भगवानपुर व सकरी में महावीरी अखाड़ा मेला की चल रही है तैयारियां

भगवानपुर व सकरी में महावीरी अखाड़ा मेला की चल रही तैयारियां

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श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सीवान (बिहार):

सीवान जिले के भगवानपुर हाअ प्रखंड के भगवानपुर व सकरी में दो वर्षों के बाद महावीरी अखाड़ा व मेले की तैयारियां चल रही हैं। कोरोना से उबरने पर दो वर्षों बाद इस वर्ष भगवानपुर व सकरी में मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसका आयोजन भादो माह के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को भगवानपुर व सकरी में हनुमान जी की पूजा अर्चना करने अखाड़ा निकालने व दूसरे दिन मेला की परंपरा रही है। इस वर्ष पांच सितंबर की रात अखाड़ा व छह सितंबर को मेला आयोजित होने वाला है। दो वर्षों के बाद मेला के आयोजन को लेकर अखाड़ा समितियों में काफी उत्साह दिखाई दे रहा है। दुकानदार भी मेले को लेकर काफी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। वहीं बच्चों व युवाओं में भी मेले को लेकर उत्साह है। पिछले दो वर्षों में प्रशासनिक स्तर पर मेला के आयोजन की अनुमति नहीं मिलने से इसका आयोजन नहीं हो पाया था। मात्र पूजा करके अखाड़ा की औपचारिकता पूरी हुई थी। लेकिन इस बार मेले को लेकर लोग उत्साहित हैं।

 

भगवानपुर में धड़ल्ले से चल रहे एक सौ एस अधिक निजी विद्यालय
प्रशासन के मौन स्वीकृति से आर्थिक शोषण के शिकार हो रहे अभिभावक
विभाग के दोहरी नीति से कारण पंजकृत निजी विद्यालय संचालकों में है रोष
श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सीवान (बिहार):

प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों में लगभग एक सौ से अधिक निजी विद्यालय अवैध तरीके से संचालित हो रहे है । जिसे प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही या मौन स्वीकृति
कहा जाय । इसका खामियाजा इन विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे गरीब परिवार के छात्र छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है । अवैध तरीके से संचालित हो रहे ऐसे विद्यालयों के मुख्य द्वार पर बड़े बड़े बोर्ड लगाए गए है । जिसमे उतम शिक्षा का एक मात्र केन्द्र लिखा गया है । वहीं प्रखंड क्षेत्र में लगभग दो दर्जन के करीब निजी विद्यालय के संचालकों ने शिक्षा विभाग के निर्देश का पालन करते हुए सभी शर्तों को पूरा कर अपने विद्यालयों को विभाग से पंजकृत करा रखा है । ऐसे विद्यालयों के संचालकों का आरोप है कि विभाग उन लोगो के साथ दोहरी नीति अपनाता है । अन्यथा सिर्फ पंजकृत विद्यालयों पर अपने हुकूमत चलाते । ज्ञात हो कि निजी विद्यालय के लिए सरकार का गाइड लाइन है की अपने छात्र क्षमता का 25 प्रतिशत गरीब परिवार के बच्चों का नामांकन निः शुल्क करना है । इस आदेश का कमोबेश पंजकृत विद्यालय पालन करता है लेकिन गैर पंजकृत एक सौ से अधिक विद्यालय पालन नहीं करते ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार निजी विद्यालयों में शुल्क के नाम पर अभिभावकों का आर्थिक शोषण होने की बात भी समय समय पर सामने आते रहे है । निजी विद्यालय संचालक अपनी मनोपोली अभिभावकों पर थोप कर रखते है ।
कहती है बी ई ओ …. बी ई ओ रीता कुमारी ने कहा कि एक भी निजी विद्यालय बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित नहीं होगा । अब तक रजिस्ट्रशन जिन निजी विद्यालयों द्वारा नहीं कराया गया है । उनकी सूची तैयार कर जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेज करवाई के लिए लिखा जाएगा ।

 

दो दिनों से हो रही वर्षा की हर बूंद फसलों के लिए साबित हो रहा अमृत
किसान हल्की बारिश से ही दिख रहे खुशहाल

श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सीवान (बिहार):
कहा जाता है कि भादो माह में हर तरफ जल ही जल होता है लेकिन इस वर्ष भादो मास सूखा साबित हो रहा था । गर्मी के कारण लोग परेशान हो उठे थे । पानी के अभाव में धान , मक्का , साग सब्जियों के फसल सूखने लगे थे । शनिवार के शाम से लगातार कभी तेज तो कभी फुहार के रूप में लगातार हो रहा वर्षा से खेतों में लगे फसल अमृत साबित ही रहा है । वहीं धरती की भी प्यास बुझने लगा है । दो दिन से हो रही वर्षा के कारण मौसम भी सुहाना हो गया है । लोगो को गर्मी से निजात मिल गया है । वर्षा होने से किसानों के खुशी देखी जा रही है । किसानों का
कहना है कि देर ही सही लेकिन कुछ लाभ होने की आश जगी है । कृषक ओम प्रकाश पांडेय , दूधनाथ सिंह , अमर नाथ सिंह , रघुवर पांडेय , लाल बहादुर सिंह सुदर्शन पासवान ने बताया कि इस बार वर्षा का काफी कम होना किसानों के लिए काफी चिंता की बात है । धान के साथ साथ सभी तरह के खरीफ फसल के आलावा रवी फसल पर विपरीत असर पड़ने की संभावना बढ़ गई थी लेकिन कम ही सही कुछ वर्षा होने से तत्काल लाभ मिलने के संभावना बढ़ी है । कृषक ओम प्रकाश पांडेय ने इस वर्षा को स्वाति की बूंद से तुलना की है । जिस तरह से पपिहा स्वाति के एक बूंद के लिए तरसता है ।ठीक किसान और खेतो में लगे फसल भी वर्षा के एक एक बूंद के लिए तरस रहे थे ।
कृषि बैज्ञानिक डॉ अनुराधा रंजन कुमारी ने कहा कि यह वर्षा का पानी फसलों के लिए अमृत साबित होगा । उन्होंने कहा कि इस वर्षा से फसलों के पतियों पर जमे धूलकण धूल जायेगे । जिससे पौधों की श्वसन क्रिया तेज हो जाएगी । जिससे पौधों में वृद्धि , विकास एवं उत्पादन में बृद्घि होगी ।

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