नागपुरिया संविधान को नहीं होने देंगे लागू–स्पीकर अवध बिहारी चौधरी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने सीवान स्थित अपने आवास पर प्रेस वार्त्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में परिवर्तन की बयार बह रही है. नया जमाना आने वाला है. उन्होंने कहा कि अब बिहार में केवल कमाने वाला ही खाएगा और लूटने वाला जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने मुझे स्पीकर बनने का मौका दिया है. मुझे जो जिम्मेदारी मिली है, उसे पूरे ईमानदारी से निभाऊंगा.
‘बिहार परिवर्तन की तरफ’
अवध बिहारी चौधरी ने आगे कहा कि अब बिहार परिवर्तन की तरफ चल पड़ा है. एक दिन देश भी परिवर्तन की तरफ तरफ जाएगा. उन्होंने इशारे ही इशारे में केंद्र सरकार पर निशाना भी साधाा. वहीं, विधानसभा में पूर्व में घटित हुई घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर में जिस तरह कि घटनाएं हुई थी. वह काफी निंदनीय थी. इसकी चर्चा पूरे देश में हुई थी.
‘नियमसंगत कार्य करूंगा’
स्पीकर ने आगे कहा कि पूर्व में विधायकों के साथ न्याय के मंदिर विधानसभा में जुल्म और अत्याचार किया गया था. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि में न ही नाजायज करूंगा और ना ही नाजायज होने दूंगा. केवल विधि के अनुसार और नियमसंगत कार्य करूंगा. वहीं, बीजेपी पर निशाना साधते हुए राजद नेता अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि भजापा के पीछे आरएसएस और उसका नक्शा और डिजाइन है. बीजेपी के लोग नागपुर से नियंत्रित होते हैं.
‘नागपुरिया संविधान को नहीं होने देंगे लागू’
अवध बिहारी चौधरी ने आगे कहा कि भाजपा देश में बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर का संविधान खत्म कर के नागपुरिया संविधान को लागू करना चाहती है. जिसे हमलोग किसी भी हाल में लागू नहीं होने देंगे. वहीं, खुद को स्पीकर बनाए जाने पर उन्होंने लालू यादव, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के सभी दलों का आभार जताया.
‘नौजवान युवा सड़कों पर भटक रहे’
विधानसभा अध्यक्ष ने सीएम नीतीश के सवाल पर बोलते हुए कहा कि जो विलाप कर रही है उसमें कोई जान नही है. देश को टूटता देख और देश के नौजवान युवाओं को सड़कों पर भटकता देख नीतीश कुमार भाजपा से अलग हुए थे. अब बीजेपी वालों को यह बात हजम नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को जो भी विलाप करना है करें, हम लोगों को जनता ने चुना है. महागठबंधन की सरकार जनता के सरोकार के लिए कार्य करती रहेगी.
लालू के करीबी हैं अवध बिहार चौधरी
अवध बिहारी चौधरी सिवान के पटवा के रहने वाले हैं और एक किसान परिवार से आते हैं. उनका जन्म 17 अगस्त 1954 को हुआ था. अवध बिहारी यादव बिरादरी से आते हैं और सीवान में उनका दबदबा है. वो 6 बार विधायक रहे हैं. अवध बिहारी को लालू प्रसाद यादव का करीबी माना जाता है. कहा जाता है कि लालू यादव ने ही अवध बिहारी की सियासत में इंट्री कराई थी. अवध बिहारी लालू यादव के सबसे भरोसेमंद व्यक्ति में से एक माने जाते हैं.
