बिहार के सीवान में अपराधियों ने पुलिस गश्ती दल पर की अंधाधुंध फायरिंग, जवान की मौत
ठेला पर पिता का शव ले गया मजबूर बेटा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में सीवान जिले के सिसवन थाना क्षेत्र के गयासपुर गांव में मंगलवार एवं बुधवार की रात्रि करीब 2:45 बजे अपराधियों ने सिसवन थाने के पुलिस गश्ती दल पर अंधाधुंध फायरिंग कर एक पुलिस जवान की हत्या कर दी. अपराधियों द्वारा की गई अंधाधुंध फायरिंग में घर में सोया सीआरपीएफ का एक सेवानिवृत्त जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गया.
मृतक व घायल के नाम
मृत जवान का नाम बाल्मीकि यादव (35 वर्ष) है जो पटना के मसौढ़ी निवासी रामाशीष यादव का पुत्र था. घायल सीआरपीएफ का जवान का नाम सिराजुद्दीन खान है जो ग्यासपुर निवासी अब्दुल हमीद खान का पुत्र है. घटना के संबंध में थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि वे स्वयं जवानों के साथ ग्यासपुर गांव में गस्ती कर रहे थे.
गश्ती के दौरान अपराधियों का किया पीछा,फायरिंग
थानाध्यक्ष ने बताया गश्ती के दौरान ग्यासपुर गांव के मोड़ के समीप तीन व्यक्ति सड़क के किनारे बैठे थे. पूछताछ करने पर तीनों व्यक्ति भागने लगे. उन्होंने बताया कि जवान बाल्मीकि यादव ने अपराधियों का पीछा किया इसी क्रम में अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर पुलिस जवान को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया.
घर में सोए रिटायर्ड जवान को लगी गोली
अपराधियों द्वारा किए गए फायरिंग में घर में सोए सीआरपीएफ का सेवानिवृत्त जवान सिराजुद्दीन खान जख्मी हो उसने बताया कि उसे पता नहीं की उसे गोली कब जब खून से शरीर लथफथ हो गया तब उसे जानकारी हुई.अपराधियों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग किए जाने के जवाबी कार्रवाई में पुलिस द्वारा फायरिंग नहीं किए जाने के बात थानाध्यक्ष द्वारा बताई गई.
जवान की मौत
थानाध्यक्ष ने बताया कि जख्मी जवान के उपचार के लिए सीवान जाने के दौरान रास्ते में मौत हो गई. घटना के संबंध में ऐसी चर्चा है कि थानाध्यक्ष राजेश कुमार किसी शराब माफिया के यहां छापेमारी करने के लिए गए थे. पुलिस को देख शराब माफिया द्वारा फायरिंग किए जाने से जवान की मौत हुई है. घटना की सूचना मिलते हैं मृत जवान के साथी थानाध्यक्ष के कार्यशैली को लेकर काफी नाराज दिखे.
थानेदार पर आरोप
जवानों का आरोप था कि थानाध्यक्ष की लापरवाही के कारण उसके साथी की जान गई है. घटना के लगभग 3 घंटे बाद तक किसी वरीय पुलिस पदाधिकारी के सदर अस्पताल नहीं पहुंचे जाने को लेकर भी जवान काफी आक्रोशित थे. घटना की सूचना मिलते ही नगर इंस्पेक्टर जयप्रकाश पंडित सदर अस्पताल पहुंचे तथा मृत जवान के डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराया.
ठेला पर पिता का शव ले गया मजबूर बेटा
बिहार के मुंगेर सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था तो पूरी तरह बदहाल है ही, इसे साथ ही सदर अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों की मानवीय संवेदना भी पूरी तरह मरती जा रही है. कुछ ऐसा ही स्थिति मंगलवार की सुबह सदर अस्पताल में देखने को मिली, जहां एक पुत्र अपने मृत पिता के शव को ले जाने के लिए घंटों एंबुलेंस की तलाश करता रहा, लेकिन उसे एंबुलेंस नहीं मिल पाया. एंबुलेंस चालक ने भी सड़क खराब होने की बात कहकर शव को ले जाने से मना कर दिया. इसके बाद परेशान पुत्र ठेले पर पिता के शव को लेकर घर पहुंचा.
पिता की मौत के बाद एंबुलेंस की तलाश
बता दें कि सुंदरपुर निवासी 60 वर्षीय देवी दास को ब्रेथलेस की शिकायत पर उसके पुत्र राजू कुमार द्वारा सदर अस्पताल के इमरजेंसी में मंगलवार की सुबह 5:55 में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान सुबह 6:40 में उसकी मौत हो गयी. वहीं मौत के बाद उसका पुत्र राजू कुमार और पत्नी सीता देवी उसके शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की तलाश करने लगे.
रास्ता खराब होने की बात कहकर एंबुलेंस चालक ने मना किया
राजू कुमार ने बताया कि पिता की मौत के बाद वह लगभग आधे घंटे तक एंबुलेंस ढूंढ़ता रहा. लेकिन एंबुलेंस नहीं दी गयी. इसके बाद एक स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि बॉडी ले जाने के लिए एक छोटा एंबुलेंस है, जो शव को ले जाता है. जिसके बाद वह एंबुलेंस चालक के पास पहुंचा. लेकिन सुंदरपुर जाने का रास्ता खराब होने की बात कहकर एंबुलेंस चालक ने जाने से मना कर दिया.
पिता के शव को ठेला पर ले जाने की मजबूरी
राजू ने बताया कि उसने कई बार एंबुलेंस चालक को मनाने की कोशिश की, लेकिन एंबुलेंस चालक नहीं माना. इसके बाद वह अपने पिता के शव को उसी ठेले पर लेकर घर जा रहा है. जिस ठेले से वह अपने बीमार पिता को मौत से पहले सदर अस्पताल लेकर आया था. उसने बताया कि उसके पिता और वह कचरा चुनने का काम करता है. उसके परिवार में उसकी मां सीता देवी है.
कहते हैं अस्पताल प्रबंधक
सदर अस्पताल प्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि मरीज के परिजन द्वारा किसी से भी एंबुलेंस की मांग नहीं की गयी थी. वे लोग वृद्ध को ठेले पर लेकर आये थे. मौत के बाद ठेले पर ही लेकर चले गये.
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