Breaking

हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़ित के मामले में पिता की उम्रकैद की सजा रखी बरकरार.

हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़ित के मामले में पिता की उम्रकैद की सजा रखी बरकरार.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में दुष्कर्म के आरोपित पिता की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखते हुए कहा कि दुष्कर्म की घटना पीड़िता के व्यक्तित्व पर आजीवन आघात करती है। न्यायाधीश एएम बदर एवं न्यायाधीश राजेश कुमार वर्मा की खंडपीठ ने भोजपुर के रहने वाले एक व्यक्ति की अपील याचिका को खारिज करते हुए उक्त टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले (भरवाडा भोगिनभाई बनाम गुजरात सरकार) का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में शायद ही कोई लड़की या महिला यौन उत्पीड़न का झूठा आरोप लगाती है।

  • – नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता की सजा बरकरार
  • – पत्नी की मौत के बाद पिता ने बेटी के साथ किया यौन उत्पीड़न
  • – भोजपुर के व्यक्ति की अपील को खारिज करते हुए टिप्पणी

दोषी की पत्नी ने कर ली थी आत्महत्या

अभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार लगातार पारिवारिक झगड़े से तंग आकर 14 नवंबर 2007 को पत्नी ने आत्महत्या कर ली। पत्नी की मौत के बाद आरोपी ने अपनी बड़ी बेटी का यौन उत्पीड़न करना शुरू कर दिया, जो उस समय नाबालिग थी। यौन शोषण लड़की के लिए एक दिनचर्या बन गया और चूंकि उत्पीड़न करने वाला उसका पिता था, इसलिए उसने किसी से शिकायत नहीं की।

जब वह व्यक्ति अपनी छोटी बेटी को भी गाली देने लगा तो बड़ी बेटी ने इसकी जानकारी अपने मामा को दी। हालांकि लड़कियों ने 30 जुलाई 2013 को साहस दिखाया और भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) के तहत दुष्कर्म (376) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) के प्रासंगिक प्रविधानों के तहत उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। उक्त मामले पर निचली अदालत ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके विरुद्ध उसने हाईकोर्ट में अपील दायर की। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही पाते हुए उसकी अपील याचिका को खारिज कर दिया।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!