अवध बिहारी आरजेडी की ओर से दूसरे स्पीकर
अवध बिहारी चौधरी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के दूसरे विधानसभा अध्यक्ष हैं। आरजेडी की स्थापना के बाद बीते 25 सालों में यह दूसरा मौका है, जब पार्टी को अपना स्पीकर बनाने का मौका मिला है। इससे पहले 1995 से 2000 तक आरजेडी नेता देवनारायण यादव विधानसभा अध्यक्ष रहे थे। इसके बाद आरजेडी गठबंधन में बिहार की सत्ता पर काबिज रही, लेकिन स्पीकर बनाने का मौका नहीं मिला था।
1985 में सीवान सीट से बने थे पहली बार विधायकः अवध बिहारी चौधरी का जन्म 17 अगस्त 1954 को सीवान के पटवा में एक किसान परिवार में हुआ था. वे छह बार विधायक रहे हैं. इनके पास चार दशक का सियासी अनुभव है. जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और सियासी संघर्ष से अपनी राजनीतिक जगह बनाई है. अवध बिहार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं. इसके अलावा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी इनके अच्छे संबंध है.
जमीन से जुड़े हुए नेता हैं काफी संघर्ष के बाद राजनीतिक में अपनी जगह बनाई है. कहा जाता है कि अवध बिहार चौधरी को सियासी बुलंदी पर लाने वाले सीवान से दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन की भी भूमिका रही है. अवध बिहार चौधरी जनता दल के टिकट पर पहली बार 1985 में सीवान सीट से विधायक बने थे, बाद में जब लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी बनाई तो उनके साथ हो लिए. इसके बाद साल 2005 तक लगातार सीवान से विधायक रहे. इस दौरान वह सरकार में मंत्री भी रहे है और कई विभागों की जिम्मेदारी संभाली.
2014 में थामा था जेडीयू का दामनः 2015 में बिहार की सत्ता बदली और उसके बाद अवध बिहार को लगातार हार का मुंह देखना पड़ा. अवध बिहारी चौधरी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद आरजेडी का दामन छोड़कर जेडीयू का हाथ थाम लिया. लेकिन जेडीयू ने विधानसभा उपचुनाव के दौरान सीवान सीट से अवध बिहारी चौधरी को टिकट ना देकर बबलू चौहान को दिया गया. तब अवध बिहारी ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. इसके बाद 2017 में जेडीयू छोड़कर फिर से आरजेडी में चले गए. आरजेडी ने एक बार फिर साल 2020 में सिवान सीट से उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया और वो जीत कर एक बार विधायक बने. अवध बिहारी चौधरी सीवान से 1985, 1990, 1995, 2000 और फरवरी, 2005 में विधायक चुने गए थे. 2020 में भी वह विधायक बने.
आरजेडी से नहीं मिला लोकसभा का टिकटः 2014 में अवध बिहारी चौधरी ने सिवान से लोकसभा सीट के लिए भी आरजेडी से टिकट मांगी लेकिन वो इसमें कामयाब नहीं रहे. 2014 में लोकसभा का टिकट पार्टी ने उन्हें ना देकर शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को दिया. तब अवध बिहार ने सिवान सीट पर बीजेपी के कैंडिडेट ओम प्रकाश यादव को समर्थन किया और आरजेडी की हिना शहाब को हार का मुंह देखना पड़ा. जबकि हिना के पति सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन ने ही उनकी राजनीतिक कैरिकर को बनाने में काफी मदद की थी.
स्पीकर चुनाव के लिए 2020 में बने थे विपक्ष के उम्मीदवारः साल 2020 के विधानसभा में वो एक बार फिर आरजेडी के टिकट पर सीवान सीट से जीत कर विधायक बने. हालांकि सरकार उनकी पार्टी की नहीं बनी. सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ एनडीए गठबंधन की सरकार बनाई और आरजेडी विपक्ष में बैठी. जब नई सरकार में विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए एनडीए ने बीजेपी के विजय सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया तो महागठबंधन की ओर से अवध बिहार चौधरी इस पद पर उम्मीदवार बने थे,
लेकिन जीत विजय कुमार सिन्हा ने हासिल की थी और अवध बिहार विधानसभा अध्यक्ष नहीं बन पाए थे. अब जब दोबारा महागठबंधन सरकार सत्ता में आई तो विधानसभा अध्यक्ष के लिए आरजेडी ने अवध बिहार चौधरी को ही इस पद के लिए बेहतर समझा और आज उनको निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष भी चुन लिया गया, क्योंकि क्योंकि विपक्ष की ओर से इस पद पर कोई उम्मीदवार नहीं था.