आईएनएस विक्रांत भव्य है, विशेष है- पीएम
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोचीन में देश के पहले स्वदेशी युद्धपोत INS विक्रांत को भारतीय नौसेना को समर्पित किया. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे.
समंदर में दिखेगा भारत की ताकत
स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर IAC विक्रांत भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा और जटिल युद्धपोत है इसका नाम 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर रखा गया है, जो पूरी तरह से तैयार है.
पीएम मोद ने कहा विक्रांत बड़ा और भव्य है, विक्रांत अलग है, विक्रांत विशेष है. विक्रांत सिर्फ एक युद्धपोत नहीं है, यह 21वीं सदी के भारत की कड़ी मेहनत, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
भारत ने गुलामी के एक निशान अपने सीने से उतारा- पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है. आज भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है. आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है. अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी. लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा.
समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति- PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, सेनाओं में किस तरह बदलाव आ रहा है उसका एक पक्ष मैं देश के सामने रखना चाहता हूं, विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी. समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है.
भारतीय एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी- PM
समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, केरल के समुद्री तट पर पूरा भारत एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है. INS विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन, विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है.
आज भारत के बुलंद होते हौसले- पीएम
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज यहाँ केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है. INS विक्रांत पर हो रहा ये आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है.
भारतीय नौसेना अब और होगी मजबूत- राजनाथ
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय नौसेना हमेशा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संकटों के लिए पहली प्रतिक्रिया के रूप में तैयार है. आईएनएस विक्रांत के चालू होने से भारतीय नौसेना की क्षमता और मजबूत होगी.
आईएनएस विक्रांत के नाम पर क्यों रखा गया नाम
विमानवाहक पोत को भारतीय नौसेना के इन-हाउस संगठन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो’ (डब्ल्यूडीबी) की ओर से डिजाइन किया गया और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) की ओर से निर्मित इस स्वदेशी विमानवाहक पोत का नाम 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले देश के पहले आईएनएस विक्रांत के नाम पर रखा गया है. विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है और इसकी अधिकतम गति 28 नॉट्स है तथा यह 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है. विक्रांत में लगभग 2,200 कंपार्टमेंट हैं, जिन्हें चालक दल के 1,600 सदस्यों के लिए तैयार किया गया है.
आईएनएस विक्रांत की 10 सबसे बड़ी खासियत
- आईएनएस विक्रांत के चालू होने से भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देशों के चुनिंदा समूह में शामिल हो जाएगा, जिनके पास स्वदेशी रूप से डिजाइन और विमान वाहक बनाने की क्षमता है.
- आईएनएस विक्रांत भारत में बनने वाला पहला विमानवाहक पोत है और भारत में बनने वाला सबसे बड़ा जहाज है.
- आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है और इसकी अधिकतम गति 28 समुद्री मील है.
- आईएनएस विक्रांत का लगभग 45,000 टन का पूर्ण विस्थापन है, जो अपने पूर्ववर्ती की तुलना में बहुत बड़ा और अधिक उन्नत है.
- विमानवाहक पोत में 2,300 डिब्बे हैं, जिन्हें लगभग 1,700 के चालक दल के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें महिला अधिकारियों और नाविकों को समायोजित करने के लिए विशेष केबिन हैं.
- जहाज पर अन्य विशेषताओं में नवीनतम उपकरणों के साथ एक पूर्ण चिकित्सा परिसर शामिल है, जिसमें फिजियोथेरेपी क्लिनिक, आईसीयू, प्रयोगशालाएं और आइसोलेशन वार्ड शामिल हैं.
- आईएनएस विक्रांत के पास 30 विमान और हेलीकॉप्टर संचालित करने की क्षमता है. मिग-29के लड़ाकू जेट, कामोव-31 हेलीकॉप्टर और एमएच-60आर बहु-भूमिका हेलीकॉप्टर शुरू में वाहक पर तैनात किए जाएंगे.
- IAC विक्रांत का फ्लाइट डेक लगभग दो फुटबॉल मैदानों के आकार का है और इसके गलियारों से चलने पर, एक आठ किलोमीटर की दूरी तय करेगा.
- वाहक विमान को लॉन्च करने के लिए स्की-जंप से लैस है और जहाज पर उनकी वसूली के लिए ‘गिरफ्तारी तारों’ की एक श्रृंखला है.
- आईएसी पर आठ बिजली जनरेटर कोच्चि शहर को रोशन करने के लिए पर्याप्त हैं. विमान वाहक 88 मेगावाट की कुल शक्ति के साथ चार गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है.
नए नौसेना ध्वज का भी अनावरण
पीएम नरेंद्र मोदी कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से लैस युद्धपोत का जलावतरण करेंगे. प्रधानमंत्री इस अवसर पर औपनिवेशिक अतीत को खत्म करते हुए नए नौसेना ध्वज (निशान) का भी अनावरण करेंगे. मोदी ने दो सितंबर की तारीख को रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनने की दिशा में भारत के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया है क्योंकि देश में डिजाइन और निर्मित किए गए पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को सेवा में शामिल किया जाएगा.