भगवानपुर हाट की खबरें :  डीसीएलआर ने लघु जल संसाधन की व्यवस्था का किया जांच

भगवानपुर हाट की खबरें :  डीसीएलआर ने लघु जल संसाधन की व्यवस्था का किया जांच

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किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था पर किसानों एवं अधिकारियों से की चर्चा

श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सीवान (बिहार):

कृषि को संसाधनों से लैस बनाने के उद्देश्य से गुरुवार को डी सी एल आर महराजगंज राजेश कुमार सिंह ने क्षेत्र के विभिन्न गांवो का भ्रमण किया एवं लघु जल संसाधनों के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने की संभावनाओं का तलाश किया । इस अवसर पर बी डी ओ डॉ कुंदन , बी ए ओ बीरेंद्र मांझी तथा विद्युत विभाग के कनिय अभियंता नदीम हसन भी उपस्थित थे । अपने इस कार्यक्रम के तहत डी सी एल आर ने सबसे पहले बी डी ओ कार्यालय कक्ष में अधिकारियों के साथ बैठक कर सरकार के निर्देश से अवगत कराया । उन्होंने कहा सरकार कृषि को प्राथमिकता के रूप में रखी है । किसानों को सुगमता से कृषि के अनुकूल पानी , खाद , बीज उपलब्ध हो इसकी हिदायत अधिकारियों को दी । उन्होंने प्रखंड कार्यालय स्थित वाटर लेबल यन्त्र मापक की जांच की । इसके बाद 80 के दशक में सारी पट्टी गांव में लगे वर्षों से बंद पड़े राजकीय नलकूप का अवलोकन किया जो जंगलों झाड़ियों के बीच अवस्थित है। ग्रामीणों से इसकी स्थिति की पूछताछ की ।

ग्रामीण हरेंद्र सिंह। प्रभु सिंह , सतेंद्र सिंह ने अधिकारियों को बताया कि यह राजकीय नलकूप अपने स्थापना काल से ही शोभा की वस्तु बना हुआ है । ग्रामीणों ने इस नलकूप को चालू कराने तथा भूमिगत पाईप वाला नाला निर्माण की मांग की । वहीं पिपरा उप वितरणी नहर से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नाला , पइन निर्माण के मांग की । अपने जांच के दौरान उन्होंने ब्रह्मस्थान
गांव स्थित कृषि फीडर का भी जांच किया । उन्होंने किसानों को कृषि फीडर से जुड़ने की सलाह दिया ।

 

कोविड टीकाकरण महाअभियान के अंतर्गत चौदह सेंटरों पर टीके लगाए गए

श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सीवान (बिहार):

कोविड टीकाकरण महाअभियान के तहत प्रखंड में सीएचसी सहित चौदह सेंटरों पर टीके लगाए गए। इन केन्द्रों पर दो हजार से अधिक लोगों को कोविड का पहला, दूसरा व प्रिकॉशन डोज का टीका लगाया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रमेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि टीकाकरण के लिए सीएचसी के अलावे चकमुन्दा, तरवार, मननपट्टी, महना धूम नगर, पंडित के रामपुर, मिरहाता, चोरौली तिवारी टोला, बिठुना शिव मंदिर, सरेयां, मघरी, मिरजुमला व खेढ़वां में सेंटर बनाए गए थे, जहां दो हजार से अधिक लोगों को कोविड के टीके लगाए गए।

 

टेंपू पलटने से एक वृद्ध व्यक्ति घायल, सिवा न ले जाया गया ईलाज हेतु

श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सीवान (बिहार):

सीवान जिले के भगवानपुर हाअ थाना क्षेत्र के भगवानपुर मोरा पथ पर गुरुवार के शाम विमल चौक के पास भगवानपुर से मोरा की तरफ जाने के के दौरान तेज गति से जा रही टें पु अनियंत्रित होकर पलट गया।जिसमे एक वृद्ध व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए है।घायल वृद्ध व्यक्ति को स्थानीय लोगों के सहायता से भगवानपुर हाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एंबुलेंस बुला इलाज के लिए सिवा न सदर अस्पताल भेजा गया।घटना के संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया की टेंपू का तेज रफ्तार होने के कारण अनियंत्रित होकर पलट गया। वही घटना के बाद टम्पू चालक घायल वृद्ध को छोड़ टेंपू लेकर फरार हो गया।घायल वृद्ध की पहचान नहीं हो सकी है।वही चालक द्वारा घायल को गंभीर स्थिति में छोड़ फरार हो जाने को ले लोगों आक्रोश व्याप्त है।घायल वृद्ध व्यक्ति का एक पैर व कान कट गया है।जिससे के कारण काफि मात्रा में खून घटना स्थल पर गिर गया है l

 

निदेशक अनुसंधान ने कृषि विज्ञान केंद्र का दौरा कर प्रक्षेत्र का किया भ्रमण

श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सीवान (बिहार):


सीवान जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड मुख्यालय में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में गुरुवार को डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्व विद्यालय पूसा के निदेशक अनुसंधान डॉ. पी एस ब्रह्मानन्द, उप निदेशक अनुसंधान डॉ. एन के सिंह कृषि विज्ञान केंद्र का दौरा किया।इस दौरान उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र में लगे खरीफ फसल,मिट्टी जांच लैब,मधुबनी पेंटनिग के प्रशिक्षण में युवकों द्वारा बनाए गए मधुबनी पेंटिंग, पॉली हाउस,जलवायु के अनुकूल खेती का भ्रमण कर जायजा लिया।इस क्रम में केंद्र के सभागार में चले रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक अनुसंधान डॉ. पी एस ब्रह्मानन्द ने प्राकृतिक खेती और जैविक खेती के अंतर से प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया।उन्होंने कहा की प्राकृतिक खेती में किसान खेत के आसपास से ही खेती के लिए आवश्यक तत्वों की पूर्ति करता है, जबकि जैविक खेती में किसान एक स्थान से दूसरे स्थान पर खेती करने के लिए आवश्यक तत्वों की पूर्ति दूसरे स्थान से करता है।उन्होंने ने जैविक खेती को अपनाने पर बल देते हुए कहा की आज सरकार भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर रही है ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाया जा सके।उन्होंने कहा की जैविकी खेती के विकास के लिए आवश्यक सुझाव केंद्र सरकार व बिहार सरकार के विश्विद्यालय के द्वारा समय समय पर दिया जाता रहा है।भ्रमण के क्रम में वे जलवायु के अनुकूल खेती के लिए चयनित गांव भोपतपुर का भी दौरा कर किसानों से बातचीत कर उन्हें अवशायक सुझाव दिए।इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ट वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ.अनुराधा रंजन कुमारी, नीक्रा के प्रोजेक्ट निदेशक डॉ.रत्नेश कुमार झा,कृषि अभियंता कृष्ण बहादुर क्षेत्री, डॉ.सरिता कुमारी, डॉ.जोना दाखो, डॉ.हर्षा वीआर, डॉ.नंदिशा वीसी, एसआरएफ शिवम चौबे , फार्मर फेस के सी ओ मोहन मुरारी , रजनीश कुमार , विवेक कुमार आदि उपस्थित थे।

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