रामनगर नगर पालिका के बदहाली और कमीशन खोरी की जांच हेतु नागरिक मंच लोकायुक्त का खटखटायेगा दरवाजा
श्रीनारद मीडिया सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी 15 जुलाई / रामनगर नागरिक मंच रामनगर के संयोजक,अध्यक्ष सरदार सतनाम सिंह व मार्गदर्शक मंडल के वरिष्ठ सदस्य विपिन सिंह ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि रामनगर के निवासियों में गृह कर को लेकर भारी असमंजस व्याप्त है। उन्होंने पालिका चेयरमैन एवं अधिशासी अधिकारी से गृहकर के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा है की पालिका के जिम्मेदार लोग नागरिकों में यह स्पष्ट करें की क्या वास्तव में रामनगर में गृह कर लागू है अथवा नहीं यदि गृह कर लागू है तो उसका स्वरूप क्या है। क्योंकि पालिका परिषद द्वारा वर्ष 2020- 21 मे शासन को भेजे गए आय व्यय बजट को चेयरमैन की संस्तुति पर स्वीकृत किया गया।जिसमें आय के मद में गृह कर का भी उल्लेख किया गया है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि रामनगर में गृह कर की व्यवस्था लागू है।
जबकि संपूर्ण रामनगर का क्षेत्र काशीराज स्टेट की संपत्ति है।जिस पर आजादी के बाद से यहां के निवासियों पर गृह कर की व्यवस्था लागू नहीं रही है। शासन द्वारा 2020-21 के बजट को स्वीकृति प्रदान करने के बाद से नागरिकों में गृह कर को लेकर भारी भ्रम की स्थिति पैदा हुई है इतना ही नहीं शासन द्वारा स्वीकृत किए गए बजट को भी पालिका के पटल और सभासदों के संज्ञान में ना लाना भारी गोलमाल किए जाने का द्योतक है।
नेताओं ने कहा पालिका को विगत 10 वर्षों में प्रदेश शासन द्वारा विकास एवं विभिन्न योजनाओं के मद में प्राप्त करोड़ों की धनराशि का कमीशन खोरी में बंदरबांट किया गया है। जिसके चलते जनहित की घोर उपेक्षा हुई और विकास कार्य बाधित हुआ है। काशी का ऐतिहासिक स्थल रामनगर विगत दो दशकों से अपने प्राचीन स्वरूप में ही विद्यमान है।जबकि गंगा पार काशी का अभूतपूर्व विकास हुआ है।
नेताओं ने वाराणसी के आयुक्त जिलाधिकारी सहित नगर विकास मंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पालिका परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी की जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही तथ्यों को लेकर शीघ्र ही लोकायुक्त में वाद दाखिल करने का निर्णय किया है।