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हम कब तक महिला समानता दिवस मनाते रहेंगे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

महिला समानता दिवस का इतिहास

अमेरिका में 1853 से महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई शुरू हुई थी, जिसमें महिलाओं ने विवाहोपरांत संपत्ति पर अधिकार की मांग की थी। उस दौरान अमेरिका ही नहीं बल्कि कई पश्चिमी देशों में महिलाओं को गिने-चुने अधिकार दिए गए थे और पुरुषों की तुलना में उनके साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया जाता था। इसके बाद साल 1890 में अमेरिका में ‘नेशनल अमेरिकन वुमेन सफरेज एसोसिएशन’ का गठन किया गया। इस संगठन ने महिलाओं को वोट डालने का अधिकार देने की बात की। इसके बाद साल 1920 में महिलाओं को अमेरिका में मत (वोट) देने का अधिकार प्राप्‍त हुआ।

महिला समानता दिवस का महत्‍व

महिलाएं अपने अधिकारों के लिए घर ही नहीं ऑफिस तक में लड़ाई लड़ रही हैं। पुरुषों की वही पुरानी और परंपरावादी सोच का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन जैसे ही उन्हें मौका मिला, महिलाओं ने कई बड़ी जिम्मेदारियों को निभाकर यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। राजनीति हो या बिजनेस, साइंस हो या फिर घर-गृहस्थी हर क्षेत्र में वो अपनी काबिलियत दिखा रही हैं।

महिला समानता दिवस 2022 की थीम

इस साल महिला समानता दिवस की थीम है, जो कि “हार्ड वोन … नॉट डन (Hard Won…Not Done)” है।

 

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