ब्लैक फंगस ने दी दस्तक, मरीज को रेफर किया गया एम्स
घास काटने गई बच्ची की करंट से मौत पर लोक अदालत में शिकायत, आदेश के बाद मिला 4 लाख का मुआवजा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस बीमारी ने सीवान में दस्तक दे दिया दिया है. हुसैनगंज प्रखंड के चाप टोला तेघड़ा गांव निवासी स्व सागर साह के पुत्र किशुन देव साह को आंखों से नहीं दिखाई पड़ने के बाद परिजनों ने शहर के एक डॉक्टर से मरीज को दिखाया. जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि मरीज म्यूकरर्माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस बीमारी से पीड़ित है. निजी डॉक्टर द्वारा मरीज को एम्स पटना के लिए रेफर कर दिया गया. परिजन मरीज को पुनः सदर अस्पताल ले गये. वहां से डॉक्टरों ने जांच के बाद पुनः एम्स पटना को रेफर कर दिया.
परिजनों ने बताया कि मरीज कभी नहीं हुआ है कोरोना से संक्रमित
परिजनों ने बताया कि किशुन देव साह को कभी भी कोरोना नहीं हुआ है. परिजनों ने यह स्वीकार किया कि मरीज को बहुत दिनों से मधुमेह और लीवर की बीमारी की शिकायत है. डॉक्टरों का कहना है कि अधिक शूगर होने व स्टेरॉयड के अधिक उपयोग से यह समस्या आ रही है. यह समस्या युवाओं को भी हो रही है. उनके अनुसार, मधुमेह से पीड़ित कोविड या पोस्ट कोविड मरीजों को आंख की पलक में सूजन, कम दिखना जैसा लक्षण हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.
इन कारणों से हो रहा ब्लैक फंगस
- अनियंत्रित मधुमेह.
- स्टेरॉयड लेने के कारण इम्यूनोसप्रेशन.
- कोरोना संक्रमण अधिक होने के कारण अधिक समय आइसीयू में रहना.
- ये हैं ब्लैक फंगस के लक्षण
- नाक जाम होना, नाक से काला या लाल स्राव होना.
- गाल की हड्डी में दर्द होना.
- चेहरे पर एक तरफ दर्द होना या सूजन.
- दांत या जबड़े में दर्द, दांत टूटना.
- धुंधला या दोहरा दिखाई देना.
- सीने में दर्द और सांस में परेशानी.
- कोरोना मरीज ऐसे बच सकते हैं ब्लैक फंगस से
- खून में शूगर की ज्यादा नहीं होने दें व हाइपरग्लाइसेमिया से बचें.
- कोरोना से ठीक हुए लोग ब्लड ग्लूकोज पर नजर रखें.
- स्टेरॉयड के इस्तेमाल में समय और डोज का पूरा ध्यान रखें.
- एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर के परामर्श से ही करें.
- घास काटने गई बच्ची की करंट से मौत पर लोक अदालत में शिकायत, आदेश के बाद मिला 4 लाख का मुआवजा
बिहार के सीवान में घास काटने गई रागिनी कुमारी की मौत बिजली करंट लगने से हो गयी. मौत के मामले में बिजली विभाग द्वारा मुआवजा देने से इंकार कर दिया गया. इसके बाद अनुमंडल लोक शिकायत दायर परिवाद पर आए आदेश के बाद बिजली विभाग ने पीड़िता के परिजन को चार लाख रुपये का मुआवजा चेक प्रदान कर दिया है. मामला सीवान जिला के रामपुर गांव, प्रखंड सिसवन का है. जयप्रकाश चौधरी की बेटी रागिनी घास काटने खेत में गई थी. उसके साथ कई और लड़कियां भी थीं. लेकिन रागिनी बिजली तार की चपेट में आ गई और उसकी मौत हो गई.
मुआवजा देने से बिजली विभाग ने किया था इंकार
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मरने का कारण करंट ही बताया गया है. परिवादी जब बिजली विभाग में करंट लगने से हुई मौत के लिए मुआवजा मांगने के लिए आवेदन दिया था तो वहां उसे यह कहकर टरका दिया गया कि कोई बिजली तार टूटकर गिरा नहीं था. इसलिए मुआवजा नहीं मिल सकता. परिवादी अनुमंडल लोक शिकायत निवारण में परिवाद दायर किया. कई सुनवाई के बाद भी बिजली विभाग यह मानने को तैयार नहीं था कि लड़की की मौत करंट से हुई है, इसलिए मुआवजा नहीं दिया जा सकता.
बिजली विभाग नहीं दे रहा था मुआवजा
इस मामले में परिवादी ने बताया कि वह थक हारकर यह मान लिया कि मुआवजा नहीं मिलेगा. उसने अपने गांव के ही एक बड़े पदाधिकारी जो कहीं और नियुक्त हैं, उनसे अपनी व्यथा-कथा सुनाई. उस पदाधिकारी ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विपिन राय के पास व्हाट्सएप से परिवाद की प्रति भेजी और गरीब की सहायता करने का आग्रह किया. जिला लोक शिकायत पदाधिकारी ने अनुमंडल लोक शिकायत विभाग से फाइल मंगाई और जांच की तो इसमें बिजली विभाग के मौखिक जवाब में ही कई लीक प्वायंट मिले. जिसमें कहा गया था कि किसी व्यक्ति ने अवैध टोका फंसाकर अपने खेत में बिजली के तार गिराए थे जिससे बच्ची की मौत हो गई.
शिकायत के बाद मिला मुआवजा
जिला लोक शिकायत पदाधिकारी ने बिजली विभाग को संबंधित व्यक्ति पर ही एफआईआर करने और इसकी प्रति लोक शिकायत को देने का निर्देश दिया. इतना सुनते ही बिजली विभाग के एई और जेई ने अनुमंडल लोक शिकायत विभाग के पास प्रतिवेदन भेज दिया कि पीड़िता के परिजन को 4 लाख रुपये मुआवजा राशि प्रदान कर दी गई है. चेक प्रदान करते हुए फोटो भी भेज दिए. इस तरह एक गरीब असहाय को अपनी बच्ची की मौत पर मुआवजा मिला है.
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