सोशल मीडिया की जवाबदेही देशभर के लिए एक बड़ा सवाल बन गया है-अश्विनी वैष्णव
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सोशल मीडिया (Social Media) की जवाबदेही को लेकर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (IT Minister Ashwini Vaishnaw) ने मंगलवार को कहा कि सोशल मीडिया एक पावर फूल मीडियम है. इसका हमारे जीवन में बहुत बड़ा प्रभाव है. इसकी जवाबदेही कैसे हो ये दुनिया में अभी सबसे बड़ा सवाल बन गया है. लोगों को खुद ही हानिकारक कंटेंट को खुद से दूर करना होगा फिर उद्योग और सरकारी विनियमन करेगा. पूरी दुनिया में इसपर विचार हो रहा है कि सोश्ल मीडिया में जवाबदेही लायी जाए. अश्विनी वैष्णव ने यह बयान राष्ट्रीय स्टार्टअप सम्मेलन के दौरान कही.
सोशल मीडिया ने लाए परिवर्तनकारी बदलाव
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आईटी मंत्री ने कहा कि मोबाइल फोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इंटरनेट ने शक्तिशाली और परिवर्तनकारी बदलाव लाए हैं, लेकिन यह जिम्मेदारियों के साथ आना चाहिए था. वैष्णव ने जोर देकर कहा कि सोशल मीडिया और डिजिटल दुनिया को और अधिक जवाबदेह बनाने की जरूरत है.
कानूनों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी- वैष्णव
उन्होंने आगे कहा, कोई भी कंपनी हो, किसी भी क्षेत्र में, उन्हें भारत के कानूनों का पालन करना चाहिए. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि संसद द्वारा पारित कानूनों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है. बता दें कि बता दें कि यह बयान तब आया है जब ट्विटर ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई सामग्री को हटाने के केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ अदालत का रुख किया है. ट्वीटर ने भारतीय अधिकारियों पर सत्ता का दुरुपयोग का आरोप लगाया है.
पिछले 8 वर्षों में डिजिटल इंडिया की यात्रा संतोषजनक
वैष्णव ने कहा कि पिछले 8 वर्षों की डिजिटल इंडिया की यात्रा संतोषजनक रही. 8 साल पहले गिने-चुने स्टार्टअप थे और आज 73,000 स्टार्टअप हैं और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं. इस यात्रा को कैसे अगले 10 वर्षों तक आगे लेकर जाएं इस पर सभी स्टार्टअप के साथ चर्चा हो रही है.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सोशल मीडिया मंचों को और जवाबदेह बनाने पर देश में स्पष्ट रूप से सहमति है. उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए आवश्यक कानूनी बदलाव और नियमन लायेगी.
जिम्मेदारी का एहसास भी हो
वैष्णव ने कहा कि मोबाइल फोन पर इंटरनेट सुविधा और सोशल मीडिया मंच शक्तिशाली और परिवर्तनकारी बदलाव लेकर आये हैं लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी का एहसास भी आना चाहिए. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और डिजिटल दुनिया को और जवाबदेह बनाने की जरूरत है.
कानून में बदलाव करने पड़े, तो करेंगे
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा, कानून में जो भी बदलाव करने पड़ेंगे, हम करेंगे. मीडिया समूहों के भीतर स्व-नियमन जरूरी है. स्व-नियमन किया जाएगा लेकिन जब भी जरूरत होगी, सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने के लिए हम सभी कदम उठाऐंगे.
सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाना आवश्यक
वैष्णव कहा कि संसद के भीतर और बाहर भी, देश में इस पर सहमति है कि सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाना आवश्यक है. उन्होंने कहा, आप दुनियाभर में भी देखें तो सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने का ही रूझान है. भारत में भी ऐसा ही है और जैसा कि मैंने कहा कानूनी कदम भी उठाये जाएंगे.
सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार सोशल मीडिया के यूजर्स की शिकायतों के बेहतर समाधान के लिए स्व-नियामकीय अपीलीय व्यवस्था बनाने के उद्योग के सुझावों पर गौर करने को तैयार है. उन्होंने यह भी कहा कि व्यापक विचार-विमर्श के बाद सोशल मीडिया नियमों में नये संशोधनों को जुलाई महीना समाप्त होने से पहले अंतिम रूप दे दिया जाएगा.
केंद्र ने सोशल मीडिया मंचों के शिकायत अधिकारी के निर्णय के खिलाफ आवेदनों पर गौर करने को अपीलीय समिति गठित करने का प्रस्ताव किया है. इस लिहाज से यह बयान महत्वपूर्ण है. सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों में किये गये संशोधन के प्रस्ताव के अनुसार समिति को आवेदन प्राप्त होने के तीस दिनों के भीतर उसका निपटान करना होगा और उसका निर्णय संबंधित बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बाध्यकारी होगा.
चंद्रशेखर ने संवाददाताओं से कहा, अगर उद्योग सुझाव देता है और अपने तरीके से शिकायतों को लेकर अपील का निपटान करना चाहता है, हम उसके लिए तैयार हैं. यह एक परामर्श है. अगर किसी के पास ज्यादा बेहतर समाधान है, हम उसके लिए भी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संशोधन का मकसद सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को शिकायतों के निपटान के लिए ‘अतिरिक्त विकल्प’ प्रदान करना है.
मंत्री ने कहा, फिलहाल यूजर्स के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में अगर उद्योग और ये मंच स्व-नियामक, स्व-निपटान अपीलीय व्यवस्था लाते हैं, तो हम उसके लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर उद्योग शिकायतों के निपटान के लिए स्वयं विधान बनाता है और जवाबदेही तय करता है, सरकार इस प्रकार के सुझाव पर विचार के लिए पूरी तरह से खुली हुई है.
चंद्रशेखर ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में शिकायतों का प्रभावी तरीके से समाधान नहीं किया जा रहा है. मंत्री ने कहा, शिकायत निपटान अधिकारी के पीछे सोच यह है कि वह यूजर्स की तरफ से उठायी गई समस्याओं का समाधान करेंगे, लेकिन कई बार हमने रिपोर्ट देखी है कि उपयोगकर्ताओं ने शिकायतों को लेकर संबंधित अधिकारी को पत्र भेजे. अधिकारी ने पत्र प्राप्त होने की सूचना दी, लेकिन उस पर कुछ हुआ नहीं.