सभी सांसदों और विधायकों की मर्जी से छोड़ा एनडीए का साथ: नीतीश कुमार

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात करके अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने राज्यपाल से मिलने के लिए शाम चार बजे का समय मांगा था. मगर वो राजभवन करीब 20 मिनट पहले पहुंच गए. उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी राजभवन के सामने खड़े थे. बताया जा रहा है कि इस्तीफा देने के साथ नीतीश कुमार ने महागठबंधन के 160 विधायकों के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने बताया कि बुधवार को नयी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है.

सभी सांसदों और विधायकों की मर्जी से छोड़ा एनडीए का साथ: नीतीश कुमार

बिहार के राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद जदयू नेता नीतीश कुमार ने कहा कि सभी सांसद और विधायक आम सहमति पर हैं कि हमें एनडीए छोड़ देना चाहिए. इसके तुरंत बाद मैंने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. ये पूछने पर कि बीजेपी ये उन्हें या पार्टी को क्या परेशानी थी नीतीश कुमार ने कहा कि इस सवाल का जवाब वो आगे देंगे. इसका बाद वो सीधे वहां से राबड़ी देवी के आवास के लिए रवाना हो गए.

राबड़ी देवी के आवास पर जमा हुए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता

राबड़ी देवी के आवास पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद हैं. नयी सरकार में बताया जा रहा है कि कांग्रेस और राजद से दो उपमुख्यमंत्री होंगे. हालांकि महगठबंधन ने साफ कर दिया कि उन्होंने अपना नेता नीतीश कुमार को ही माना है. इधर बताया जा रहा है कि राबड़ी देवी के आवास पर जश्न की पूरी तैयारी शुरू हो गयी है. वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन ने बयान देते हुए कहा कि भाजपा ने हमेशा से जदयू को अपमानित किया है. साथ ही, बीजेपी जदयू को खत्म करना चाहती थी. पार्टी में भाजपा के खिलाफ विधायकों की प्रतिक्रिया को देखते हुए जदयू ने ये फैसला लिया है.

बिहार की राजनीति में बड़ा उथल पुथल चल रहा है. शनिवार को आरसीपी सिंह के इस्तीफे के साथ शुरू हुआ तनाव अब एनडीए में टूट का रूप लेकर सामने आ रहा है. नीतीश कुमार के आवास पर हुई बैठक में फैसला ले लिया गया है कि जदयू एनडीए से अगल हो रही है. अब इसकी औपचारिक घोषणा बाकि है. हालांकि बिहार में दिख रही राजनीतिक द्वंद की शुरूआत महीनों पहले हो गयी थी. जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर भी नीतीश कुमार भाजपा के विचार से काफी अलग दिखे. वो केंद्र सरकार की कई अहम बैठक से मौजूद नहीं दिखे थे.

बिहार में 243 विधानसभा सीट, मगर 242 विधायकों की होगी गणना

बिहार में कुल विधानसभा सीटों की संख्या 243 है. इसमें एक सीट खाली है. ऐसे में पूरा समीकरण 242 सीटों पर होगी. सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का साथ चाहिए. ऐसे में राज्य में राजद के पास 79, बीजेपी के पास 77, जदयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19, सीपीआईएमएल के पास 12, एआईएमआईएम के पास एक, सीपीआई के पास 2, सीपीआई के पास एक और हम के पास चार विधायक हैं.

महागठबंधन के नेतृत्व में बनेगी सरकार

वर्तमान में जदयू के पास अपने 45 विधायक हैं. ऐसे में उसे सरकार बनाने के लिए 77 और विधायकों की जरूरत पड़ेगी. अब चूकी नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है. ऐसे में कांग्रेस का पूरा साथ मिलेगा. इसके 19 विधायक भी नीतीश कुमार झोली में चले गए. सीपीआई ने भी नीतीश कुमार को समर्थन देने की घोषणा की है. ऐसे में दो विधायकों का साथ मिलेगा. कांग्रेस महागठबंधन की संयोजक पार्टी है. ऐसे में उसके हाथ बढ़ाने से महागठबंधन की अन्य पार्टियों के हाथ भी नीतीश कुमार की तरफ बढ़ सकते हैं. ऐसे में केवल जदयू और कांग्रेस के 19 विधायको को मिलाकर 64 विधायकों का समर्थन मिल जाएगा. हालांकि फिर भी नीतीश की सरकार नहीं बनेगी. ऐसे में राजद का कद बिहार में बढ़ जाएगा.

बिहार में बढ़ जाएगा राजद का राजनीतिक कद

वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में राजद राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. राजद के पास बीजेपी से ज्यादा यानि 79 विधायक हैं. ऐसे में केवल जदयू और राजद भी मिलती है तो आंकड़ा 122 तक पहुंच जाता है. फिर कांग्रेस के 19 विधायकों के साथ 141 का आंकड़ा मिलता है. इन आंकड़ों में 12 कम्यूनिस्ट पार्टी और 4 हम के विधायकों का समर्थन मिले तो नीतीश कुमार के पास 157 विधायकों का समर्थन होगा. जो वर्तमान की सरकार को प्राप्त बहुमत से ज्यादा है.

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