जिले में 30 जुलाई तक चलेगा दस्त नियंत्रण पखवाड़ा:
पखवाड़े का सिविल सर्जन ने किया शुभारम्भ:
बच्चों को दी जायेगी ओआरएस व जिंक की गोलियां:
आशा व एएनएम घर-घर जाकर पहुँचायेगी दवा:
ओआरएस व जिंक से होगा दस्त का असरदार नियंत्रण:
श्रीनारद मीडिया, पूर्णियाँ, (बिहार)
जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा की शुरुआत सिविल सर्जन डॉ. एस के वर्मा ने पूर्णिया सिटी स्थित आंगनवाड़ी केंद्र, पुरानी हवेली में बच्चों को दवा खिलाकर की। इस दौरान उन्होंने केंद्र में उपस्थित बच्चों के परिजनों को ओआरएस व जिंक की गोलियां भी दी तथा इसके उपयोग की भी जानकारी दी. इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विनय मोहन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक ब्रजेश कुमार सिंह, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला, यूनिसेफ कॉन्सल्टेंट शिवशेखर आनंद, एसएमओ मुकेश गुप्ता, बीएमसी अमित कुमार, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. शरद कुमार, स्वास्थ्य प्रशिक्षक राजेंद्र प्रसाद, चंद्रशेखर जायसवाल आदि उपस्थित थे .
15 से 30 जुलाई तक चलेगा पखवाड़ा:
सिविल सर्जन डॉ. एस के वर्मा ने बताया कि पूरे जिले में 15 से 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जाएगा. दस्त एक गम्भीर बीमारी है जो ज्यादातर छोटे बच्चों में होने की सम्भावना होती है. हालांकि बड़े लोग भी इसके शिकार हो सकते हैं. ज्यादा दिन तक दस्त की समस्या से डायरिया होने की सम्भावना बढ़ जाती है. इससे निबटने के लिए ही राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा पखवाड़ा चलाया जा रहा है. जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों पर ओआरएस-जिंक कॉर्नर का निर्माण करवाया गया है. केन्द्र आने वाले सभी बच्चों के परिजन इसका लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा क्षेत्र की आशा व एएनएम द्वारा घर-घर जाकर भी लोगों तक यह उपलब्ध कराई जाएगी.
बच्चों को दी जाएगी ओआरएस पैकेट व जिंक की गोलियां:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विनय मोहन ने कहा कि सामान्य से ज्यादा पतला या पानी जैसा होने वाले मल को दस्त कहते हैं. बारिश के मौसम में बच्चों में दस्त की समस्या ज्यादा होती है. दो-चार दिनों से ज्यादा समय के बाद दस्त डायरिया में तब्दील हो सकता है. इसी को खत्म करने के लिए दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है. जिले में कुल अनुमानित 06 लाख 26 हजार 690 बच्चे हैं. सभी को एक ओआरएस पैकेट व जिंक की गोलियां दी जाएगी. पर जो बच्चे डायरिया से ग्रसित हैं उन्हें 2 ओआरएस के पैकेट व 14 जिंक गोलियां दिए जाएंगे. इसके लिए आशा व एएनएम घर-घर तक जाएंगी. डायरिया व दस्त से बचाव की जानकारी देने के लिए जिले में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने लोगों से यह भी अपील की कि अगर किसी क्षेत्र में अति कुपोषित बच्चा है और वह दस्त से पीड़ित है तो उसे तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल में जांच करवाएं. इससे बच्चे को डायरिया ग्रसित होने से बचाया जा सकता है.
ओआरएस व जिंक से होगा दस्त का असरदार इलाज:
यूनिसेफ के एसएमसी मुकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि अगर किसी को दस्त की समस्या है तो उसे ओआरएस का घोल व जिंक की गोलियां देनी चाहिए. यह दस्त से उबारने का असरदार इलाज है. दस्त शुरू होते ही हर दस्त के बाद ओआरएस घोल लेना चाहिए जब तक कि दस्त ठीक न हो जाए. प्रत्येक दस्त के बाद ओआरएस घोल 2 माह से कम आयु के बच्चों को 5 चम्मच, 2 माह से 2 वर्ष के बच्चों को एक चौथाई से आधा कप, 2 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों को आधा से एक कप देना है. वहीं 2 माह से 6 माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली (10 मि.ग्रा.) व 6 माह से 5 साल तक के बच्चों को 1 गोली (20 मि.ग्रा.) साफ पानी या माँ के दूध में घोल कर पिलाना चाहिए.
ओआरएस से होने वाले फायदे :
• शरीर में नमक और पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है.
• उल्टी और दस्त में कमी लाता है.
• पानी की कमी को पूरा कर दस्त को जल्दी ठीक करने में मदद करता है.
जिंक से होने वाले फायदे :
• दस्त की अवधि और तीव्रता दोंनो को कम करता है.
• तीन महीने तक दस्त से सुरक्षित रखता है.
• लम्बे समय तक शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है.
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