क्या महारानी एलिजाबेथ ने तीन बार भारत का दौरा किया ?
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भारत में 11 सितंबर को एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ब्रिटेन में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार देश में आधी सदी से अधिक समय बाद पहली बार किसी का राजकीय अंतिम संस्कार होगा। इससे पहले 1965 में पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल को राजकीय सम्मान के साथ विदा किया गया था।ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक राजगद्दी पर रहीं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का बृहस्पतिवार को स्कॉटलैंड में उनके बाल्मोराल कैसल स्थित आवास पर निधन हो गया। वह 96 वर्ष की थीं।
महारानी के पति प्रिंस फिलिप का अंतिम संस्कार राजशाही परंपरा के अनुसार किया गया था।द इंडिपेंडेंट अखबार के अनुसार राजकीय अंतिम संस्कार में पार्थिव देह को तोप गाड़ी पर ले जाया जाता है जिसे रॉयल नेवी के सैनिक खींचते हैं।अखबार ने लिखा कि पार्थिव देह को संसद भवन में वेस्टमिंस्टर हॉल ले जाया जाता है। इसके बाद वेस्टमिंस्टर आबे या सेंट पॉल कैथेड्रल तक भी पार्थिव देह को ले जाया जाता है।राजकीय अंतिम संस्कार में 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
पिछले 295 वर्ष में राज परिवार के एकमात्र सदस्य एडवर्ड अष्टम का राजकीय अंतिम संस्कार नहीं किया गया था जिन्होंने स्वेच्छा से पद छोड़ा था।ब्रिटेन में पिछली बार राजकीय अंतिम संस्कार 1965 में चर्चिल का किया गया था और किसी राजा का अंतिम बार राजकीय अंतिम संस्कार 1952 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पिता जार्ज षष्ठम का किया गया था।बीबीसी के अनुसार महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की पार्थिव देह को करीब चार दिन वेस्टमिंस्टर हॉल में जनता के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा जिसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 11 सितंबर को भारत में राष्ट्रीय शोक रहेगा। इस दिन महारानी एलिजाबेथ के सम्मान में भारत में राष्ट्रध्वज आधा झुका रहेगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर शोक जताया। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें हमारे समय की दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने अपने देश और लोगों को प्रेरक नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता का परिचय दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा… उन्होंने सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता का परिचय दिया। उनके निधन से आहत हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं।”
दो दिन पहले आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर दिखी थीं
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय अपने निधन से दो दिन पहले आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर नजर आई थीं। उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस से मुलाकात की थी। महारानी ने ट्रस से नई सरकार बनाने को कहा था। महारानी का ट्रस के साथ हाथ मिलाते हुए फोटो है।
गुरुवार को स्कॉटलैंड में अंतिम सांस ली
70 साल तक महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने शासन करने के बाद गुरुवार को स्कॉटलैंड में अंतिम सांस ली। महारानी के निधन के बाद शाही परिवार में उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई। निधन के बाद किस तरह से पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाना है, इसके लिए ब्रिटेन की सरकार ने योजना बनाकर रखी है।
10 दिन बाद होगा अंतिम संस्कार
महारानी का अंतिम संस्कार उनके निधन के 10 दिन बाद होगा। इससे पहले उनके ताबूत को लंदन से बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर के पैलेस तक निधन के पांच दिन बाद औपचारिक मार्ग से ले जाया जाएगा। इस दौरान लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे, यह स्थल प्रतिदिन 23 घंटे तक खुला रहेगा। अंतिम संस्कार का दिन राष्ट्रीय शोक का दिन होगा, जिसमें वेस्टमिंस्टर एब्बे में होने वाली सेवा और पूरे ब्रिटेन में दोपहर में दो मिनट का मौन रखा जाएगा। अंतिम संस्कार के बाद रानी को विंडसर कैसल के किंग जॉर्ज षष्ठम मेमोरियल चैपल में दफनाया जाएगा।
एलिजाबेथ द्वितीय तीन बार भारत आईं
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय तीन बार भारत की यात्रा पर आए हैं। पहली बार दिल्ली के रामलीला मैदान में 1961 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का भव्य स्वागत किया गया था। यहां उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मौजूदगी में बड़ी सभा को संबोधित किया था। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक परिसर का औपचारिक उद्घाटन भी किया था। वे 1983 और 1997 में भी भारत आई थीं।
कुछ खास पल चली गई महारानी के
यूनाइटेड किंगडम की महारानी के पास पासपोर्ट नहीं था, क्योंकि देश के नागरिकों को वही पासपोर्ट जारी करती थीं, लेकिन उनके पास गोपनीय दस्तावेज़ रहते थे.
साल 1951 में एलिजाबेथ अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन से राजकुमारी के तौर पर मिली थीं, लेकिन1957 में क्वीन एलिजाबेथ II के तौर पर अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर वह तत्कालीन राष्ट्रपति ड्वाइट डी. आइजनहावर से मिली.
महारानी एलिजाबेथ II ने 1957 में ने पहली बार टीवी के माध्यम से लोगों को संबोधित किया.
पॉपुलर म्यूजिक बैंड ‘बीटल्स’ अक्टूबर 1965 में महारानी एलिजाबेथ II से मिलने बकिंघम पैलेस गया था.
महारानी एलिजाबेथ II ने 1986 ने चीन का दौरा किया. ये पहला मौका था जब ब्रिटेन की महारानी चीन गई हों.
ग्लोबल गुडविल टूर में चंद्रमा पर जाने वाले पहले शख्स नील आर्मस्ट्रांग, बज एल्ड्रिन और माइकल कोलिंस ने 14 अक्टूबर 1969 को बकिंघम पैलेस में महारानी एलिजाबेथ II से मुलाकात की थी.
महारानी एलिजाबेथ II ने पहली शाही यात्रा 1970 में ऑस्ट्रेलिया की थी.
महारानी एलिजाबेथ II ने जुलाई 1996 में साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) को बकिंघम पैलेस (Buckingham Palace) में आमंत्रित किया था.