बिहार में एनडीए पर संकट बढ़ता जा रहा है,क्यों?
समर्थन देने पर RJD के अंदर मतभेद
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में एनडीए पर संकट बढ़ता जा रहा है. पल-पल बदलती परिस्थति और नेताओं के बयान से सरकार की सेहत का अंदाजा लगाया जा सकता है. भाजपा और जदयू के बीच संबंधों की समीक्षा हो रही है. जदयू ने जहां अपने विधायकों की बैठक बुलाई है, वहीं भाजपा आलाकमान ने भी रविशंकर प्रसाद और शाहनवाज हुसैन को दिल्ली तलब किया है.
अगले दो तीन दिनों में तय होगी तस्वीर
ऐसे में दोनों दल साथ रहेंगे या एक बार फिर अपने अपने रास्ते निकल पड़ेंगे, अगले दो तीन दिनों में यह तय हो जायेगा. इस बीच, पटना के सियासी गलियारे में अब यह चर्चा भी शुरू हो गयी है कि नीतीश कुमार अगर भाजपा का साथ छोड़ने का फैसला करते हैं तो गठबंधन से निकलने का इस बार उनका तरीका क्या होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा देंगे या भाजपा कोटे के मंत्रियों को बरखास्त करेंगे, यह सबसे बड़ा सवाल है.
2013 का इतिहास दोहरा सकते हैं नीतीश
नीतीश कुमार ने 2013 का इतिहास दोहरा सकते हैं. 2013 में नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ कर उसे सत्ता से बाहर कर दिया था. तब नीतीश कुमार ने तत्कालीन डिप्टी सीएम सुशील मोदी समेत भाजपा के सारे मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था. इस बार भी वो इतिहास दोहराया जा सकता है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की हैसियत से भाजपा के सारे मंत्रियों को बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से कर सकते हैं. राज्यपाल के पास मुख्यमंत्री की सिफारिश मानने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.
2017 की तरह इस्तीफा नहीं देंगे
जदयू मामले के जानकारों का कहना है कि 2017 की तरह नीतीश कुमार कैबिनेट भंग नहीं करेंगे. 2017 में नीतीश कुमार ने राजद से पल्ला झाड़कर कैबिनेट भंग कर दिया था और राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था. उसके बाद नीतीश कुमार ने भाजपा के समर्थन से फिर से नयी सरकार बनायी थी. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार इस बार ऐसा नहीं करेंगे. जानकारों का कहना है कि 2017 की तरह इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं उठता. जेडीयू के एक नेता ने कहा कि हमें मालूम है कि राजभवन में बैठे राज्यपाल भाजपा के हैं. अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा दे देंगे, तो नयी सरकार के बनने में अडंगा लगाने की गुंजाइश बनेगी. हम ये मौका नहीं देने जा रहे हैं.
गठबंधन बचाने की कोशिशें जारी
फिलहाल गठबंधन बचाने और एनडीए पर आये संकट से बाहर आने का रास्ता निकाला जा रहा है. बिहार में नया सियासी समीकरण क्या होगा यह तो समय बतायेगा. हालांकि भाजपा के थिंकटैंक इस खेल को रोकने के लिए सारी ताकत लगा रहे हैं. सवाल ये है कि क्या भाजपा नाराज नीतीश कुमार को मना पायेगी. भाजपा बिहार में सत्ता से बेदखल होना अभी नहीं चाहेगी, ऐसे में भाजपा आलाकमान उन शर्तों पर विचार कर सकता है जिसको लेकर नीतीश कुमार की नाराजगी बतायी जा रही है. नीतीश कुमार क्या भाजपा से अब और समझौता कर पायेंगे. अगले दो दिनों में इन तमाम सवालों का जबाव मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है.
राजद ने किया समर्थन का वादा
एनडीए के बीच बढ़ती दरार और जदयू के भाजपा से अलग होने की अटकलों के बी राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी कहा है कि नीतीश कुमार अगर भाजपा से अलग होना चाहेंगे, तो हमारे सामने सिर्फ एक ही रास्ता है उनको समर्थन करना. हम सरकार को गिरने नहीं दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर नीतीश भाजपा से अगल हो गए तो उस स्थिति में हम सरकार को गिरने नहीं देंगे. हमारा दायित्व बनता है कि नीतीश कुमार अगर एनडीए से बाहर निकले हैं, तो हम उनका समर्थन करें. हमारे सामने दूसरा कोई विकल्प नहीं है. नीतीश एनडीए से अलग होते हैं तो आरजेडी को उनका साथ देना ही है. अगर भाजपा से कोई अलग होता है तो हम उसका छाती खोलकर स्वागत करेंगे.
बिहार की सियासत में बड़े उलट फेर के कयास के बीच जदयू, आरजेडी, कांग्रेस और हम पार्टी अपने नेताओं के साथ बैठक करने वाली है. बताया जा रहा है कि बिहार में नीतीश कुमार भाजपा का साथ एक बार फिर से छोड़ सकते हैं. ऐसे में राजद की रणनीति की तरफ लोगों की निहागें लगी हुई है. मगर बिहार में जारी राजनीतिक उठा पटक के बीच राजद के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समर्थन देने को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. राजद के वरिष्ठ नेता अलग-अलग सूर में बयान दे रहे हैं. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सोमवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने नीतीश कुमार पर पूछे एक सवाल के जवाब में कहा कि अब RJD और JDU का गठबंधन कभी नहीं हो सकता है. जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवनंद तिवारी ने कहा कि नीतीश अगर BJP से अगल होते हैं तो हम छाती खोलकर उनका स्वागत करेंगे. हालांकि राजद ने साफ कर दिया है कि किसी भी मसले पर पार्टी में अंतिम निर्णय तेजस्वी यादव का ही होगा.
नीतीश के लिए राजद का दरवाजा बंद: जगदानंद सिंह
जगदानंद सिंह ने सोमवार को कहा कि नीतीश कुमार के साथ राजद कभी भी सरकार नहीं बनाएंगी. उनके लिए हमारे दरवाजे बंद है. सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार को आमंत्रण भी हमने नहीं दिया था. वहीं उन्होंने बताया कि मंगलवार को राबड़ी देवी के आवास पर होने वाले बैठक में मुख्य मुद्दा आरजेडी विधायकों की बैठक सदस्यता अभियान, 2024-25 के चुनाव, संगठन की मजबूती को लेकर बात आदि होंगे. राजद में संगठन का चुनाव होने वाला है. इसको लेकर भी कल बैठक बुलाई गई है. जदयू आरसीपी सिंह या किसी को निकाले ये उसका अंदरूनी मामला है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने सभी प्रवक्ताओं के पावर को सीज कर लिया है. अब जो बयान होगा तेजस्वी यादव और मैं दूंगा.
नीतीश को समर्थन देना हमारा दायित्व: शिवानंद तिवारी
सोमवार को शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार को समर्थन देने को पार्टी का दायित्व बताया है. उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार सरकार से अगल होते हैं तो ऐसे में साफ है कि बीजेपी उनसे विश्वास मत साबित करने के लिए कहेगी. ऐसी स्थिति में राजद का दायित्व बनता है कि अगर नीतीश कुमार एनडीए से निकलते हैं तो हम उनकी सरकार का समर्थन करें। हमारे पास इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता ही नहीं है। हम छाती खोलकर उनका स्वागत करेंगे।
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