकारी उदयन मिश्रा, सिविल सर्जन डॉ डीएन पाण्डेय, स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम डॉ किसलय कुमार, जीएनएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ रोहित तोगड़िया, आरटीपीसीआर लैब के प्रभारी डॉ कौशल कुमार गुप्ता, सीफार के धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी सहित कई अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं नेतागण मौजूद थे।

 

आने वाले दो महीनों के अंदर डायलिसिस की व्यवस्था होगी सुनिश्चित: मंगल पाण्डेय
वही स्वास्थ्य विभाग के मंत्री मंगल पाण्डेय ने उद्घाटन समारोह के दौरान बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है कि देश व राज्य के नागरिकों को किसी भी तरह से कोई परेशानी नहीं हो। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर तरह की सुख सुविधाओं को बेहतरीन तरीके से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कटिहार स्थित जीएनएम कॉलेज परिसर में रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) लैब का उद्घाटन किया गया है। इस लैब की स्थापना होने से कोरोना संक्रमण के मामलें में मात्र 6 से 7 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। मंत्री मंगल पाण्डेय द्वारा आरटीपीसीआर लैब के प्रभारी चिकित्सक डॉ कौशल किशोर गुप्ता से बहुत बारीकी के साथ जांच करने के तरीक़े एवं रख रखाव से जुड़े सवाल कर जानकारी प्राप्त की गई। इसके साथ ही बेहतर उपचार की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा सकता है। क्योंकि कोविड-19 संक्रमण वायरस के चौथे लहर को पूर्ण रूप से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। जो कटिहार के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आने वाले दो महीनों के अंदर 6 बेड की डायलिसिस व्यवस्था स्थानीय क्षेत्र के निवासियों को सौगात के रूप मिलने वाली है।

 

ज़िलें के विभिन्न अस्पतालों में सुख सुविधाओं को लेकर लगातार हो रही है बढ़ोतरी: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी उदयन मिश्रा ने बताया कि अब कोविड-19 संक्रमण के नमूने की जांच भागलपुर नही बल्कि स्थानीय ज़िलें कटिहार में ही होगी। क्योंकि पहले आरटीपीसीआर जांच का सैंपल भागलपुर भेजना पड़ता था और वहां से जांच करने के बाद रिपोर्ट आती थी। जिस कारण चिकित्सक, मरीज़ एवं अभिभावकों को काफ़ी इंतज़ार करना पड़ता था। लेकिन अब यहीं पर जांच होने से मरीजों को रिपोर्ट भी जल्द मिलनी शुरू हो जाएगी। मरीजों को जल्द रिपोर्ट मिलने से संक्रमण की वास्तविक जानकारी जल्द ही मिल जाएगी। इससे उपचार के साथ दवा भी जल्द शुरू किया जा सकेगा और दूसरे लोगों को संक्रमण फ़ैलने से भी बचाया जा सकता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कटिहार जिला नित नई-नई कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसी कड़ी में आज शहर स्थित जीएनएम स्कूल परिसर में आरटीपीसीआर लैब का शुभारंभ बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद एवं स्वास्थ्य विभाग के मंत्री मंगल पाण्डेय के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। हालांकि ज़िलें के विभिन्न अस्पतालों में सुख सुविधाओं को लेकर लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हर तरह के मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो, इसका ख्याल रखा जा रहा है।

 

संक्रमण के मामलें में आरटीपीसीआर जांच कोविड-19 की अंतिम जांच: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ डीएन पाण्डेय ने बताया कि रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) मशीन लग जाने के बाद अब जांच रिपोर्ट के लिए लोगों को ज्यादा दिनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि वर्तमान समय में आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन का समय लग जाता है। लैब शुरू हो जाने से 6 से 7 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी। आरटीपीसीआर जांच कोरोना की अंतिम जांच होती है। इसमें आने वाली रिपोर्ट को ही सबसे बेहतर माना जाता है।
एंटीजन किट से जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद लक्षण वाले मरीजों के कन्फर्मेशन के लिए आरटीपीसीआर जांच कराई जाती है। लेकिन अब अपने जिले कटिहार में ही इसकी सुविधा उपलब्ध हो गई हैं। जिससे यहां के निवासियों को राहत की बात हैं। वर्तमान में ट्रूनाट और एंटीजन किट से जांच कराने के बाद लोग बाहर घूमते रहते हैं। अगर तीन से चार दिन बाद आरटीपीसीआर की जांच में रिपोर्ट संक्रमित आती है तो आइसोलेट होते हैं। इस कारण कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है।

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