जुलाई के तीसरे सप्ताह में वर्षा की संभावना …. कृषि बैज्ञानिक

जुलाई के तीसरे सप्ताह में वर्षा की संभावना …. कृषि बैज्ञानिक
वर्षा नहीं होने से धान के पौधे सूखने लगे किसान परेशान

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श्रीनारद मीडिया,  एम सावर्ण, भगवानपुर हाट , सिवान (बिहार):

एक तरह किसानों का धान का बिचड़ा तैयार हो गया है ।वहीं दूसरी ओर वर्षा का नहीं होना किसानों के चिंता का विषय बना हुआ है । किसान धान का रोपनी कैसे करे । उनके समझ से बाहर होता जा रहा है । मौसम के बेरुखी से किसान काफी हलकान है । कड़ाके के धूप में धान का बिछड़ा पीला पड़ना शुरू हो गया है ।

जैसे जैसे धान का बिछड़ा पीला पड़ता जा रहा है । ठीक उसी की तरह किसान का चेहरा भी मुरझाते जा रहा है । कुछ किसान प्री मानसून के आगमन पर हुई वर्षा से धान की रोपनी तो कर दिए अब वह भी पानी के अभाव में सूखने लगा है । जिन खेतों में धान की रोपनी की जा चुकी है । उसमे दरार पड़ना शुरू हो गया है । कृषि बिज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ बैज्ञानिक सह अध्यक्ष अनुराधा रंजन कुमारी ने बताया कि मौसम
विभाग भी प्राकृति के सामने कभी कभी फेल साबित हो जाता है । इस बार भी वही हो रहा है ।

 

उन्होंने किसानों को आगाह करते हुए कहा कि 15 से 20 जुलाई तक अच्छी वर्षा की संभावना है । किसान अपने धान के बिछड़े को बचावे । उन्होंने कहा कि प्री मानसून के अवधि में जिस किसान ने धान की रोपनी कर दी है । उसमे पानी की व्यवस्था कर जरूर डाल दें । वहीं उन्होंने
कहा कि धान के बिछड़े में पानी अभी डालने से परहेज़ करें ।

उन्होंने कहा कि मक्का , अरहर , सोयाबीन की खेती के लिए मौसम अनुकूल हो रहा है । कृषि डॉ ए पी सिंह , मनिंदर सिंह , ओम
प्रकाश पांडेय , लाल बहादुर सिंह , बलिराम सिंह ने कहा कि अब मौसम पर आधारित कृषि करने का मतलब धोखा का शिकार होना है ।

 

उक्त सभी किसानों ने बताया कि क्षेत्र में नहर है तो पानी नहीं अगर पानी है तो खेतो तक पहुंचाने की व्यवस्था नहीं है । दो सौ रुपया प्रति घंटा पंप सेट से पानी खरीद कर धान की रोपनी करना काफी महंगा साबित हो रहा है ।

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