इंडो-पैसिफिक और रूस-यूक्रेन जंग पर फोकस
जर्मनी के श्लॉस एल्माऊ पैलेस में G-7 समिट
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जर्मनी के श्लॉस एल्माऊ पैलेस में सोमवार को G-7 समिट हुई। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। समिट में क्लाइमेट चेंज, एनर्जी, हेल्थ और फूड सिक्योरिटी एंड जेंडर इक्वालिटी पर फोकस रहा। इसके अलावा यूक्रेन-रूस जंग और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर भी गंभीर चर्चा हुई। इस दौरान मोदी ने रूस और यूक्रेन का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ वजहों से एनर्जी और फूड क्राइसिस सामने आ रहा है।
मोदी के भाषण की अहम बातें
- यह धारणा गलत है कि गरीब देश पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। भारत का एक हजार साल का इतिहास भी इस तथ्य को गलत साबित करता है। हमने प्रकृति को संरक्षित रखा है।
- भारत में दुनिया की 17% आबादी रहती है। हमने भारत के घर-घर में LED और क्लीन कुकिंग गैस पहुंचाई है। पर्यावरण के प्रति हम अपनी जिम्मेदारी निभाते आए हैं और निभाते रहेंगे। हर गरीब परिवार का ऊर्जा पर बराबर हक है। यह सिर्फ अमीरों के लिए नहीं है।
- हमें उम्मीद है कि अमीर देश क्लीन एनर्जी के मामले में भारत की मदद करेंगे। आज भारत में दुनिया का पहला सोलर पावर्ड एयरपोर्ट है।
मोदी-बाइडेन मुलाकात
सोमवार को समिट शुरू होने के पहले ग्रुप फोटो सेशन हुआ। इस दौरान एक पल ने सभी का ध्यान खींचा। दरअसल, ग्रुप फोटो से पहले मोदी और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो बातचीत कर रहे थे। कुछ दूरी पर US प्रेसिडेंट जो बाइडेन खड़े थे। उन्होंने मोदी को देखा तो तेज कदमों से चलकर उनके पीछे पहुंचे। मोदी का कंधा थपथपाकर अटेंशन चाही। मोदी ने जैसे ही पलटकर देखा तो फौरन बाइडेन का हाथ थाम लिया। फिर दोनों राष्ट्राध्यक्ष कुछ देर तक बातचीत करते रहे। इसके बाद ग्रुप फोटो सेशन हुआ।
इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी के म्यूनिख पहुंचे थे। वहां उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित किया था। मोदी ने कहा था- आज 26 जून है जो डेमोक्रेसी के लिहाज से अहम है। आज से 47 साल पहले इसी समय उस डेमोक्रेसी को बंधक बनाने उसे कुचलने का प्रयास किया गया था। इसी दिन डेमोक्रेसी पर इमरजेंसी लगाई गई थी। इसके बाद लोकतंत्र की जीत हुई। भारत के लोगों ने लोकतंत्र को कुचलने का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से दिया।
सात देशों का समूह है G-7
G-7 समूह दुनिया के सात सबसे अमीर देशों का समूह है, जिसकी अध्यक्षता अभी जर्मनी कर रहा है। इस समूह में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल है। इसमें अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों को भी आमंत्रित किया गया है।
इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू सहित कई अन्य शीर्ष नेता हिस्सा ले रहे हैं। सोमवार देर रात मोदी EU चीफ उर्सुला वॉन डेर लेयेन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से अलग से मुलाकात करेंगे।
जर्मनी में मोदी का जोरदार स्वागत
इसके पहले, वहां मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसी दौरान एक भारतीय से शादी करने वाली जर्मन लड़की ने पति के साथ मोदी के पैर छुए और आशीर्वाद लिया। इस लड़की ने प्रधानमंत्री से हिंदी में पूछा- आप कैसे हैं? फिर गुजराती में पूछा- केम छो (आप कैसे हैं)। मोदी इस अंदाज पर खुश नजर आए। उन्होंने इस लड़की से कहा- आपने हिंदी भी सीख ली।
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