महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार का 4 जुलाई को सदन में शक्ति परीक्षण.
अगर वादा पूरा किया होता तो आज BJP का सीएम होता–उद्धव ठाकरे
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) गठबंधन सरकार 4 जुलाई को विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करेगी. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया. आवश्यकता पड़ने पर इस पद के लिए 3 जुलाई को चुनाव कराया जायेगा.
4 जुलाई को विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे एकनाथ शिंदे
उन्होंने कहा कि 3 जुलाई को ही दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो रहा है. कांग्रेस के नाना पटोले के पिछले साल फरवरी में इस्तीफा देने के बाद से यह पद खाली था. विधान भवन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 4 जुलाई को सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे.
राजनीतिक ड्रामा का 10 दिन बाद हुआ खात्मा
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में 10 दिन तक चले राजनीतिक ड्रामा के बाद एकनाथ शिंदे की अगुवाई में 30 जून को भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने. एकनाथ शिंदे शिवसेना से बगावत करके मुख्यमंत्री बने हैं. हालांकि, उनका दावा है कि वह आज भी शिवसैनिक हैं.
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों ने की बगावत
ज्ञात हो कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में तीन दर्जन विधायक मुंबई से सूरत और फिर सूरत से गुवाहाटी चले गये. गुवाहाटी से एकनाथ शिंदे गुट के विधायक गोवा पहुंचे थे. शिवसेना के इन विधायकों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्व के मुद्दे से भटकने का आरोप लगाया था.
उद्धव ठाकरे को देना पड़ा इस्तीफा
आखिरकार उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद एकनाथ शिंदे गोवा से मुंबई पहुंचे और सरकार गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ. चर्चा यह थी कि भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे और एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री बनेंगे. लेकिन, फडणवीस ने खुद ऐलान किया कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे.
संजय राउत बोले- शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के लिए की थी बगावत
एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के लिए ही बगावत की थी. हालांकि, उद्धव ठाकरे ने शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जतायी कि दोनों मिलकर महाराष्ट्र का विकास करेंगे.
शिवसेना भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि 2019 विधानसभा के बाद भाजपा और शिवसेना (Shiv Sena) ने पांच साल के कार्याकाल के दौरान 2.5 साल के मुख्यमंत्री पद की मांग की थी. अगर भाजपा उस वक्त राजी होता तो कभी महा विकास अघाड़ी का गठन नहीं होता. उन्होंने कहा, अगर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 2019 में उनसे किया गया वादा पूरा किया होता तो अब महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्यमंत्री होता.
ठाकरे ने बीजेपी के फैसले पर उठाया सवाल
उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाये जाने संबंधी भारतीय जनता पार्टी के फैसले पर सवाल उठाये और आश्चर्य जताया कि भाजपा ने 2019 में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने से इनकार क्यों किया. उन्होंने कहा , आज जिस तरह से सरकार बनाई गई है और एक शिवसेना के सैनिक को सीएम बनाया गया है, मैंने 2019 में अमित शाह से भी यही कहा था. उस समय शिवसेना अधिकारिक तौर पर भाजपा के साथ थी.
एकनाथ शिंदे शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं- ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी में बगावत को लोकतंत्र का मजाक और लोगों के वोट की बर्बादी बताया. उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं. फडणवीस ने सभी को आश्चर्यचकित करते हुए गुरुवार की शाम घोषणा की थी कि शिंदे राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे. ठाकरे ने कहा, जिन लोगों ने ढाई साल पहले अपना वादा पूरा नहीं किया और शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा, वे एक बार फिर से शिंदे को शिवसेना का मुख्यमंत्री बताकर शिवसैनिकों के बीच संशय पैदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिवसेना को अलग रखने से शिवसेना का कोई मुख्यमंत्री नहीं हो सकता.
मेट्रो कार शेड परियोजना पर ठाकरे की अपील
ठाकर ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार से आरे कॉलोनी में मेट्रो -3 कार शेड परियोजना के साथ आगे नहीं बढ़ने की भी अपील की. उन्होंने कहा, मैं बहुत परेशान हूं. अगर आप मुझ पर नाराज हैं, तो इसे जाहिर करो, लेकिन मुंबई के दिल में छुरा मत मारो. मैं बहुत परेशान हूं कि आरे संबंधी फैसले को उलट दिया गया है. यह निजी संपत्ति नहीं है. ठाकरे ने कहा, मैंने निर्णय पर रोक लगा दी थी. मैंने कांजुरमार्ग का विकल्प दिया है. मैं पर्यावरण और पर्यावरणविदों के साथ हूं.