चहकोत्सव के साथ पांच दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
श्रीनारद मीडिया, चमन श्रीवास्तव, सीवान (बिहार):
सीवान शहर के सीटीई भवन में एफएलएन स्कूल रीडीनेस के तहत शिक्षकों का पांच दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण चहक शनिवार को सम्पन्न हो गया। 19 जुलाई से तीन चरणों में संचालित तीसरे व अंतिम चरण के इस प्रशिक्षण में जिले के सात प्रखण्ड यथा सीवान सदर, लकड़ी नवीगंज, रघुनाथपुर, सिसवन, जीरादेई, मैरवा व नौतन के कुल 112 शिक्षक प्रशिक्षु के तौर पर भाग लिये।
बतौर प्रशिक्षक घनश्याम तिवारी व योगेन्द्र सिंह द्वारा प्रशिक्षण के दौरान भाषा ज्ञान, संख्यात्मक बोध व बुनियादी साक्षरता थीम पर समीक्षात्मक चर्चा की गई। कक्षा एक से तीन के बच्चों के बीच गीत-संगीत, नृत्य, खेल, टीएलएम व मनोरंजन आधारित गतिविधियों से बच्चों के बीच अपनापन की भावना जागृत कर विद्यालय में शत-प्रतिशत उपस्थिति व अधिगम में सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा नौनिहालों के हितार्थ यह ठोस व सकारात्मक कदम उठाया गया है।
इस संबंध में प्रशिक्षक रितेश कुमार ने बताया कि प्राथमिक शैक्षणिक संस्थान असर व एनजीओ के रिपोर्ट के आधार पर बच्चों में उम्र सापेक्ष व कक्षा सापेक्ष दक्षता के लिए चहक कार्यक्रम को विद्यालयी धरातल पर उतारने के लिए लक्षित किया गया है। वहीं प्रशिक्षक शैलेन्द्र कुमार प्रसाद ने बताया कि बच्चों में सृजनात्मक, कल्पनाशीलता व बौद्धिक स्तर के विकास के लिए मिशाल व रामबाण साबित होगा।
प्रशिक्षक मो बेलाल ने बताया कि बताया कि यहां से सभी प्रशिक्षु संकुल पर जाकर संकुलवार प्रत्येक प्रारंभिक विद्यालय के वर्ग एक से तीन के एक शिक्षक व संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को प्रशिक्षण देंगे व शिक्षा के स्तर में बुनियादी सुधार लाने में अपना श्रेष्ठतम सहयोग प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण बुनियादी शिक्षा व बच्चों के चहुमुखी विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। प्रशिक्षक श्रीकृष्ण सिंह व मृत्युंजय भारती ने बताया कि इस प्रशिक्षण से बच्चों में क्रियात्मकता, सक्रियता व सजगता बनी रहेगी व सरसता का वातावरण कायम रहेगा। बच्चें कदापि पढ़ाई को बोझिल व उबाऊ नहीं समझेंगे ।
इस प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर रितेश कुमार, शैलेन्द्र कुमार प्रसाद, श्रीकृष्ण सिंह, मृत्युंजय भारती, मो बेलाल, घनश्याम तिवारी, योगेन्द्र सिंह ने प्रशिक्षण प्रदान किया। इनके माध्यम से बच्चों को विद्यालय से जुड़े रखने के लिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण के अंतिम सत्र में डायट के प्राचार्य राहुल पटेल व गुणवत्ता शिक्षा के प्रभारी उमेश उपाध्याय ने अनुश्रवण के क्रम में प्रतिभागियों को कई सुझाव आमंत्रित किए ताकि चहक को प्रभावशाली ढंग से धरातल पर उतारा जा सके। डायट के प्राचार्य राहुल पटेल ने बताया कि सीखने व समझने की चाहत बेहतर शिक्षक की कुंजी होती है। हर दिन नया सीखने की चाहत रखने वाले ही भविष्य के आदर्श शिक्षक होंगे। इस दौरान प्रशिक्षु शिक्षकों ने प्रशिक्षण के दौरान मिले अनुभव को साझा किया। सत्र का समापन चहकोत्सव मनाने के उपरांत किया गया।
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