हमारा 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी– ललन सिंह,जदयू अध्यक्ष
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में बड़ा बयान दिया। बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के द्वारा 200 सीटों पर लड़ने से जुड़े सवाल पर ललन ने कहा कि जदयू 243 सीटों पर हाथ आजमाने का प्लान कर रहा है। बीजेपी के तैयारी से शुरू करने से जुड़े सवाल के जवाब ने ललन ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। सभी पार्टी तैयारी करती है। इस दौरान ललन ने आरसीपी सिंह पर भी प्रतिक्रिया दी। बिहार का मुख्यमंत्री आरसीपी सिंह जैसा हो नारे पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में सीएम पद की कोई वैकेंसी नहीं है। जदयू के एक-एक कार्यकर्ता के मन में नीतीश कुमार बसे हैं। ऐसे में सीएम को लेकर राज्य में कोई किंतु-परंतु नहीं है।
बता दें कि बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं। अभी राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार है। एनडीए के पास कुल 127 सीटें हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 77, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पास 45, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के पास 04 तो एक निर्दलीय विधायक हैं। साल 2020 में विधानसभा चुनाव हुए थे।
अभी इलेक्शन में करीब तीन साल बचे हैं। इसके पहले लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। 2024 में लोकसभा का चुनाव है। बिहार में लोकसभा की 80 सीटें हैं। बता दें कि भाजपा संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पटना में दो दिनों तक चलने वाली बैठक का उद्घाटन शनिवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया। रविवार को अमित शाह पटना आ रहे हैं। इसके पहले राजद कह चुका है कि भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का प्लान तैयार कर लिया है। इसी एजेंडे के तहत नड्डा और शाह का पटना में कार्यक्रम बना है।
मिथिलेश तिवारी ने भी फेसबुक पोस्ट लिखकर बिहार में हिंदुओं की उपेक्षा और अल्पसंख्यकों पर विशेष मेहरबानी को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। गोपाल जिस मंच से जदयू की नीतियों पर सवाल उठा रहे थे, वहां बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी उपस्थित थे। गोपाल नारायण सिंह ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा किया।
शिक्षा विभाग पर सवाल उठा चुके हैं संजय
इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल भी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा चुके हैं। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग जदयू के पास है। यह कोई पहला मौका नहीं है जब भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी, सांसद या विधायक अपनी ही सरकार के सहयोगियों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। पार्टी के नेताओं का दर्द समय-समय पर छलकता रहता है। कभी बीस सूत्री के गठन तो कभी बोर्ड-निगमों और आयोगों में रिक्त पदों को लेकर तो कभी विधि-व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा के कई नेता मुखर होते रहे हैं।
भाजपा के मंत्री का फैसला पलटने का भी दर्द
उनका दर्द अफसरों की मनमानी और पक्षपात को लेकर भी छलकता रहा है। हाल के दिनों में बड़े पैमाने पर तबादले को लेकर चर्चा में रहे भाजपा के मंत्री के फैसले को सरकार ने पलट दिया था। दो दिन पहले भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने बिहार में मुस्लिमों की तुष्टीकरण एवं हिंदुओं की उपेक्षा के मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित कराया था। इसी तरह पंचायत राज विभाग के फैसले को पलटने पर भी पार्टी के नेताओं ने विधानमंडल दल की बैठक में नेतृत्व के समक्ष आक्रोश प्रकट किया था।
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