लोग आजादी की लड़ाई में भारतीय रेल की भूमिका को जानें–पीएम मोदी
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में किया जिक्र
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ‘मन की बात’ के 91वें संस्करण में कहा, ‘जुलाई में एक बहुत ही रोचक प्रयास हुआ है जिसका नाम है- आजादी की रेलगाड़ी और रेलवे स्टेशन। इस प्रयास का लक्ष्य है कि लोग आजादी की लड़ाई में भारतीय रेल की भूमिका को जानें।’ उन्होंने कहा कि देश में अनेक ऐसे रेलवे स्टेशन हैं जो स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से जुड़े हैं आप भी इन रेलवे स्टेशनों के बारे में जानकर हैरान होंगे।
झारखंड का गोमो जंक्शन
पीएम मोदी ने कहा, ‘झारखंड के गोमो जंक्शन को अब आधिकारिक रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो (Netaji Subhash Chandra Bose Junction Gomo) के नाम से जाना जाता है। जानते हैं क्यों? 10 साल से स्टेशन पर कालका मेल में सवार होकर नेताजी सुभाष ब्रिटिश अफसरों को चकमा देने में सफल रहे थे।
लखनऊ का काकोरी रेलवे स्टेशन
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आप सभी ने लखनऊ के पास काकोरी रेलवे स्टेशन का नाम भी जरूर सुना होगा। इस स्टेशन के साथ राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्लाह खान जैसे जांबाजों का नाम जुड़ा है। यहां ट्रेन से जा रहे अंग्रेजों के खजाने को लूटकर वीर क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को अपनी ताकत का परिचय करा दिया था’
तमिलनाडु के थुथुकुडी जिले का वांची मणियाच्ची जंक्शन
तमिलनाडु के लोगों से बात करेंगे तो आपको थुथुकुडी जिले के वांची मणियाच्ची जंक्शन के बारे में जानने को मिलेगा। ये स्टेशन तमिल स्वतंत्रता सेनानी वांचीनाथन जी के नाम पर है। ये वही स्थान है जहां 25 साल के युवा वांची ने ब्रिटिश कलेक्टर को उसके किए की सजा दी।
देश में मेलों का सांस्कृतिक महत्व
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में मेलों का भी बड़ा सांस्कृतिक महत्व रहा है। मेले में जन-मन दोनों को जोड़ते हैं। हिमाचल में वर्षा के बाद जब खरीफ की फसलें परकती हैं तब सिंतबर में शिमला मंडी कुल्लू और सोलन में सैरी या सैर भी मनाया जाता है। सितंबर में जागरा भी आने वाला है। जागरा के मेलों में महासू देवता का ये जागर हिमाचल में शिमला, किन्नौर और सिरमौर के साथ-साथ उत्तराखंड में भी होता है।
तेलंगाना का समक्का सरलम्मा जातरा मेला
उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मेडारम का चार दिवसीय समक्का-सरलम्मा जातरा मेला देखने जरूर जाइये। इस मेले को तेलंगाना का महाकुंभ कहा जाता है। सरलम्मा जातरा मेला, दो आदिवासी महिला नायिकाओं- समक्का और सरलम्मा के सम्मान में मनाया जाता है। ये तेलंगाना ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के कोया आदिवासी समुदाय के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है।
आंध्र प्रदेश का मारीदम्मा मेला
पीएम मोदी ने इस दौरान आंध्र प्रदेश के मारीदम्मा मेले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह मेला आदिवासी समाज की मान्यताओं से जुड़ा बड़ा मेला है। यह ज्येष्ठ अमावस्या से आषाढ़ अमावस्या तक चलता है। यहां का आदिवासी समाज इसे शक्ति उपासना के साथ जोडता है। यहीं पूर्वी गोदावरी के पेद्धापुरम में मरिदम्मा मंदिर भी है। इसी तरह राजस्थान में गरासिया जनजाति के लोग वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को सियावा का मेला या ‘मनखां रे मेला’ का आयोजन करते हैं।
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