कन्हैया लाल मर्डर केस में NIA ने की 7वीं गिरफ्तारी.
रियाज अत्तारी का करीबी है फरहाद
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
राजस्थान के उदयपुर में बीते महीने नूपुर शर्मा समर्थक दर्जी कन्हैया लाल का सिर कलम कर नृशंस हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। कन्हैया हत्याकांड मामले में अब तक यह सातवीं गिरफ्तारी है। गिरफ्तार युवक रियाज अत्तारी का करीबी बताया जा रहा है।
एनआईए ने रविवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान 31 साल के फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला के रूप में हुई है। फरहाद को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि वह हत्या के दो मुख्य आरोपियों में से एक रियाज अत्तारी का करीबी आपराधिक सहयोगी था और उसने दर्जी को मारने की साजिश में सक्रियता से भाग लिया था।
कन्हैया लाल की 28 जून को उसकी सिलाई की दुकान के अंदर चाकू से सिर काटकर हत्या कर दी गई थी। रियाज अत्तारी द्वारा दर्जी पर किए गए भीषण हमले को गौस मोहम्मद ने अपने फोन पर रिकॉर्ड किया था और वीडियो को ऑनलाइन पोस्ट किया था। उन्होंने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लेते हुए बाद में एक अन्य वीडियो में कहा था कि उन्होंने इस्लाम के कथित अपमान का बदला लेने के लिए कन्हैया लाल की हत्या कर दी है।
हालांकि, हत्याकांड के कुछ ही घंटों बाद दोनों मुख्य आरोपियों को राजस्थान पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र के अमरावती में ISIS स्टाइल में हुई हत्या के बाद अब जांच एजेंसियां अलग-अलग एंगल से पड़ताल कर रही हैं। जांच के दौरान इन दोनों ही हत्याओं में एक कनेक्शन का खुलासा हुआ है। पता चला है कि आरोपियों के तार सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI)से जुड़े हैं। बता दें कि यह चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)के लिए एक राजनीतिक मोर्चा है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कन्हैयालाल का सर कलम करने की हुई घटना के बाद सातवें आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बाब्ला को गिरफ्तार किया है। कन्हैयालाल की हत्या कुछ दिनों पहले नूपुर शर्मा का समर्थन करने के आरोप में की गई थी। इस बात को भी एक सूबत के तौर पर देखा जा रहा है कि उदयपुर में हत्या की साजिश नूपुर शर्मा के खिलाफ पीएफआई द्वारा किये गये एक रैली के बाद रची गई थी। यह रैली 20 जून को निकाली गई थी।
यह भी पता चला है कि उदयपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी रियाज अत्तर ने साल 2019 में एसपीआई ज्वाइन किया था और वो इसका सक्रिय सदस्य था। पूछताछ में आरोपी बाब्ला ने भी पीएफआई-एसडीपीआई से अपने कनेक्शन की बात कही है।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, उदयुपर और अमरावती घटना के आरोपियों के विदेशी कनेक्शन थे या नहीं? इसका पता इनसे जब्त की गई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज की पड़ताल के बाद चल जाएगा। जल्द ही इन डिवाइसों की रिपोर्ट सामने आएगी। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे अमरावती हत्याकांड में भी पीएफआई-एसडीपीआई कनेक्शन सामने आ रहा है।
हालांकि, PFI-SDPI खुद को सोशल-पॉलिटिकल संगठन के तौर पर बताते हैं। इस संगठन में पूर्व-सिमी कैडर, एहले-हदीत और सलाफी विचारधारा से प्रभावित लोग हैं। बता दें कि पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैय्यबा एहले-हदीत का फॉलोअर है।
कन्हैयालाल हत्याकांड के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उदयपुर से छठे आरोपी वसीम अली को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से 12 जुलाई तक रिमांड पर भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक, कन्हैयालाल की दुकान के पास ही कपड़े की दुकान पर काम करने वाले वसीम अली को मंगलवार रात एनआईए ने हिरासत में लिया था। इस मामले में उसने कन्हैयालाल की रेकी की और उसके दुकान पर पहुंचने की सूचना मुख्य आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी व गौस मोहम्मद को दी थी। इसी आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी को अदालत में पेश करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। विशेष लोक अभियोजक टी पी शर्मा के मुताबिक, ‘मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने वसीम अली को 12 जुलाई तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया।’ बताय गया है कि हैदराबाद में मोहम्मद अशरफी नाम के शख्स के यहां एनआईए ने रेड डाली थी, उसका भी वसीम से संपर्क था।
28 जून को हुई थी टेलर की हत्या
यहां आपको बता दें कि गत 28 जून को टेलर कन्हैयालाल साहू की उदयपुर के रहने वाले मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने नृशंस हत्या कर दी थी। दोनों ने हत्या का वीडियो भी बनाया और उसे वायरल कर दिया था। पैगंबर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने का बदला लेने के लिए कन्हैयालाल की हत्या की गई थी। इससे पहले रियाज और गौस के अलावा मोहसिन, आसिफ व एक अन्य मोहसिन नाम के शख्स को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पटरी पर लौट रही जिंदगी
उदयपुर शहर में कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद उत्पन्न तनाव के बाद विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगाये गये कर्फ्यू में बुधवार को 14 घंटे की ढील दी गई। शहर के धानमंडी, घंटाघर, हाथीपोल, अंबामाता, सूरजपोल, सविना, भूपालपुरा, गोवर्धनविलास, हिरणमगरी, प्रतापनगर एवं सुखेर धानमंडी, घण्टाघर, अम्बामाता, हाथीपोल, सूरजपोल, भूपालपुरा एवं सवीना में सुबह छह बजे से रात्रि आठ बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। इन क्षेत्रों में खुली दुकानों पर लोग अपनी जरूरत के सामान की खरीददारी करते नजर आये।
उल्लेखनीय है कि गत 28 जून को उदयपुर शहर के धानमण्डी थाना क्षेत्र में धारदार हथियारों से कन्हैयालाल की हत्या कर देने के बाद उत्पन्न हालात के मद्देनजर उस दिन रात आठ बजे से आगामी आदेश तक शहर के इन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
कन्हैया लाल को नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाला एक संदेश सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को लेकर राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित उसकी दुकान पर हत्या कर दी गई थी। भाजपा पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने को लेकर नुपुर शर्मा को निलंबित कर चुकी है।