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परिवार नियोजन पखवाड़ा : सिविल सर्जन ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के.नगर का किया निरीक्षण

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प्रखंड की सभी आशा व एएनएम को परिवार नियोजन के कार्यों में सावधानी बरतने का दिया निर्देश:
गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक करने की जरूरत:
नवजात शिशुओं को पहले छः माह केवल माँ का दूध जरूरी : सीएस

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया,(बिहार):


विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) के उपलक्ष्य में जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 11 से 31 जुलाई तक परिवार नियोजन पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान क्षेत्र के सभी लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों की जानकारी देते हुए इच्छुक लोगों को आवश्यक साधन उपलब्ध कराया जा रहा है। विभिन्न प्रखंडों में परिवार नियोजन पखवाड़े का जिला स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा आवश्यक निरीक्षण भी किया जा रहा है। मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ. एस के वर्मा द्वारा के. नगर प्रखंड का निरीक्षण किया गया। इस दौरान सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य केंद्र में लोगों को मिल रही परिवार नियोजन की सुविधाओं की जानकारी ली। साथ ही प्रखंड की सभी आशा व एएनएम को लोगों को परिवार नियोजन के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. एस. के. वर्मा के साथ डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, यूनिसेफ कॉन्सल्टेंट शिवशेखर आनंद, के.नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अहमर हसन , केयर इंडिया परिवार नियोजन समन्यवक सनत गुहा सहित प्रखंड की सभी आशा, एएनएम व अन्य लोग उपस्थित रहे।

गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक करने की जरूरत :
सिविल सर्जन डॉ. वर्मा ने सभी आशा व एएनएम को निर्देशित करते हुए कहा कि परिवार नियोजन से पूर्व बच्चों के जन्म के समय महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ सुरक्षित होना आवश्यक है। इसके लिए सभी महिला को संस्थागत प्रसव कराना जरूरी है क्योंकि तभी दोनों माँ और बच्चा प्रसव के दौरान सुरक्षित होंगे। संस्थागत प्रसव के लिए अस्पताल में ट्रेंड एएनएम व डॉक्टर उपस्थित रहते हैं। इसके होने से दोनों माँ व बच्चा के स्वास्थ्य को लाभ मिल सकता है। आशा कर्मियों द्वारा इसके लिए अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक करना चाहिए जिससे कि लोग इसका लाभ उठा सकें।

नवजात शिशुओं को पहले छः माह केवल माँ का दूध जरूरी : सीएस
सिविल सर्जन डॉ वर्मा ने कहा कि जन्म के बाद बच्चों को छः माह केवल माँ का दूध पिलाना चाहिए। इससे बच्चों को स्वास्थ्य लाभ होता और उन्हें शारीरिक ऊर्जा मिलती है। इससे बच्चा ज्यादा तंदुरुस्त व सुरक्षित रहता है। इसके अलावा सभी लोगों को दो बच्चों के जन्म के बीच आवश्यक वर्ष का अंतर रखना चाहिए। इससे महिलाओं को भी स्वस्थ्य रहने का फायदा होता है। दो बच्चों के बीच अंतराल के लिए लोग परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए सभी आशा, एएनएम द्वारा लोगों को जागरूक करना चाहिए। सिविल सर्जन ने सभी फ्रंट लाइन कर्मियों से लोगों को परिवार नियोजन के सभी स्थायी व अस्थायी साधनों के लिए जागरूक करने का निर्देश जारी किया।

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