मृतकों के परिवार को मुआवजा और आम माफी का ऐलान करे नीतीश सरकार–सुशील मोदी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा संसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार से राज्य में शराबबंदी से जुड़े मामलों में जेलों में बंद एक लाख से भी ज्यादा लोगों को आम माफी देने और जहरीली शराब पीने से मरने वालों के परिवारों को चार लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
सुशील मोदी ने बुधवार को कहा कि बिहार में शराबबंदी से जुड़े मामलों में एक लाख से भी अधिक लोग जेलों में बंद हैं, जिनमें 90 प्रतिशत महादलित, आदिवासी और अति पिछड़ा वर्ग के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इनके लिए सरकार की ओर से एक बार आम माफ़ी का एलान होना चाहिए। इसके बाद यदि वे दोबारा ऐसी गलती करते हैं तो उनके खिलाफ जरूर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
मुआवजे का ऐलान करे सरकार
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने जहरीली शराब पीने से मरने वाले सभी लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग की। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी भाजपा बिहार में पूर्ण शराबबंदी की समर्थक है।
पुलिस बर्बरता पर एक्शन लें नीतीश कुमार
सुशील मोदी ने बताया कि आज वह सारण जिला के गरखा प्रखंड के पीठी गांव गए थे, जहां 24 अगस्त को शराब बेचने के आरोप में 20 वर्षीय सिकंदर मांझी को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस हिरासत में हुई पिटाई के कारण गिरफ्तारी के चार दिन बाद छपरा सदर अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
उसके शरीर पर पिटाई के कारण चोट के कई निशान थे। उन्होंने सरकार से गरखा थाना के पुलिसकर्मियों को निलंबित करने और उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं राज्य की पुलिस व्यवस्था और सरकार के चरित्र को उजागर करती हैं। पुलिस हिरासत में पिटाई से किसी भी व्यक्ति की मौत पुलिस व्यवस्था और राज्य में कानून के शासन पर वाजिब सवाल खड़े करती है।
जो सबसे भ्रष्ट वही 2024 में होगा विपक्ष का नेता–संजय जायसवाल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलंगाना सीएम केसीआर की मुलाकात पर बीजेपी ने तंज कसा है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि जल्द ही विपक्ष के दो दर्जन तथाकथि 2024 के प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन होगा। उनमें से नेता यानी पीएम कैंडिडेट वही चुना जाएगा जो सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा। वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने केसीआर और नीतीश कुमार की मुलाकात को विपक्षी एकता का कॉमेडी शो करार दिया है।
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा कि अब जाकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को बिहार आने का मौका मिला। आज वह रबर स्टैंप मुख्यमंत्री को धन्यवाद देने आ रहे हैं कि तेलंगाना के राजपरिवार से ज्यादा भ्रष्ट बिहार के राज परिवार को बचाने के लिए बहुत-बहुत आभार। जल्द ही दो दर्जन तथाकथित 2024 के प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन होगा और नेता वही चुना जाएगा जो सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार को अपने प्रदेश में संपोषित करेगा।
इससे पहले सुशील मोदी ने कहा कि तेलंगाना सीएम केसीआर भी आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की तरह परिवारवाद और भ्रष्टाचार में डूबे हैं। उनका जनाधार खिसक रहा है। नीतीश कुमार से उनका मिलना विपक्षी एकता के कॉमेडी शो का ताजा एपिसोड होगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में केसीआर अपनी बेटी कविता को चुनाव नहीं जीता पाए थे। 2014 में लालू यादव भी अपनी बेटी को लोकसभा नहीं भेज पाए थे।
2024 के लोकसभा चुनाव में देश भर के भाजपा विरोधी विपक्षी दलों में एकजुटता का खेल शुरू हो गया है। बिहार में बीजेपी को अलग-थलग छोड़कर सात पार्टियां एक साथ महागठबंधन में आ गई हैं जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं। बुधवार को बिहार दौरे पर आ रहे तेलंगाना के सीएम और टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव नीतीश के साथ लंच करेंगे। केसीआर नीतीश के अलावा लालू यादव और तेजस्वी यादव से भी मिल सकते हैं।
केसीआर के नाम से मशहूर टीआरएस प्रमुख लगातार राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं और कई बार उन्होंने इसकी नाकाम कोशिश भी की है। नीतीश कुमार भी नए सत्ता समीकरण में विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अब उनको पीएम कैंडिडेट बनाने की बात करने लगे हैं। जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग पटना में 3 और 4 सितंबर को है जिसमें 2024 के चुनाव में नीतीश की भूमिका को लेकर पार्टी का मन और ज्यादा साफ होकर सामने आ सकता है।
क्या हैं केसीआर के बिहार दौरे के मायने?
वैसे तो आधिकारिक तौर पर केसीआर गलवान घाटी में शहीद सैनिकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने बिहार आ रहे हैं लेकिन जिस समय आ रहे हैं उसने उनके दौरे का रंग बदल दिया है। तेलंगाना का 2014 में सीएम बनने के पहले केसीआर का यह पहला बिहार दौरा है। केसीआर ने बीजेपी मुक्त भारत का नारा भी दिया है जैसा नारा नीतीश कुमार ने 2014 के लोकसभा चुनाव में आरएसएस मुक्त भारत का दिया था। इसी साल जनवरी में तेजस्वी यादव समेत कुछ आरजेडी नेता केसीआर से मिलने हैदराबाद भी गए थे जिसमें विपक्षी एकता की ही बात हुई।
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