अब सभी राशनकार्ड धारियों को मिलेगी मुफ्त इलाज की सुविधा–स्वास्थ्य मंत्री,बिहार
70 रुपये की एक्सपायारी दवा में 17 साल चला कोर्ट में मामला, खर्च हुए 20 हजार
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चिकित्सकों व अस्पतालों के लिए आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के सभी राशनकार्डधारियों को आयुष्मान भारत जन-आरोग्य योजना के तर्ज पर लाभ मिलेगा. जिसके फलस्वरुप बिहार की 9 करोड़ आबादी प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख तक का कैशलेश इलाज कराने के लिए कवर्ड हो जाएगी.
राज्य में अब तक 35.38 लाख परिवारों को निगृत हुए हैं आयुष्मान कार्ड
मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 1 करोड़ 9 लाख परिवार इस योजना अंतर्गत बतौर लाभार्थी केंद्र सरकार से सूचीबद्ध हैं. लेकिन राज्य के अंदर सभी राशनकार्डधारी इस योजना से लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं. लगभग 1 करोड़ 80 लाख परिवार हैं, जो राशनकार्डधारी हैं. अतः शेष बचे लगभग 70 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को 5 लाख प्रति परिवार प्रतिवर्ष देने की योजना बिहार कैबिनेट ने स्वीकृत किया है. इसके फलस्वरुप बिहार के सारे कार्डधारी लाभान्वित हो जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग जन – कल्याण की भावना लिए कार्यरत है. राज्य में अब तक 35.38 लाख परिवारों एवं 76.25 लाख व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड निर्गत किया जा चुका है.
राज्य के कुल 985 अस्पताल इस योजना के अन्तर्गत सूचिबद्ध
राज्य में इस योजना के अंतर्गत 606 सरकारी एवं 379 गैर सरकारी अस्पताल (कुल 985 अस्पताल ) सूचीबद्ध किए जा चुके हैं. अभी तक 4 लाख 11 हजार परिवारों को इस योजना के तहत 429 करोड़ से अधिक की राशि से स्वास्थ्य लाभ दिया गया है. कोरोना से जूझते हुए दो वर्ष से अधिक का समय हो गया. इतिहास गवाह है कि महामारी से लड़ते हुए हमारे चिकित्सकों ने कारोना में अपना योगदान दिया और योजनाओं को फलीभूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पांडेय ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत जरुरतमंद पात्र लाभर्थियों को निःशुल्क इलाज प्रदान करने एवं इस योजना के सफल क्रियान्वयन में अस्पतालों एवं चिकित्सकों की भूमिका अ्हम है। इस अवसर पर आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पर 66 चिकित्सकों व 5 अस्पतालों को सम्मानित किया गया।
@70 रुपये की एक्सपायारी दवा में 17 साल चला कोर्ट में मामला, खर्च हुए 20 हजार
बिहार के शिवहर में एक शख्स को अपनी बात को सही साबित करने के लिए 17 साल का वक्त लग गया. साथ उक्त शख्स को इन 17 साल में 20 हजार रुपये भी खर्च करने पड़े. जज की कमी से जूझ रहे प्रदेश में एक्सपायरी दवा को लेकर मुकदमा दर्ज करने में एक शख्स को 17 साल लग गए. 17 साल बाद कोर्ट ने मामले में केस दर्ज करने का आदेश दिया है. इस बीच केस की पैरवी में पीड़ित के 20 हजार रुपये भी खर्च हो गए.
मामला वर्ष-2005 का है. जिले में पुरनहिया प्रखंड के बराही गांव निवासी सुरेंद्र राउत के पेट में अचानक दर्द होने लगा था. जिसके बाद वे अस्पताल जाने के लिए घर से निकल गए. बीच रास्ते में किसी ने उन्हें अदौरी चौक स्थित नंदलाल साह की दवा दुकान पर जाने की सलाह दी. पेट दर्द से परेशान सुरेंद्र राउत बताए गए दवा दुकान पर पहुंचे. जांच के बाद बताया गया कि गैस की परेशानी है. लिहाजा उन्हें एक सिरप और कुछ कैप्सूल दवा दुकानदार ने दे दिया. इसके लिए उन्हें दुकानदार को 70 रुपये उक्त दुकानदार को दिया. दवा दुकानदार द्वारा दी गई दवा को खाने के बाद उनकी तबीयत और भी बिगड़ने लगी.
गांव के एक शख्स ने जब दवा की शीशी पर लगा लेबल देखा तो बताया कि उन्हें एक्सपायरी दवा दे दी गई है. सुरेंद्र राउत जब इस बात की शिकायत लेकर नंदलाल की दवा दुकान पर गए तो वहां से उन्हें मारपीट कर भगा दिया गया. अपनी गुहार लेकर वे स्थानीय थाने में गए लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी. न्याय के लिए दर दर भटक रहे सुरेंद्र राउत ने 6 अक्टूबर 2005 को शिवहर अनुमंडल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
पीड़ित सुरेंद्र राउत ने दवा दुकानदार नंदलाल साह और उसके भाई सुखलाल साह के खिलाफ कोर्ट में मामला दायर किया. सुरेंद्र ने एक्सपायर्ड दवा बेचने, बिना लाइसेंस के दवा दुकान चलाने और बिना डिग्री के लोगों का इलाज करने का आरोप लगाया था. तारीख पर तारीफ पड़ती रही और समय बीतता चला गया. 17 साल बाद न्यायिक दंडाधिकारी राकेश कुमार की कोर्ट ने पुरनहिया थाने में केस दर्ज कर जांच का आदेश पुलिस को दिया. केस दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है.