झोलाछाप डॉक्टर ने बिना किसी जांच के लगा दिया इंजेक्शन, हो गई लड़के की हालत गंभीर घटना के बाद भी चला रहा धड़ल्ले से क्लीनिक बेखौफ कर रहा इलाज
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / जिले के लक्सा जद्दूमंडी इलाके में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से एक 19 वर्षीय लड़के की हालत बहुत ही गंभीर हो गई। उसे हल्की स्किन में खुजली हो रही थी। लड़का दवा लेने जद्दूमंदी स्थित झोलाछाप डॉक्टर आई एम पटेल के यहा गया। झोलाछाप डॉक्टर आई एम पटेल ने कुछ दवा दी और इंजेक्शन लगाया और कहा 1 सप्ताह तक दवा खाना पड़ेगा और इंजेक्शन लगवाना पड़ेगा।
उस 19 वर्षीय मासूम लड़के को क्या पता था वह इंजेक्शन से उसकी जान खतरे में पड़ जाएगी वह झोलाछाप डॉक्टर आई एम पटेल की बातो को आकर उनके क्लीनिक जाता रहा और 1 सप्ताह तक इंजेक्शन लगवाता रहा और झोलाछाप डॉक्टर का दिया हुआ दवा खाता रहा।
पिता नन्दलाल प्रजापति ने बताया, उनका लड़का अमन प्रजापति (19) शुक्रवार की सुबह 10:30 बजे के लगभग अमन को उल्टी हुई और शरीर अकड़ने लगा माथे में दर्द होने लगा पैर हाथ ठंडा होने लगा उसका शरीर बहुत तेजी से कांपने लगा मुंह से झाग निकलने लगा और बहुत तेज तेज सांस लेने लगा। उसकी हालत बिगड़ने लगी। परिजनो ने तुरंत झोलाछाप डॉक्टर आई एम पटेल को घर बुलाया डॉक्टर ने घर पहुंचते ही नब्ज देखे बिना है हाथ खड़ा कर लिया और वहां से फरार हो गया उसके बाद उसकी हालत ज्यादा बिगड़ता देख परिजन उसे एक प्राइवेट हॉस्पिटल में लेकर गए, जहां उसे सी सी यू में एडमिट कर इलाज शुरू कराया गया। इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम ने जब परिजनों से पूछा इसके पहले इसकी कौन सी दवा चल रही थी तो परिजनों द्वारा बताया गया उसको शरीर में हल्की खुजली की समस्या थी पड़ोस के ही एक डॉक्टर द्वारा 1 सप्ताह से बुलाकर इंजेक्शन लगाया जा रहा था और दवा दिया जा रहा था, जब हॉस्पिटल से उस झोलाछाप डॉक्टर आई एम पटेल से इंजेक्शन का नाम और दवा का पर्चा मांगा गया तो उसने देने से इनकार कर दिया और फोन काट दिया।
अमन की मां ने बताया कि जबसे इंजेक्शन लगवा रहा था वह खाना पीना ना के बराबर खा रहा था, और उसको धीरे-धीरे अंदरूनी कमजोरी महसूस हो रही थी, झोलाछाप डॉक्टर से कहने पर उन्होंने कहा ठीक हो जाएगा घबराने की कोई बात नहीं लेकिन ठीक होने की बजाय उसकी स्किन इनफेक्शन और ज्यादा बढ़ गई, और उसकी हालत गंभीर हो गई जिसका खामियाजा यह हुआ कि आज अमन सी सी यू में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहा है। डॉक्टरों की माने तो उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं इस घटना से परिजन भी बेसुध है।
आजकल चंद पैसों की लालच में गली मोहल्लों में झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं ऐसे लोगों के खिलाफ वाराणसी सी एम ओ को जांच कर सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले में 800 से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर हैं। स्वास्थ्य विभाग ने आंकड़े इकट्ठे किए थे। उसके बाद से अब तक ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ इक्के-दुक्के कार्रवाई की गई है। विभागीय अफसरों की मानें तो अभी अवैध क्लीनिक की जांच पूरी नही हुई है जिनमें से बहुत से संचालकों को नोटिस मिली है।
वही वाराणसी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा द्वारा 30 जून आदेश दिया गया है, कि जितने भी क्लीनिक संचालक हो रहे हैं। वह लोग अपना अपना रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल 2 सप्ताह के भीतर करवा ले अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।