क्या रुपया और भी कमजोर होकर 81 के स्तर को पार कर सकता है?

क्या रुपया और भी कमजोर होकर 81 के स्तर को पार कर सकता है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

जापान की रेटिंग एजेंसी नोमुरा होल्डिंग्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान वैश्विक अनिश्चितता के कारण कई देश आर्थिक संकट में फंस सकते हैं। भारत भी थोड़ा चिंतित है, क्योंकि व्यापार घाटा जून में बढ़कर 26.18 अरब डालर हो गया है। साथ ही जून में भारत का निर्यात 23.52 प्रतिशत बढ़ा, लेकिन इस दौरान वस्तुओं का आयात सालाना आधार पर 57.55 प्रतिशत उछाल के साथ 66.31 अरब डालर पर पहुंच गया। व्यापार घाटे में तेजी से वृद्धि के कारण पेट्रोलियम, कोयले और सोने के आयात में भारी बढ़ोतरी होना है। अगर ऐसी ही स्थिति कायम रहती है तो रुपया और भी कमजोर होकर 81 के स्तर को पार कर सकता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध समेत अनेक कारणों से विश्व में भू-राजनीतिक संकट अभी भी कायम है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें आसमान पर हैं। भारत रूस और यूक्रेन से अनेक उत्पादों का आयात करता है। साथ ही, पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण भारत इराक जैसे देश के साथ कारोबार नहीं कर पा रहा है।

वर्तमान परिदृश्य में भारत तथा अन्य देशों के बीच व्यापारिक सौदों का निपटान रुपये में करना भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे रूस, यूक्रेन, श्रीलंका, इराक आदि देशों के साथ कारोबार करने में भारत को आसानी होगी। साथ ही निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा और वैश्विक कारोबारियों के बीच रुपये की स्वीकार्यता बढ़ेगी। महंगाई में भी कमी आएगी और भू-राजनीतिक संकट के दुष्प्रभावों को भी नाकाम किया जा सकेगा। वैसे आरबीआइ द्वारा उठाए गए कदमों से थोक महंगाई में कमी आई है। जून में यह घटकर 15.18 प्रतिशत पर आ गई, जबकि मई में यह 15.88 प्रतिशत थी।

इसमें कोई संदेह नहीं कि अभी डालर विश्व की सबसे मजबूत मुद्रा है और इसी वजह से अधिकांश अंतरराष्ट्रीय कारोबार डालर में किया जा रहा है, परंतु नई व्यवस्था को अपनाने के बाद भारत रुपये में अंतरराष्ट्रीय कारोबार कर सकेगा। इसके लिए भारतीय बैंक रुपये में वोस्ट्रो खाते खोल सकेंगे और वस्तुओं या सेवाओं का आयात करने वाले आयातक विदेशी विक्रेता को उनके सामान की कीमत रुपये में अदा कर सकेंगे अर्थात आयातक का बैंक निर्यातक के बैंक के वोस्ट्रो खाते में सामान की कीमत सीधे रुपये में जमा कर सकेगा। इसी तर्ज पर, निर्यातक वस्तु एवं सेवा की कीमत का भुगतान डालर या दूसरी विदेशी मुद्राओं की जगह रुपये में कर सकेंगे।

वैसे, इस व्यवस्था को लागू करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपये की स्वीकार्यता को लेकर सरकार के मन में संशय कायम था। बीते दिनों रूस ने भारत के समक्ष रुपये में कारोबार करने का प्रस्ताव रखा था। उसके बाद से इस व्यवस्था को मूर्त रूप देने के लिए गंभीरता से विचार किया जाने लगा। अभी, भारत और रूस के बीच चीन की मुद्रा युआन में कच्चे तेल का कारोबार किया जा रहा है।

अप्रैल और मई में रूस से भारत का आयात 2.5 अरब डालर था, जो सालाना आधार पर 30 अरब डालर होता है, जिसके इस वित्त वर्ष के दौरान 36 अरब डालर होने का अनुमान है। चूंकि अब यूरो के साथ चीन की मुद्रा युआन में भी अंतरराष्ट्रीय कारोबार किया जाने लगा है, जिससे डालर का प्रभुत्व कम हुआ है। जब डालर और दूसरी विदेशी मुद्राओं की जगह रुपये में कारोबार किया जाने लगेगा तो डालर और ज्यादा कमजोर हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि रुपया अभी सभी मुद्राओं की तुलना में कमजोर नहीं हुआ है।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!